Ujjain Election 2023: उज्जैन में मतदाताओं को अब स्थानीय ‘घोषणा पत्र’ की प्रतीक्षा
उज्जैन। उज्जैन जिले की सातों विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी तय होने के बाद अब मतदाताओं को चुनावी घोषणा पत्र जारी होने की प्रतीक्षा है। वो घोषणा पत्र, जो चुनाव लड़ने जा रहे प्रत्याशी के विचार और उद्देश्य का लिखित दस्तावेज होगा। जिसमें लुभावने वादे होंगे और कुछ दावे भी। प्रमुख राजनीतिक दल, भारतीय जनता पार्टी के नगर अध्यक्ष विवेक जोशी और कांग्रेस के नगर अध्यक्ष रवि भदौरिया ने ‘नईदुनिया’ से कहा है कि जिन मुद्दों पर चुनाव लड़ा जाना है, वो मुद्दे तय हो चुके हैं।
जल्द ही ये स्थानीय घोषणा पत्र की शक्ल में जारी करेंगे। रोजगार के अवसर बढ़ाना, स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाना, महाकालेश्वर मंदिर और शिप्रा का संवरक्षण, संवर्धन, सुंदरीकरण दोनों दलों का मुख्य मुद्दा है। मालूम हो कि भाजपा और कांग्रेस, दोनों ही दलों ने इस बार घोषणा पत्र तैयार करने के लिए जनता से सुझाव आमंत्रित किए थे। इसलिए ये तो स्पष्ट है कि मुद्दे वही होंगे जो काम जनता चाहती है। कांग्रेस, प्रदेश स्तर का घोषणा पत्र जारी कर चुकी है।
क्षेत्र के विकास की बात होगी
भाजपा भी एक-दो दिन में जारी कर देगी। खास बात ये है कि उज्जैन की सात सीटों के लिए पार्टी अलग से घोषणा पत्र जारी करेगी। इन घोषणा पत्र में क्षेत्र के विकास की बात होगी। घोषणा पत्र के मामले में भाजपा के विवेक जोशी ने यह भी कहा है कि उज्जैन में एयर पोर्ट, रोप-वे, मेट्रो ट्रेन का संचालन कराना और मेडिकल कालेज, यूनिटी माल सहित जिन निर्माण कार्यों का हाल ही भूमि पूजन किया हैं, उनका लोकार्पण कराना हमारी प्राथमिकता है।
बड़े नेताओं की चुनावी सभा होगी
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के कार्यकाल में प्रदेश में सड़क, बिजली, पानी, सफाई, रोजगार की क्या स्थिति थी और अब क्या है, ये भी मतदाताओं को जनसंपर्क और सभा के दरमियान बताया जाएगा। इसी तरह रवि भदौरिया ने कहा है कि उनकी पार्टी के प्रत्याशी जनसंपर्क में मतदाताओं को अपने विजन के साथ भाजपा सरकार की नाकामियां, उनके कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार से अवगत कराएंगे। वरिष्ठ नेता की चुनावी सभा भी होगी।
आज भी वही चाहत जो पिछले चुनाव में थी
मतदाता चाहते पीने को शुद्ध पर्याप्त पानी, रहने को सस्ता आवास, चलने को सुरक्षित सड़क और परिवार के लिए रोजगार मतदाताओं की चाहत आज भी वही है, जो पिछले और उसके पहले चुनावों में थी। पीने को शुद्ध पर्याप्त पानी, रहने को सस्ता आवास, चलने को सुरक्षित सड़क और परिवार के पालन-पोषण के लिए रोजगार।
बीते वर्षों में ये बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने को सरकारों ने कई योजनाएं बनाई, उन्हें लागू करवाकर क्रियान्वयन भी कराया। मगर, विभिन्न कारणों से लक्ष्य पूरा न हुआ। अधूरा स्मार्ट सिटी मिशन, जल जीवन मिशन, सबके लिए आवास मिशन उदाहरण है। लोगों को सस्ती लोक परिवहन सुविधा मुहैया कराने को जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन अंतर्गत मिली 89 बसों में से आधी से ज्यादा बसों को वर्षों से डीपों में ही खड़ा रखना भी सवाल उठाता है।
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