हम उस सनातन धर्म में जन्मे हैं जो सारे विश्व को दिशा दे रहा : पंडित प्रदीप मिश्रा
भोपाल। भाजपा के वरिष्ठ नेता व राजसभा सदस्य स्वर्गीय कैलाश सारंग व उनकी पत्नी प्रसून सारंग की स्मृति में करोंद क्षेत्र में शनिवार से पांच दिवसीय शिव महापुराण कथा शुरू हुई। चिकित्सा शिक्षा मंत्री व आयोजक विश्वास कैलाश सारंग और उनकी धर्मपत्नी रूमा सारंग ने व्यास पीठ की पूजा अर्चना की।
सीहोर कुबेरेश्वर धाम के पंडित प्रदीप मिश्रा ने श्री शिव महापुराण की कथा सुनानी शुरू की। उन्होंने भगवान मार्तंड प्रसंग सुनाया। साथ ही बीच-बीच में कई प्रेरक बातें श्रद्धालुओं की बताईं। उन्होंने कहा कि भगवान शंकर की करूणा और कृपा संपूर्ण विष्व में व्याप्त है उनकी कृपा दृष्टि से ही यह जगत संचालित है। जब तक शिव की कृपा नहीं होती जीवन में हम एक कदम भी आगे नहीं बढ़ा सकते। शिव पुराण में चौबीस हजार श्लोक हैं उनमें से एक श्लोक ही नहीं बल्कि एक शब्द मात्र को भी अपने जीवन मे धारण करने से इस मानव देह का के लिए सिद्ध हो जाता है। उन्होंने कहा हमें मनुष्य का शरीर तो मिल गया लेकिन हमने इसके महत्व को नहीं समझा तो सब बेकार है। मानव देह का महत्व भगवान की भक्ति में है। शिवजी अत्यंत दयालु महादेव हैं।
शिवमहापुराण में देवराज ब्राम्हण का दृष्टांत देते हुए उन्होंने विश्वास दिलाया कि ह्दय से किया गया मंत्र जाप हमारे जीवन को सफल बना देता है। पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि हर श्वास में ओम नम: शिवाय मंत्र का जप कीजिए और जीवन में जो भी समस्याएं हों। उनके समाधान के लिए व्यर्थ मत भटकिए बल्कि श्रद्धा पूर्वक शिवजी को रोज जलार्पण कीजिए अर्थात एक लोटा जल सारी समस्याओं का हल।
कथा में प्रदेश के जिला हरदा से आए कक्षा आठवीं के छात्र 13 वर्षीय अनुज तिवारी ने नौ मिनट तक शंखनाद करके उपस्थित जनों को भावविभोर कर दिया। इस मौके पर गुफा मंदिर महंत रामप्रवेशदास महाराज, षडदर्शन साधु समाज के प्रमुख कन्हैयादास उदासीन, अखिल भारतीय संत समिति के कार्यकारी अध्यक्ष महंत अनिलानंद उदासीन, महंत राधामोहन दास, महंत लोकनाथ, महत मणिराम दास व आचार्य गंगाप्रसाद दुबे सहित सैकड़ों श्रद्धालु शामिल हुए।
दो किमी पैदल चलकर पहुंचे श्रद्धालु
कथा स्थल के आसपास 200 एकड़ जमीन पर पार्किंग की व्यवस्था की गई है। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए तैनात पुलिस ने भानपुर, करोंद मुख्य मार्ग से थोड़ी दूर से ही वाहनों का प्रवेश बंद दिया। श्रद्धालुओं की गाड़ियां खड़ी करानी शुरू कर दी थीं। कथा स्थल तक लोग दो किलोमीटर तक पैदल चलकर पहुंचे। वाहनों की संख्या अधिक होने से बार-बार ट्रैफिक जा की स्थिति बनती रही।
पंडित प्रदीप मिश्रा ने ये प्रेरक बातें व्यास पीठ से कहीं
– जिस तरह हमारा अटैचमेंट अटैची से नहीं बल्कि उसमें रखी कीमती वस्तुओं से होता है वैसे ही अपनी देह में आत्मा और परमात्मा से अटैचमेंट कीजिए।
– अपने बच्चों को हर हाल में संस्कारित बनाइए ।
– बच्चों को जल का लोटा पकड़ाइए कोल्ड्रिंक की बाटल नहीं।
– बच्चों को सर्वप्रथम संस्कार माता-पिता ही दे सकते हैं ।
– जिसके बच्चे मंदिर की सीढ़ी चढ़ जाते हैं उस घर के बुजुर्ग वृद्धाश्रम नहीं जाते ।
– घर में बनाओगे अनुशासन तो पैदा नहीं होगा दुशासन ।
– रक्त सिर्फ रक्त होता है रक्त की कोई जात नहीं होती ।
– परमात्मा के द्वार पर जाति नहीं बल्कि कर्म देखा जाता है।
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