मेलबर्नः विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार को यहां कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया ने अधिक विश्वसनीय और लचीली आपूर्ति श्रृंखला तथा सामरिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद-प्रशांत क्षेत्र में व्यापक और समावेशी वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए एक साथ मिलकर काम करने का संकल्प लिया है। ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मारिस पायने के साथ द्विपक्षीय बैठक और शुक्रवार को यहां क्वाड के विदेश मंत्रियों की अहम बैठक में भाग लेने के बाद जयंशकर ने एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उन्होंने पायने से क्षेत्रीय, बहुपक्षीय और वैश्विक मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की। साथ ही दक्षिण एशिया, दक्षिणपूर्व एशिया और सामरिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद-प्रशांत क्षेत्र में घटनाक्रम पर भी चर्चा की।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने कोविड की चुनौती से निपटने और अन्य मैत्रीपूर्ण देशों की खासतौर से टीकों के लिए मदद करने के अपने अनुभव साझा किए। हम अधिक विश्वसनीय और लचीली आपूर्ति श्रृंखला बनाने तथा हिंद-प्रशांत में व्यापक, समावेशी वृद्धि सुनिश्चित के लिए प्रतिबद्ध हैं।” जयशंकर ने कहा कि उदार लोकतंत्रों के तौर पर भारत और ऑस्ट्रेलिया सभी देशों की क्षेत्रीय अखंडता तथा संप्रभुत्ता का सम्मान करते हुए नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था, अंतरराष्ट्रीय समुद्री क्षेत्र में नौवहन की स्वतंत्रता, संपर्क, वृद्धि और सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक साथ मिलकर काम करते रहेंगे। उन्होंने चीन का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए यह टिप्पणियां कीं, जो क्षेत्र में आक्रामक व्यवहार कर रहा है।
मंत्रियों ने सुरक्षा सहयोग में प्रगति पर भी चर्चा की, जो दोनों देशों की बढ़ती रणनीतिक अभिसारिता को दिखाता है। जयशंकर ने कहा, ‘‘मंत्री पायने और मैंने आतंकवाद तथा चरमपंथ पर चिंताएं भी साझा कीं। हमारी सीमा पार आतंकवाद को लेकर गंभीर चिंताएं हैं तथा बहुपक्षीय मंच पर आतंकवाद विरोधी सहयोग गहरा करने का साझा प्रयास है।” उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हमने बहुत सार्थक, उपयोगी और व्यापक चर्चा की।” उन्होंने उत्तरपूर्वी हिंद महासागर क्षेत्र में और मैत्री छात्रवृत्ति पर भागीदारी बढ़ाने तथा सांस्कृतिक भागीदारी कार्यक्रमों के लिए ऑस्ट्रेलिया सरकार का आभार व्यक्त किया।
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