ब्रेकिंग
जहानाबाद दोहरे हत्याकांड में सात आरोपियों को सश्रम आजीवन कारावास डोनियर ग्रुप ने लॉन्च किया ‘नियो स्ट्रेच # फ़्रीडम टू मूव’: एक ग्रैंड म्यूज़िकल जिसमें दिखेंगे टाइगर श... छात्र-छात्राओं में विज्ञान के प्रति रुचि जागृत करने हेतु मनी राष्ट्रीय विज्ञान दिवस राबड़ी, मीसा, हेमा यादव के खिलाफ ईडी के पास पुख्ता सबूत, कोई बच नहीं सकता “समान नागरिक संहिता” उत्तराखंड में लागू - अब देश में लागू होने की बारी नगरनौसा हाई स्कूल के मैदान में प्रखंड स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता का हुआ आयोजन पुलिस अधिकारियों व पुलिसकर्मियों को दिलाया पांच‌ प्रण बिहार में समावेशी शिक्षा के तहत दिव्यांग बच्चों को नहीं मिल रहा लाभ : राधिका जिला पदाधिकारी ने रोटी बनाने की मशीन एवं अन्य सामग्री उपलब्ध कराया कटिहार में आरपीएफ ने सुरक्षा सम्मेलन किया आयोजित -आरपीएफ अपराध नियंत्रण में जागरूक करने के प्रयास सफ...

मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए धनतेरस पर करें ये काम, धन की होगी वर्षा

इंदौर। इस साल धनतेरस का शुभ त्योहार 10 नवंबर, शुक्रवार को मनाया जाएगा। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, यह कृष्ण पक्ष के 13वें चंद्र दिवस पर मनाया जाता है। हर साल धनतेरस पर समृद्धि और भाग्य की देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। साथ ही इस दिन नई चीजें खरीदना भी शुभ माना जाता है। यह पांच दिवसीय दिवाली उत्सव की शुरुआत का भी प्रतीक है। धनतेरस के दिन आर्थिक तंगी को दूर करने के लिए कुछ उपाय किए जाएं, तो जीवन में कभी भी पैसों से जुड़ी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है।

धनतेरस पर करें ये उपाय

कमलगट्टा धन और सौभाग्य का प्रतीक है। अगर आप मां लक्ष्मी को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो धनतेरस के दिन कमलगट्टे की माला से मां लक्ष्मी के किसी भी मंत्र का जाप करें, इससे आप पर हमेशा मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी।

अगर आपके जीवन में आर्थिक परेशानियां खत्म नहीं हो रही हैं, तो धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी को कमलगट्टे की माला चढ़ाएं। साथ ही मां को मखाने की खीर का भोग लगाएं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कमलगट्टा देवी मां को अत्यंत प्रिय है।

अगर आपके व्यापार में लगातार घाटा हो रहा है, तो अपने कार्यस्थल पर मां लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करें। इसके बाद उनकी विधि-विधान से पूजा करें। देवी मां को कमलगट्टे की माला भी चढ़ाएं, जिससे आपके कार्यक्षेत्र में बरकत बनी रहेगी।

धनतेरस पर करें इस मंत्र का जाप

या रक्ताम्बुजवासिनी विलासिनी चण्डांशु तेजस्विनी।

या रक्ता रुधिराम्बरा हरिसखी या श्री मनोल्हादिनी॥

या रत्नाकरमन्थनात्प्रगटिता विष्णोस्वया गेहिनी।

सा मां पातु मनोरमा भगवती लक्ष्मीश्च पद्मावती ॥

ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नमः:।।

ऊँ श्रीं क्लीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा।।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.