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देश में पहली बार श्रमिकों के हित में मोदी सरकार ने उठाए कई कदम 

नई दिल्ली । अमृत काल में एक विकसित राष्ट्र के निर्माण के लिए भारत के सपनों और आकांक्षाओं को साकार करने में भारत की श्रम शक्ति की बहुत बड़ी भूमिका है। भारत को फिर सबसे तेजी से विकास कर रहे देशों में से एक बनाने का बड़ा श्रेय हमारे श्रमिकों को ही जाता है। भारत जब आजादी के 75 वर्ष पूरे कर चुका है, तब भी यहां 85 से 90 प्रतिशत मजदूर असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं, जिन्हें पहले सामाजिक सुरक्षा सुविधाएं प्राप्त नहीं थी।

भारत के इतिहास में ये पहला मौका है, जब किसी सरकार ने श्रमिकों की सुध ली है। केंद्र 29 श्रम कानूनों को 4 श्रम कोड में शामिल कर चुकी है। वहीं असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए पांच मार्च 2019 को वृद्धावस्था में आर्थिक सुरक्षा देने वाली प्रधानमंत्री श्रमयोगी मान-धन योजना शुरू की थी। इस योजना की शुरुआत हुए चार वर्ष बीत गए है। इस दौरान योजना का लाभ देश के 49 लाख से अधिक श्रमिकों तक पहुंचा है। केंद्र का मानना है, कि असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले श्रमिक और कामगार देश की नींव है। इसकारण मोदी सरकार श्रमिकों के कल्याण और उनका जीवन आसान करने के लिए काम कर रही है। हालांकि मोदी सरकार से पहले तक किसी ने इनकी सुध नहीं ली थी। मगर मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना से आकस्मिक निधन या निशक्तता की दशा में आर्थिक सहायता का प्रबंध किया है। इसके अलावा सरकार ने श्रमिकों को बुढ़ापे के लिए भी सशक्त बनाया है। बुढ़ापे में आर्थिक सहारा देने के लिए प्रधानमंत्री श्रमयोगी मान-धन योजना शुरू की है। प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में शुरू प्रधानमंत्री श्रमयोगी मान-धन योजना की शुरुआत की गई जिसमें 13 फरवरी, 2023 तक 49.25 लाख लाभार्थियों ने पंजीकरण कराया है।

प्रधानमंत्री श्रमयोगी मान-धन योजना में असंगठित कामगारों को 60 वर्ष की आयु के बाद 3,000 रुपये मासिक पेंशन दी जाने की सुविधा दी गई है। इस योजना का लाभ लेने के लिए श्रमिकों को कॉमन सर्विस सेंटर पर जाकर आधार कार्ड और पासबुक के जरिए बायो मैट्रिक पंजीकरण कराना होता है। योजना का लाभ लेने के लिए खुद भी पंजीकरण किया जा सकता है, जो की ऑनलाइन होता है। इसके बाद खाते से हर महीने 50 प्रतिशत अंशदान ऑटो डेबिट करने की अनुमति देनी होती है। केंद्र सरकार की योजना के द्वारा  कमजोर आर्थिक स्थिति वाले लोगों में विश्वास पैदा हुआ है। इस योजना का लाभ उठाकर लोगों का भविष्य सुरक्षित हुआ है।

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