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दिल्ली में 10 नवंबर तक बंद रहेंगे स्कूल, बढ़ते प्रदूषण के चलते केजरीवाल सरकार ने लिया फैसला

दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने रविवार को घोषणा की कि राष्ट्रीय राजधानी में ब प्रदूषण के मद्देनजरढ़ते सभी प्राथमिक विद्यालयों को 10 नवंबर तक के लिए बंद कर दिया गया है। छठी से 12वीं कक्षाओं के छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाने का विकल्प दिया गया है। आतिशी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘प्रदूषण का स्तर बहुत ज्यादा रहने के कारण दिल्ली में प्राथमिक स्कूल 10 नवंबर तक बंद रहेंगे। स्कूलों को छठी से 12वीं तक के छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने का विकल्प दिया गया है।”

सभी सरकारी और निजी स्कूल बंद 
दिल्ली में रविवार को लगातार छठवें दिन जहरीली और घनी धुंध छायी रही और हवा की प्रतिकूल परिस्थितियों खासतौर से रात के दौरान हवा की मंद गति के कारण प्रदूषण स्तर एक बार फिर ‘अत्यधित गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गया है। वायु गुणवत्ता सूचकांक शनिवार शाम चार बजे के 415 से बढ़कर रविवार को सुबह सात बजे 460 पर पहुंच गया। इससे पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की थी कि दिल्ली में सभी सरकारी और निजी प्राथमिक विद्यालय बढ़ते प्रदूषण के कारण तीन और चार नवंबर को बंद रहेंगे।

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में एक्यूआई के 450 के पार पहुंच जाने पर केंद्र की वायु प्रदूषण नियंत्रण योजना को लागू किया जाना अनिवार्य है जिसके तहत प्रदूषण फैलाने वाले ट्रकों, चार पहिया वाले वाणिज्यिक वाहनों और सभी प्रकार के निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध लगाने के साथ आपातकालीन कदम उठाए जाते हैं। दिल्ली-एनसीआर में पार्टिकुलेट मैटर (पीएम)- 2.5 की सांद्रता कई स्थानों पर भारत सरकार द्वारा निर्धारित 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की सुरक्षित सीमा से सात-आठ गुना अधिक है। ये सूक्ष्म कण सांस के माध्यम से शरीर के भीतर तक प्रवेश करने और स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं पैदा करने में सक्षम हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा निर्धारित पांच माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की सीमा के मुकाबले दिल्ली में पीएम 2.5 की सांद्रता 80 से 100 गुना दर्ज की गई है। बीते सप्ताह से दिल्ली-एनसीआर में तापमान में धीरे-धीरे गिरावट होने, प्रदूषण में सहायक शांत हवा की उपस्थिति और पंजाब तथा हरियाणा में पराली जलाने से वायु गुणवत्ता बहुत खराब हुई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक 27 अक्टूबर से तीन नवंबर के बीच दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 200 से अधिक अंकों तक बढ़ गया है, जो शुक्रवार को ‘अति गंभीर’ श्रेणी (450 से ऊपर) में पहुंच गया। 24 घंटे का औसत एक्यूआई हर दिन शाम चार बजे दर्ज किया जाता है।

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