ब्रेकिंग
जहानाबाद दोहरे हत्याकांड में सात आरोपियों को सश्रम आजीवन कारावास डोनियर ग्रुप ने लॉन्च किया ‘नियो स्ट्रेच # फ़्रीडम टू मूव’: एक ग्रैंड म्यूज़िकल जिसमें दिखेंगे टाइगर श... छात्र-छात्राओं में विज्ञान के प्रति रुचि जागृत करने हेतु मनी राष्ट्रीय विज्ञान दिवस राबड़ी, मीसा, हेमा यादव के खिलाफ ईडी के पास पुख्ता सबूत, कोई बच नहीं सकता “समान नागरिक संहिता” उत्तराखंड में लागू - अब देश में लागू होने की बारी नगरनौसा हाई स्कूल के मैदान में प्रखंड स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता का हुआ आयोजन पुलिस अधिकारियों व पुलिसकर्मियों को दिलाया पांच‌ प्रण बिहार में समावेशी शिक्षा के तहत दिव्यांग बच्चों को नहीं मिल रहा लाभ : राधिका जिला पदाधिकारी ने रोटी बनाने की मशीन एवं अन्य सामग्री उपलब्ध कराया कटिहार में आरपीएफ ने सुरक्षा सम्मेलन किया आयोजित -आरपीएफ अपराध नियंत्रण में जागरूक करने के प्रयास सफ...

नीट-पीजी काउंसलिंग की मांग को लेकर रेजीडेंट डाक्टरों का प्रदर्शन जारी, पुलिस के दुर्व्यवहार से खफा

नई दिल्ली। दिल्ली में नीट-पीजी काउंसलिंग की मांग को लेकर रेजीडेंट डाक्टरों की नाराजगी कम नहीं हो रही है। सोमवार को डाक्टरों ने मार्च निकालकर नीट-पीजी काउंसलिंग की मांग की थी। हालांकि इस बीच पुलिस व डाक्टरों के बीच तीखी नोकझोक व झड़पे हुई थी।

इसमें कई पुलिस कर्मी व डाक्टर चोटिल हो गए थे। पुलिस के इस दुर्व्यहार से खफा रेजीडेंट डाक्टरों ने मंगलवार को सफदरगंज अस्पताल में प्रदर्शन किया। पुलिस द्वारा की गई धक्कामुक्की और झड़प को लेकर नाराजगी जताई। यहां रेजीडेंट डाक्टरों ने मंगलवार को भी पैदल मार्च निकालने की तैयारी की। इसके बाद अस्पताल परिसर में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया।

मार्च के दौरान पुलिस द्वारा डाक्टरों से मारपीट और हिरासत में लेने पर डाक्टरों ने आक्रोश व्यक्त किया। डाक्टरों ने सफदरजंग अस्पताल से फिर मार्च निकाला। वे लोग गृहमंत्री अमित शाह से मिलने जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें सरोजनी नगर थाने की तरफ मोड़ दिया। थाने के सामने करीब डेढ़-दो हजार डाक्टर धरने पर बैठ गए और मारपीट करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते रहे।

डाक्टरों के मार्च से रात आठ बजे के बाद से रिंग रोड पर यातायात बाधित रहा। इस कारण लोगों को परेशानी ङोलनी पड़ी। हम लोग एकत्रित होकर सुप्रीम कोर्ट तक मार्च करने के लिए निकले। इस पर पुलिस द्वारा इंद्रप्रस्थ डाकघर के पास रोका गया। नहीं रुकने पर मारपीट और महिला डाक्टरों के साथ बदसलूकी की गई। उन्हें जबरन हिरासत में लिया गया।

हड़ताल से अस्पतालों में मरीज रहे परेशान

रेजिडेंट डाक्टरों की 11वें दिन भी जारी हड़ताल से मरीजों को अस्पताल में इलाज नहीं मिला। इससे मरीज और उनके तीमारदार भटकते रहे। ज्यादातर अस्पतालों में ओपीडी और इमरजेंसी में वरिष्ठ डाक्टरों द्वारा कुछ ही मरीजों को देखा गया। वहीं, अधिकतर मरीजों को वापस लौटा दिया गया।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.