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दलालों के जरिए बेची जा रही थी सरकारी जमीन 12 लोगों पर केस दर्ज

इंदौर । शहर के छोटा बांगड़दा क्षेत्र में शासकीय भूमि अवैध तरीके से खरीदी-बेची जा रही थी। इस जमीन पर मकान भी बनाए जा रहे थे। प्रशासन के संज्ञान में मामला आने के बाद यहां शासकीय भूमि से 18 मकान, निर्माणाधीन मकान और अन्य अतिक्रमण हटाए गए। यहां करीब आठ करोड़ 60 लाख रुपये की जमीन मुक्त कराई गई है। अवैध कब्जा करने के मामले में 12 लोगों के खिलाफ एरोड्रम थाने पर एफआइआर दर्ज कराई गई।

आरोपितों में जफर अब्दुल, नितिन मनोहरलाल जायसवाल, हासम कासम खां, अजमेरी कासम खान, पुरुषोत्तम छोटेलाल शर्मा, माधव गिरधारी लाल, केशव उर्फ मामा तिवारी, रूपेश कुमार सुरेशचंद पिंगले, मनोज जायसवाल, पूजा जाट, विशाल उर्फ काकू और अनिल खेची आदि शामिल हैं। जिला प्रशासन, नगर निगम और पुलिस ने संयुक्त रूप से यह कार्रवाई की।

जांच कराने के बाद की कार्रवाई

बांगड़दा में सर्वे नंबर 332 की रकबा 4.440 हेक्टेयर शासकीय और अन्य शासकीय भूमि अवैध रूप से बेचने का मामला सामने आया था। प्रशासन ने इसकी जांच कराई और इसके बाद कार्रवाई की। पुलिस ने इस मामले में भूमाफिया रामसुमिरन कश्यप के बेटे विशाल की शिकायत पर शासकीय भूमि बेचने वालों, दलालों और षड्यंत्र में शामिल लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी, दस्तावेजों में हेराफेरी, कूटरचित दस्तावेज करने का प्रकरण दर्ज किया।

भूमाफिया ने मिटा दी सूचना, प्रशासन ने फिर लगवाए बोर्ड

शासकीय भूमि को सुरक्षित करने के लिए नगर निगम द्वारा दीवारों पर सूचना लिखवाई गई थी कि यह शासकीय भूमि है, इसकी खरीदी-बिक्री न की जाए। भूमाफिया के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि उन्होंने दीवारों पर लिखी सूचना मिटा दी। प्रशासन ने अब भूमि के चारों ओर गलियों में पेंटिंग करके कई जगह शासकीय भूमि की सूचना लिखवाई है। लोहे के बोर्ड भी लगाकर सूचना लिखी गई है। बोर्ड पर एसडीएम व तहसीलदार आदि अधिकारियों के नंबर भी लिखे गए हैं। कलेक्टर डा. इलैया राजा टी ने बताया कि शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा कर बेचने वालों के खिलाफ आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी।

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