थानेदारी नहीं, हो रही शराब बेचवाने की ठेकेदारी
बेगूसराय। जिले नहीं पूरे बिहार में पूर्ण शराबबंदी है। फिर भी शहर से लेकर गांवों तक अंग्रेजी और देसी शराब का बिकना आम बात है। सरकार जिस वर्दी की धौंस पर पूर्ण शराबबंदी की सपना देख रही है, वही वर्दी पहनने वाला थानेदार शराब बेचवाने का ठेकेदार भी निकलता है। सूखे में शराब से मिलीजुली कोई घटना होती है, तो विभागीय कार्रवाई में वह ट्रांसफ़र या सस्पेन्ड तक सिमट कर रह जाती है। फिर वही पुलिसिया धंधा शुरू हो जाता है। क्योंकि उन्हें पता है कि इससे ज्यादा कार्रवाई हो ही नहीं सकती। चलिये बेगूसराय जिले के लाखो ओपी क्षेत्र जहां पुलिसवाला खुलकर शराब बेचवाने की ठेकेदारी ले रखी है। कहीं देसी शराब खुल्लमखुल्ला बनवाई जा रही है तो कहीं डोर टू डोर शराब बिकवाई जा रही है। एक तरफ पुलिस शराब को बेचवा रही है, तो दूसरी तरफ नशे में चलते फिरते लोगों को फाड़कर हजारों रुपये लेने के बाद उसे छोड़ देते हैं। इससे पुलिस दोहरी कमाई करने में लगी है। इससे साबित हो रहा है कि कानून की रक्षा करने वाला ही कानून और सरकार को अंगूठा दिखा रहा है। लाखो ओपी क्षेत्र के शाहपुर, करबल्ला, सोनदीपी, लखनपुर, कोठिया, भगवानपुर, काशीमपुर, लाखो, बहदरपुर सहित कई ऐसे इलाके हैं, जहां धंधेबाजों के यहां जाकर पुलिस उगाही करती है। आखिर उगाही करेंगे क्यों नहीं,थाने में मुंशी से लेकर ड्राइवर और रसोइया प्राइवेट में सेवा दे रहे हैं। जो गश्ती में एनएच पर पैसों की वसूली करते हैं।