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जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जल जीवन हरियाली अभियान की समीक्षा बैठक

बिहार शरीफ जिलाधिकारी श्री शशांक शुभंकर की अध्यक्षता में आज हरदेव भवन सभागार में जल जीवन हरियाली अभियान की समीक्षा बैठक आहुत की गई।
जल जीवन हरियाली के क्रियान्वयन को लेकर जारी राज्य स्तरीय अद्यतन रैंकिंग में नालंदा जिला को दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है।
इस अभियान के तहत सार्वजनिक जल संरचनाओं को अतिक्रमण मुक्त कराया जा रहा है। अब तक 1547 जल संरचनाओं को अतिक्रमण मुक्त कराया जा चुका है। वर्तमान में 35 जल संरचनाओं को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए अतिक्रमण वाद चलाया जा रहा है। इन सभी जन संरचनाओं को त्वरित कार्रवाई कर अतिक्रमण मुक्त कराने का निर्देश दिया गया।
सार्वजनिक जल संरचनाओं के जीर्णोद्धार के क्रम में जिला में लघु सिंचाई विभाग द्वारा 897, ग्रामीण विकास विभाग द्वारा 1765 तथा नगर निकायों द्वारा 6 योजनाओं का कार्य पूरा किया गया है।
सर्वजनिक कुओं के जीर्णोद्धार के क्रम में शहरी क्षेत्रों में 222 तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 890 कुओं का जीर्णोद्धार किया गया है।
भूगर्भ जल को रिचार्ज करने के लिए सभी सार्वजनिक चापाकल एवं कुओं के पास सोख़्ता का निर्माण भी कराया जा रहा है। अब तक शहरी क्षेत्रों में 253 चापाकल के पास तथा 163 सार्वजनिक कुओं के पास सोख़्ता का निर्माण कराया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में 2047 चापाकल तथा 675 सार्वजनिक कुओं के पास सोख़्ता का निर्माण कराया गया है।
छोटी-छोटी नदियों/नालों एवं पहाड़ी क्षेत्रों में जल संग्रहण क्षेत्र में चेक डैम एवं जल संचयन के अन्य संरचनाओं का निर्माण कराया जा रहा है। अब तक ग्रामीण विकास विभाग द्वारा 15, वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा 11 तथा लघु सिंचाई विभाग द्वारा 10 ऐसी संरचनाओं का निर्माण किया गया है।
नए जल स्रोतों के सृजन के क्रम में जिला में ग्रामीण विकास विभाग के माध्यम से 235, कृषि विभाग के माध्यम से 225 तथा पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के माध्यम से 121 जल स्रोतों का सृजन कराया गया है।
भवनों में छत वर्षा जल संचयन संरचना के निर्माण के क्रम में जिला में अब तक 494 ऐसी संरचनाओं का निर्माण कराया गया है।
जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए जिला में 8383 एकड़ क्षेत्रफल में इसका क्रियान्वयन किया जा रहा है। इसी प्रकार लगभग 386 एकड़ क्षेत्रफल में टपकन सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। टपकन सिंचाई के लिए लंबित सभी स्वीकृत आवेदनों को निष्पादित करते हुए संरचना का निर्माण सुनिश्चित कराने का निर्देश जिला उद्यान पदाधिकारी को दिया गया।
सभी निर्माणाधीन योजनाओं के कार्य प्रगति को मापी पुस्त में दर्ज करते हुए इसकी ऑनलाइन एंट्री जियो टैगिंग के साथ सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया।
राजगीर एवं गिरियक प्रखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में वर्षा जल के संग्रहण के लिए बड़े तालाबों के निर्माण की योजना तैयार करने का निर्देश दिया गया।
बैठक में उप विकास आयुक्त, निदेशक डीआरडीए, सिविल सर्जन, जिला पंचायती राज पदाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी, जिला उद्यान पदाधिकारी सहित अन्य संबंधित विभागों के पदाधिकारी उपस्थित थे।

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