भाजपा से इस कारण डरते हैं बिहार के सीएम नीतीश कुमार, राजद के वरिष्‍ठ नेता का बड़ा बयान

पटना। बिहार में सियासी भूचाल मचा है। राजद की ओर से सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) को एक तरह से खुला आफर दे दिया गया है। राजद ने जातीय जनगणना और विशेष राज्‍य के दर्जा के बहाने समर्थन की घोषणा कर उथल-पुथल मचा दिया है। इस बीच राजद के वरिष्‍ठ नेता शिवानंद तिवारी (RJD Leader Shivanand Tiwari) ने सीएम नीतीश कुमार पर जोरदार हमला किया है। उन्‍होंने उनकी पार्टी के संसदीय दल के नेता उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) को लेकर भी बड़ी बात कह दी है। एक न्‍यूज पोर्टल से बात करते हुए शिवानंद तिवारी ने सीएम नीतीश कुमार को रीढ़विहीन नेता तक कह दिया है।

2014 में बन रही थी राष्‍ट्रीय स्‍तर की छवि  

राजद उपाध्‍यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा कि वे सीएम नीतीश कुमार लंबे समय से जानते हैं। उन्‍हें उम्‍मीद नहीं है कि वे कोई स्‍टैंड ले पाएंगे। उनमें साहस की कमी है।  2014 के लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार की राष्‍ट्रीय छवि बन रही थी। नरेंद्र मोदी के मुकाबले इनको ज्‍यादा तवज्‍जो दी जा रही थी। लेकिन हुआ क्‍या, उन्‍हीं से जाकर मिल गए जिसके बारे में विधानसभा में कहा था कि मिट्टी में मिल जाएंगे लेकिन उनके साथ दोबारा नहीं जाएंगे। किसी का इससे बड़ा सार्वजनिक ऐलान क्‍या हो सकता है।

भाजपा से इस कारण डरते हैं सीएम 

भाजपा का जो चरित्र है, उससे शायद उनकाे डर लगता है। जिस तरह से भाजपा नाजायज तरीके से सेंट्रल एजेंसियों का खुलेआम इस्‍तेमाल करती है। यूपी में अखिलेश के करीबी लोगों के घर छापेमारी हो रही है। वही भय उनको कोई निर्णय नहीं लेने देगा। उन्‍होंने स्‍पष्‍ट कहा था कि भारत सरकार जनगणना नहीं कराती है तो वे अपने स्‍तर पर राज्‍य में जातीय जनगणना कराएंगे। हमने प्रस्‍ताव दिया कि विधानसभा के अंदर और बाहर समर्थन करेंगे। लेकिन वे कोई निर्णय नहीं ले सकते।

रायपुर की घटना पर नहीं खुला सीएम का मुंह 

राजद नेता ने कहा कि नीतीश जी, महात्‍मा गांधी का नाम सबसे ज्‍यादा लेते हैं, लेकिन रायपुर में बापू के लिए जिन शब्‍दों का इस्‍तेमाल किया गया, उसपर एक भी शब्‍द उन्‍होंने नहीं बोला। हरिद्वार में धर्म के नाम पर जो किया गया उसपर पीएम चुप, उत्‍तराखंड के सीएम चुप और जो काम्‍यूनलिज्‍म पर जीरो टोलोरेंस की बात करते हैं वे भी चुप।

कुशवाहा के बयानों का कोई मतलब नहीं 

उपेंद्र कुशवाहा के बयानों पर उन्‍होंने कहा कि उनके बयान का कोई मतलब नहीं है। नीतीश कुमार फैसला नहीं करेंगे  तो क्‍या उपेंद्र कुशवाहा उनको छोड़कर आ जाएंगे। ये बात सही है कि कुशवाहा मजबूती से अपना स्‍टैंड रखते आए हैं। वे नीतीश से लड़े भी हैं। नीतीश कुमार को उपेंद्र कुशवाहा की जरूरत थी, कुशवाहा को नीतीश की जरूरत नहीं थी। उपेंद्र कुशवाहा साथ आएं तो हम उसका स्‍वागत करेंगे। लेकिन कुशवाहा के बयान का नीतीश पर कोई असर नहीं होने वाला।

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