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शिक्षक भर्ती, भ्रष्टाचार, अपराध के मुद्दे पर विधान सभा मार्च में शामिल हों लोग : सुशील मोदी

नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दे सरकार

10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने का वादा झूठा निकला

-नीतीश बतायें, चार्जशीटेड तेजस्वी यादव का इस्तीफा क्यों नहीं ?

पटना। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने आह्वान किया कि शिक्षक भर्ती , भ्रष्टाचार और बिगड़ती कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर भाजपा की ओर से गुरुवार 13 जुलाई को आहूत विधान सभा मार्च में लोग अधिक से अधिक संख्या में शामिल हों, ताकि अहंकारी सत्ता को जनता की भावना और संगठित शक्ति का एहसास कराया जा सके।

मोदी ने कहा कि तेजस्वी यादव ने कैबिनेट की पहली बैठक में 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने का जो वादा किया था, वह धोखा साबित हुआ। कैबिनेट की 50 बैठकों के बाद एक भी युवा को नौकरी क्यों नहीं मिली?

उन्होंने कहा कि राजद ने अपने घोषणा पत्र में “समान काम के लिए समान वेतन ” का जो वादा किया था, वह भी धरा रह गया।

मोदी ने कहा कि इस वादे को ताख पर रख कर महागठबंधन सरकार ने शिक्षक भर्ती के लिए ऐसी नियमावली बनायी कि अब एक विद्यालय में एक ही विषय को पढाने वाले तीन शिक्षकों के तीन वेतनमान होंगे।
उन्होंने कहा कि नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाए और टीइटी/एसटीइटी पास जिन अभ्यर्थियों को सरकार केवल आश्वासन दे रही थी, उन्हें अब अविलम्ब नियुक्ति पत्र दिया जाए।

मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार ने अगर भ्रष्टाचार से समझौता नहीं किया है, तो नौकरी के बदले जमीन मामले में आरोपपत्र दाखिल होने के बाद डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का इस्तीफा क्यों नहीं लिया ?

उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने राजद से हाथ मिलाने के 11 महीनों में ही जंगलराज -2 का एहसास करा दिया। कानून-व्यवस्था की स्थिति चौपट है और प्रतिदन औसतन तीन हत्याएँ हो रही हैं।

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