मप्र में चुनाव जीतने छग-राजस्थान की योजनाओं का सहारा लेगी कांग्रेस
भोपाल । मध्य प्रदेश में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में सरकार बनाने की रणनीति को लेकर प्रदेश कांग्रेस में जबरदस्त तैयारी चल रही है। कांग्रेस का मुख्य फोकस इस बात पर है कि कैसे पूरे मध्य प्रदेश के अंदर लोगों का ध्यान कांग्रेस की ओर आकर्षित हो। इसे देखते हुए मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने इंदौर, जबलपुर, रीवा, ग्वालियर, सागर, भोपाल, दतिया, गुना, उज्जैन सहित छिंदवाड़ा में बड़े कार्यक्रम और रैलियां आयोजित करने का फैसला किया है।
इसके साथ ही साथ प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने तय किया है कि प्रदेश में लंबे समय से हारी हुई विधानसभा सीटों पर बड़े कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इनमें रोड शो और रैलियां शामिल होंगी। अभी से इन क्षेत्रों में माहौल बनाने का काम प्रारंभ किया जाएगा। प्रदेश के सभी वरिष्ठ और युवा नेता इन रैलियों का नेतृत्व करेंगे।इसके चलते सभी को अलग-अलग जिले बार जिम्मेदारी भी दी जाएगी। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और कमलनाथ कार्यकर्ताओं के साथ लगातार जिलों में बैठकें कर रहे हैं। वे इस दौरान हारी हुई सीटों पर कार्यकर्ताओं से फीडबैक ले रहे हैं। कांग्रेस ने सभी विधानसभाओं में सितंबर-अक्टूबर के बीच बड़ी रैली आयोजित करने का प्लान बनाया है। इन रैलियों में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा सहित कांग्रेस के कई बड़े चेहरे भाग लेने मध्य प्रदेश में आएंगे।
इसके साथ ही साथ देश के जिन राज्यों में कांग्रेस की सरकार है, उन राज्यों के जनप्रतिनिधियों को भी मध्य प्रदेश में रैली करने के लिए आमंत्रित किया जाएगा।जिन सरकारी योजनाओं का लाभ कांग्रेस शासित प्रदेशों में जनता को मिल रहा है, उनकी जानकारी भी मध्य प्रदेश की जनता तक पहुंचाई जाएगी। इसके साथ ही नए वालों को समय से पहले जनता तक पहुंचाने के लिए अधिक से अधिक संवाद करने की योजना भी कांग्रेस बना रही है। कांग्रेस के रणनीतिकारों का मानना है कि कांग्रेस यदि अपनी हारी हुई सीटों को अपनी झोली में डालने में साबित होती है तो भाजपा की राह मुश्किल ही नहीं नामुमकिन हो जाएगी। इसीलिए जिन सीटों पर कांग्रेस का प्रदर्शन बीते तीन-चार चुनाव में खराब रहा है, उन सीटों पर विशेष फोकस कर कांग्रेस बड़ी चुनावी रैलियां आयोजित करने का भी प्लान बना रही है। इसमें पार्टी के शीर्ष नेतृत्व सहित प्रदेश भर के बड़े नेता शामिल होंगे।
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