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रेडक्रॉस के संस्थापक का मनाया जन्मदिन

 कटिहार। रेड क्रॉस सोसाइटी कटिहार के सदस्य चेयरमैन अनिल चमरिया के नेतृत्व में आज रेडक्रॉस के संस्थापक हेनरी ड्यूनेन्ट के जन्मदिन को मनाने के लिए रेड क्रॉस भवन पर एकत्रित हुए। आज ही के दिन 8 मई 1928 को रेडक्रोस संस्थापक का जन्म हुआ था। उनके जन्मदिवस को मानव सेवा में उनके योगदान तथा रेड क्रॉस स्वयंसेवकों के सेवा भाव को याद करने के लिए विश्व रेडक्रॉस दिवस के रूप मनाया जाता है। इस अवसर पर रेड क्रॉस अध्यक्ष सह जिला पदाधिकारी रवि प्रकाश उपस्थित थे। उन्होने अपने उद्बोधन में कहा की आज अपनी स्थापना के 160 में वर्ष में रेड क्रॉस लगभग दस करोड़ स्वयंसेवकों के सहयोग से विश्व के 195 देशों में मानव स्वास्थ्य तथा जीवन की रक्षा में हर पल हर क्षण लगी हुई। उन्होंने रेडक्रोस के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि उनके एक महीने के कार्यकाल में पीड़ित मानवता की सेवा में हमेशा प्रसाशन के साथ रेडक्रोस कार्य किया है। उन्होंने कहा कि रेड क्रॉस के अविस्मरणीय सेवा कार्यों के लिए इसे तीन तीन बार नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजा गया है। चेयरमैन अनिल चमरिया ने कहा कि रेड क्रॉस सोसाइटी की कटिहार शाखा प्रतिबद्धता के साथ पीड़ितों की मदद करने में सदैव अग्रणी भूमिका निभाती आई है। उपाध्यक्ष डॉ रंजना झा ने कहा कि आज विश्व रेडक्रॉस दिवस के अवसर पर आज समाज के अंतिम पंक्ति पर विद्यमान लगभग 60 महिलाओं एवं स्वयंसेवकों के बीच हाईजीन किट का वितरण भी किया गया।
रेडक्रोस सचिव संतोष गुप्ता ने कहा कि इस संस्था की पहचान के लिए सफ़ेद पट्टी पर लाल रंग के क्रास चिह्न को मान्यता दी गई। आज यह चिह्न पूरे विश्व में पीड़ित मानवता की सेवा का प्रतीक बन गया है। इसी प्रतीक चिन्ह के साथ झंडोटोलन भी किया गया। इसके साथ यह भी अति महत्त्वपूर्ण है कि विश्व का पहला ब्लड बैंक रेडक्रॉस की पहल पर अमेरिका में 1937 में खुला। आज विश्व के अधिकांश ब्लड बैंकों का संचालन रेडक्रॉस एवं उसकी सहयोगी संस्थाओं के द्वारा किया जाता है। प्रबंध समिति सदस्य आलोक सिन्हा नरेश साह ने कहा कि आज इस मौके पर रेडक्रोस संस्थापक के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दिया गया एवं केक काटकर उनका जन्मदिन मनाया गया। कोषाध्यक्ष पंकज पूर्वे ने कहा कि युद्ध में घायल सैनिकों की स्थिति से विचलित हेनरी डयूनेन्ट ने 9 फरवरी 1863 को जेनेवा में पांच लोगों की एक कमेटी बनाई। हेनरी की इस परिकल्पना का नाम था ‘इंटरनेशनल कमेटी फॉर रिलीफ टू द उन्डेड’। उसी वर्ष अक्टूबर में जेनेवा में ही एक अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन हुआ। इसमें 18 विभिन्न देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए। इसी में रेडक्रॉस को अमली जामा पहनाने का मसौदा तैयार किया गया। इस मौके पर प्रबंध समिति सदस्य बबन झा ने हाइजीन किट वितरित करने एवं लाभुकों को चिन्हित करने में मदद करते हुए कहा कि इस किट में 4 साबुन, सेनेटरी नैपकिन, टूथ ब्रश, पेस्ट, शेविंग किट आदि है। इस समारोह में प्रबंध समिति सदस्य के साथ कई लोग उपस्थित थे। वालंटियर में संजय गुप्ता, पवन कुमार, मनोज साह, प्रवीण केशरी, राजकिशोर यादव, राज अमन के साथ मनोज मंडल ने महती भूमिका निभाई।

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