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महासेतु मामले में निर्माण एजेंसी को बचा रहे नीतीश कुमार : सुशील कुमार मोदी

– इंजीनियर मुख्यमंत्री निर्माण का श्रेय लेते हैं, तो ढहने की जिम्मेदारी भी लें

– तत्काल कार्रवाई करने के बजाय क्यों दिया गया 15 दिन का नोटिस

– आइआइटी की जाँच रिपोर्ट देर से मिलने पर क्या कार्रवाई हुई?

पटना। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि पिछले आठ साल से निर्माणाधीन पड़े सुल्तानगंज महासेतु का हिस्सा ढहने की बड़ी घटना के बाद निर्माण एजेंसी पर तत्काल कड़ी करने के बजाय उसे 15 दिन का नोटिस देकर सरकार उसे बचा रही है।

मोदी ने कहा कि इंजीनियर नीतीश कुमार बतायें कि जब नौ माह पहले इसी महासेतु का पाया ढह गया था, तब उनकी सरकार ने निर्माण एजेंसी के विरुद्ध क्या कार्रवाई की?

उन्होंने कहा कि यदि उस समय सेतु निर्माण में लापरवाही पर नरम रुख अपनाते हुए एजेंसी को क्लीनचिट न दी गई होती, तो पुल के पाये ढहने की घटना दोबारा न होती।

मोदी ने कहा कि पहली बार पाया धँसने की जाँच आइआइटी रुड़की को दी गई थी, लेकिन उसकी रिपोर्ट ऐसी दूसरी घटना के बाद आयी। इतनी देर से जाँच रिपोर्ट देने वालों पर सरकार ने क्या कार्रवाई की?
उन्होंने कहा कि अगर पुल के स्ट्रक्चरल डिजाइन में गलती थी, तो इसे स्वीकृति देने वाले अभियंताओं पर क्या कार्रवाई हुई ?

उन्होंने कहा कि पथ निर्माण मंत्री कोई हो, सारे काम की मानीटरिंग मुख्यमंत्री करते हैं और उनकी मर्जी के बिना पत्ता भी नहीं हिलता।

मोदी ने कहा कि जब सड़क, पुल, महासेतु तक सारे निर्माणों का श्रेय इंजीनियर मुख्यमंत्री स्वयं लेते हैं, तो पुल ढहने की जिम्मेदारी भी उन्हें लेनी चाहिए।

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