न चलेगा बुलडोजर, न लगानी होगी डिजिटल अटेंडेंस…. बैकफुट पर योगी सरकार, देनी पड़ी राहत
उत्तर प्रदेश के सरकारी शिक्षकों और राजधानी लखनऊ के निवासियों के लिए मंगलवार का दिन राहत लेकर आया. एक ओर जहां शिक्षकों के डिजिटल अटेंडेंस पर दो महीने की रोक लग गई तो लखनऊ के पंतनगर में बुलडोजर के पहिए थम गए. ये रोक अदालत ने नहीं, योगी सरकार ने खुद लगाई है. यानी 24 घंटे के अंदर सरकार ने यूपी के लोगों को दो बड़ी राहत दी है. हालांकि ये राहत लोगों को ऐसे ही नहीं मिली है, इसके लिए उन्हें कड़ी मेहनत करनी पड़ी. गुहार लगानी पड़ी. ये लोगों का दबाव ही था जिसकी वजह से सरकार बैकफुट पर आना पड़ा.
डिजिटल अटेंडेंस दो महीने के लिए स्थगित
प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा ने मंगलवार को डिजिटल अटेंडेंस को दो महीने के लिए स्थगित कर दिया है. इस दौरान एक समिति का गठन किया जाएगा जो शिक्षकों के मुद्दों को समझेगा. सरकार ने ये कदम शिक्षकों के भारी विरोध के बाद उठाया है. शिक्षक योगी सरकार के डिजिटिल एटेंडेंस के फैसले का शुरू से विरोध कर रहे थे.
शिक्षकों ने कहा, उनको ऑनलाइन हाजिरी लगाने में किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं है. उनका कहना है कि स्कूलों में नेटवर्क नहीं है. रास्ते सही नहीं है. इन सब की समस्याओं को दूर किया जाए, उसके बाद हम ऑनलाइन हाजिरी देने को तैयार हैं. भारी विरोध के बाद सरकार ने शिक्षकों को कुछ छूट दी थी, लेकिन अब उसने अपने फैसले को फिलहाल 2 महीने के लिए स्थगित कर दिया है.
पंतनगर का मामला क्या है?
लखनऊ के कुकरैल नदी के किनारे घरों को चिन्हित किया गया था. नदी के 50 मीटर के दायरे में बने घरों को अवैध बताया गया. कुकरैल रिवरफ्रंट के दायरे में रहीमनगर, खुर्रमनगर, इंद्रप्रस्थनगर, पंतनगर और अबरारनगर के करीब एक हजार मकान हैं. मकानों को चिह्नित कर उनपर लाल निशान लगा दिए गए थे. इन मकानों पर बुलडोजर चलाया जाना था.
लोगों ने इसका विरोध शुरू कर दिया था. लोगों का कहना था कि हम सबके पास रजिस्ट्री की कॉपी है. बिजली के बिल हैं. फिर घर कैसे अवेध हो गया. यहां पर रहने वाले लोगों का कहना था कि जीवनभर की कमाई से उन्होंने मकान बनाया था. लोन लिया था. मकान टूटने के बाद हम लोग सड़क पर आए जाएंगे. कई निवासियों ने यहां तक कहा था कि हमें अपनी बेटी की शादी इसी घर से करनी थी. लोगों की ये गुहार सीएम योगी तक पहुंची. जिसके बाद उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक के बाद निर्देश दिया गया कि पंतनगर, खुर्रमनगर और अबरार नगर में कुकरैल नदी के किनारे घर नहीं तोड़े जाएंगे.
सीएम योगी ने लोगों से क्या कहा?
प्रभावित परिवार के लोग मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास पहुंचे. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पंतनगर हो या इंद्रप्रस्थ नगर, वहां निवासरत लोगों की सुरक्षा और शांतिपूर्ण जीवन के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है. संबंधित प्रकरण में एनजीटी के आदेशों के क्रम में नदी के फ्लड प्लेन जोन का चिन्हांकन किया गया है. फ्लड प्लेन ज़ोन में निजी भूमि भी सम्मिलित है, लेकिन निजी भूमि को खाली कराने की न तो वर्तमान में कोई आवश्यकता है और न ही कोई प्रस्ताव है. निजी भूमियों में बने निजी भवनों के ध्वस्तीकरण का कोई विषय विचाराधीन नहीं है.
यही नहीं, उन्होंने कहा कि फ्लड प्लेन जोन चिन्हींकरण के दौरान भवन निर्माणों पर लगाये गये संकेतों से आम जन में भय और भ्रम फैला है, इसका कोई औचित्य नहीं था और इसके लिए जवाबदेही तय की जाए. प्रभावित परिवारों से मुख्यमंत्री ने कहा कि रिवर बेड विकसित करने में यदि कोई निजी भूमि पर बना भवन निर्माण आता है, जिसका प्रमाणित स्वामित्व किसी निजी व्यक्ति का है, उसे नियमानुसार समुचित मुआवजा देकर ही अधिग्रहीत किया जाएगा. मुख्यमंत्री से मिलने के बाद प्रसन्नचित परिवारों ने मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताया और ‘योगी हैं तो यकीन है’ के नारे भी लगाए.
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.