ब्रेकिंग
एक समुदाय के लोग खुद को संविधान से ऊपर समझते हैं… संभल बवाल पर बरसे योगी के मंत्री मायावती का बड़ा ऐलान- EVM से फर्जी वोट डाले जा रहे, बसपा नहीं लड़ेगी कोई उपचुनाव हिना खान ने शिल्पा शिरोडकर की दोस्ती पर उठाए सवाल! करण वीर मेहरा को दे डाली ये सलाह पर्थ के ‘पठान’ बने यशस्वी जायसवाल, ऑस्ट्रेलिया में जीतेगा इंडिया, अब ना कोई शक, ना सवाल! महाराष्ट्र के चुनावी नतीजे सामने आने के बाद इतना महंगा हुआ गोल्ड, जानें आज का ताजा भाव कहां-कहां चल रहा आपका व्हॉट्सऐप? इस ट्रिक से लगेगा चुटकियों में पता सोमवार के व्रत में इन 5 नियमों का रखें खास ध्यान, महादेव की बनी रहेगी कृपा! क्या मोसाद के टारगेट पर आ गया हिजबुल्लाह का नया चीफ? इजराइल के हमले से मची तबाही चेहरा ही नहीं हाथ-पैर भी रहेंगे मुलायम, घर पर बना ये मॉश्चराइजर स्किन को देगा पोषण ‘मेरी जिंदगी नरक बना दी…’ गर्भवती थी रूपा, मौत से पहले सुसाइड नोट में बता गई दर्द

सलेमपुर गांव का सड़क हुआ कीचड़मय पैदल चलना हुआ मुश्किल, स्कूली बच्चों को काफी परेशानी

जहानाबाद। मानसून की पहली बारिश के साथ ही जहानाबाद जिले के हुलासगंज प्रखंड स्थित सलेमपुर गांव का मुख्य पथ कीचड़ से सराबोर हो गया है। गया – पटना मुख्य मार्ग से मात्र 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गांव में जाने के लिए लोगों को सोचना पड़ रहा है। इस ओर ना तो किसी प्रशासनिक पदाधिकारियों का ध्यान है और ना ही किसी जनप्रतिनिधियों का। गांव के लोग आदम जमाने का जीवन जीने को अभीशप्त हैं। गांव के मुख्य मार्ग पर कहीं-कहीं तो इतना कीचड़ हो गया है की पैदल चलना भी नामुमकिन है। बाइक सवार जान हथेली पर रखकर उस जगह को पार करते हैं कीचड़ के कारण स्कूल की गाड़ियां गांव के अंदर नहीं जा पा रही है जिसके कारण स्कूली बच्चों को बहुत सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीण कुणाल कुमार ने बताया कि कुछ वर्ष पहले ही पक्की सड़क का निर्माण किया गया था पर वह सड़क अपने बनने के बाद 1 साल की नहीं चल सका और जगह जगह गड्ढे उभर आए। एक अन्य ग्रामीण टिंकू कुमार ने बताया कि वह अपने भतीजे को बाइक से स्कूल छोड़ने जा रहा था कि कीचड़ में चक्का स्लिप होने के कारण दोनों वहीं कीचड़ में गिर गए इसके कारण दोनों को वापस घर लौटनाा पड़ा। ग्रामीण बताते हैं कि इस सड़क के निर्माण के लिए कई बार संबंधित पदाधिकारियों को सूचित किया गया पर अभी तक इस ओर किसी का ध्यान नहीं गया। अब देखना दीगर होगा कि अधिकारियों का ध्यान इस ओर कब आकृष्ट होता है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.