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समुद्र में क्रैश हुआ नार्थ कोरिया का जासूसी उपग्रह जल्द ही फिर से लॉन्च करने की तैयारी

नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग के अपने जासूसी उपग्रह लॉन्च करने के इरादों को बड़ा झटका लगा है। उनका जासूसी सैटेलाइट लॉन्चिंग के तुरंत बाद ही सैन्य जासूसी उपग्रह, इंजन की समस्या के कारण पीले सागर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। नॉर्थ कोरिया ने स्वीकार किया कि उसका पहला मिलिट्री स्पाई सैटेलाइट पश्चिम सागर में क्रैश कर गया। इस तरह उत्तर कोरिया का ये मिशन बुधवार को फेल हो गया। वैसे उन्होंने इस मिशन को जल्द ही फिर से शुरु करने और पूरा करने का संकल्प दोहराया है।

कैसे फेल हुआ मिशन?

कोरिया सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) के अनुसार, उत्तर कोरिया ने ‘मल्लिगयोंग-1 (Malligyong-1)’ नाम के सैन्य टोही उपग्रह को एक नए प्रकार के रॉकेट चोलिमा-1 (Cheollima-1) के जरिए भेजने की तैयारी की थी। लेकिन नॉर्थ कोरियाई स्पेस एजेंसी ने ज्यों ही काउंटडाउन शुरू की, तभी से ईंजन में खराबी आ गई थी। इसका एक इंजन असमान्य रूप से स्टार्ट हुआ, जिसके बाद वैज्ञानिकों ने सैटेलाइट से अपना नियंत्रण खो दिया। केसीएनए ने कहा, “सामान्य उड़ान के दौरान पहले चरण के अलग होने के बाद दूसरे चरण के इंजन की असामान्य शुरुआत के कारण वाहक रॉकेट पीले सागर में गिर गया।”

फिर से लॉन्च करने की तैयारी

उत्तर कोरिया ने यह भी कहा कि वह नवीनतम उपग्रह प्रक्षेपण में उभरे गंभीर दोषों की पूरी तरह से जांच करेगा और उन्हें दूर करने के लिए आवश्यक उपाय करेगा। साथ ही विभिन्न परीक्षणों के माध्यम से जल्द से जल्द दूसरा प्रक्षेपण करेगा। कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) के अनुसार, उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने अपने देश की अंतरिक्ष एजेंसी को प्रक्षेपण की तैयारियों को फिर से अंतिम रूप देने का निर्देश दिया।

जापान ने जताया एतराज

जापान ने उत्तर कोरिया की इस मिशन पर कड़ी आपत्ति जताई है। जापान के पीएम फुमियो किशिदा ने कहा कि जापान ऐतिहासिक मिसाल के आधार पर एक उपग्रह ले जाने वाले रॉकेट के प्रक्षेपण को बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण के बराबर मानता है। उन्होंने चेतावनी दी कि इस मिशन में आगे बढ़ना संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन होगा। आपको बता दें कि संयुक्त राष्ट्र ने हथियारों से संबंधित कार्यों के लिए उत्तर कोरिया पर कई प्रतिबंध लगाए गए हैं।

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