कल्चुरी होटल के कमरे में शार्ट सर्किट से लगी आग, कलेक्टर ने दिए थे एनओसी लेने के निर्देश
जबलपुर। सिविल लाइन स्थित कल्चुरी होटल के प्रथम दल में शुक्रवार शाम अचानक आग लग गई। होटल के कर्मचारियों ने जैसे ही इन धमाकों की आवाज सुनी, वे प्रथम तल पहुंचे और अग्नि शमन यंत्र की मदद से आग बुझाने में जुट गए। तत्काल फायर ब्रिगेड को फोन किया गया, लेकिन उनके आने में ही करीब 20 से 30 मिनट का वक्त लग गया, तब तक आग पर काबू पा लिया गया।
पर्यटन विभाग की इस प्रमुख होटल में पर्यटकों की सुरक्षा की पोल खोलकर रख दी है
इस पूरे घटनाक्रम ने पर्यटन विभाग की इस प्रमुख होटल में पर्यटकों की सुरक्षा की पोल खोल दी। होटल के पास नगर निगम की फायर एनअोसी तक नहीं मिली। उन्होंने सिर्फ निजी कंपनी से एनओसी ले रखी थी। यह हाल तब है।
होटल विजय महल में आग लगने के बाद एनओसी लेने के निर्देश दिए थे
कलेक्टर दीपक सक्सेना ने होटल विजय महल में आग लगने की घटना के बाद शहर के सभी प्रमुख होटल मालिकों के साथ बैठक कर उन्हें फायर एनओसी से जुड़ी सभी तैयारी और एनओसी लेने के निर्देश दिए थे और ऐसा न करने पर सख्त कार्रवाई करने कहा था।
होटल में मची आफरा-तफरी, एक्सपाइरी यंत्रों से बुझी आग
कल्चुरी होटल में कमरे में लगी आग को बुझाने के लिए प्रथम तल में अग्नि शमन यंत्र तो मौजूद थे, लेकिन इनमें से कई एक्सपायर निकले। बावजूद इसके होटल के कर्मचारियों ने तत्काल सतर्कता दिखाते हुए विद्युत यंत्र और तारों से भरे कमरे की आग को बड़ी मशक्कत के बाद बुझा दिया।
प्रारंभिक जांच में शार्ट सर्किट की वजह से आग लगना बताया जा रहा
अभी तक आग लगने की वजह स्पष्ट नहीं हो सकी है, लेकिन प्रारंभिक जांच में शार्ट सर्किट की वजह से आग लगना बताया जा रहा है। होटल से जुड़े कर्मचारियों ने बताया कि समय रहते आग पर काबू पा लिया गया, वरना यदि आग कमरे से बाहर फैलती तो यह दूसरे कमरों तक पहुंच जाती। इस दौरान होटल के कमरों में ठहरे पर्यटन में कई बड़े-बुजुर्ग के अलावा बच्चे भी ठहरे हुए थे, जो आग और धुंआ देखकर दहशत में आ गए।
एनओसी न लेने पर होगी कार्रवाई
पर्यटन विभाग की इस होटल में हर दिन वीआइपी मूमेंट रहता है। यहां पर प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर राजतैनिक और वीआईआइ आते-जाते हैं। इतनी महत्वपूर्ण होटल होने के बाद भी फायर एनओसी न होने की घटना ने पर्यटन विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इन घटना से विभाग की दूसरी होटलों में फायर एनओसी की आडिट करने की मांग उठने लगी है।
होटल प्रबंधन से जुड़े लोगों पर कार्रवाई की संभावना
कलेक्टर द्वारा होटल में फायर एनओसी होने की अनिवार्यता के बाद भी एनओसी न लेने के मामले में होटल प्रबंधन से जुड़े लोगों पर कार्रवाई होने की संभावना बढ़ गई है। होटल एसोसिएशन बसंत कुमार ने बताया कि जबलपुर की सभी निजी और शासकीय होटलों में फायर एनओसी का आडिट होना चाहिए, ताकि जो भी कमियां हों, वह समय रहते दूर कर ली जाएं।
तीन दमकल वाहन पहुंचे, एक का उपयोग हुआ
होटल में आग की सूचना पर नगर निगम दमकल विभाग ने आनन-फानन में तीन दमकल वाहन मौके पर भेज दिए थे। लेकिन दो वाहन मौके पर ही एतिहात के रूप में खड़े थे, जबकि एक दमकल वाहन का थोड़ा पानी उपयोग हो पाया।
होटल स्टाफ ने महज पांच मिनट में ही आग पर काबू पा लिया
दमकल विभाग के अनुसार आग मामूली थी और होटल स्टाफ ने महज पांच मिनट में ही आग पर काबू पा लिया था। चूंकि आग बड़ा रूप न ले पाए अत: तीन वाहनों को होटल भेजा गया था। ताकि किसी भी अनहोनी को टाला जा सके।
इलेक्ट्रिक सेक्शन हुआ प्रभावित
सिविल लाइन स्थित पर्यटन विभाग की होटल में आग इलेक्ट्रिक सेक्शन में लगी थी। हालांकि इसका कारण शार्ट सर्किट बताया जा रहा है। लेकिन जांच के बाद मुख्य बात सामने आ सकेगी। नगर निगम के दमकल अमले के अनुसार होटल में फायर फाइटिंग सिस्टम पहले से ही लगा हुआ है, इसकी की मदद से ही तेजी से इस पर नियंत्रण पा लिया गया। कुछ अग्निशमन यंत्र भी एक्सपायरी निकले, हालांकि वे आग बुझाने में उपयोगी साबित हुए।
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