धर्म की स्थापना के लिए भगवान विष्णु ने लिया श्रीराम के रूप में अवतार
मोतिहारी। गुरुवार को स्थानीय महर्षिनगर स्थित आर्षविद्या शिक्षण प्रशिक्षण सेवा संस्थान-वेद विद्यालय में कुटुम्ब प्रबोधन के तत्त्वावधान में हर्षोल्लास के साथ श्रीरामनवमी उत्सव मनाया गया। वेद विद्यालय के प्राचार्य व कुटुम्ब प्रबोधन के विभाग संयोजक सुशील कुमार पाण्डेय ने रामनवमी उत्सव पर प्रकाश डालते हुए कहा कि श्रीराम सदाचार के प्रतीक हैं और इन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है। राम को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है जो पृथ्वी पर अजेय रावण के अत्याचारों को समाप्त करने तथा धर्म की पुनः स्थापना के लिए भगवान विष्णु ने मृत्युलोक में श्रीराम के रूप में अवतार लिया था। संस्कार भारती के जिला महा सचिव अधिवक्ता आलोक चन्द्रा ने अपने उद्बोधन में कहा कि भगवान श्रीराम की गुरु सेवा,जाति-पाति के भेदभाव को मिटाना,शरणागत की रक्षा,भ्रातृ प्रेम,मातृ पितृ भक्ति,पत्नी व्रत आदि की महानता को सम्पूर्ण मानव जाति को अपनाना चाहिए।
अन्य वक्ताओं में समाजिक समरसता के प्रांत सह संयोजक कृष्ण कुमार,राकेश तिवारी,रुपेश ओझा आदि ने अपने विचार व्यक्त किये।
कार्यक्रम के अन्तर्गत उपस्थित अतिथियों व वेदपाठी बटुकों द्वारा श्रीरामचरितमानस एवं रामरक्षा स्तोत्र का सामूहिक पाठ किया गया।