बच्चों के वैक्सीनेशन के मामले में फिसड्डी हुआ बिहार, राष्ट्रीय औसत के बराबर भी नहीं लगा टीका
पटना: प्रदेश में राज्य सरकार ने 15 से 18 वर्ष के बच्चों के कोरोना टीकाकरण अभियान के तहत 31 जनवरी तक प्रदेश के सभी 83.46 लाख बच्चों को फर्स्ट डोज का टीका देने का लक्ष्य रखा है. लेकिन, 21 जनवरी तक प्रदेश में 15 से 18 वर्ष के बच्चों के वैक्सीनेशन की रफ्तार काफी सुस्त है और प्रदेश में अब तक इस उम्र वर्ग के 32.50 लाख बच्चों का ही वैक्सीनेशन हो पाया है. यहां वैक्सीनेशन औसतन 40 फीसदी का है.प्रदेश का वैक्सीनेशन औसत राष्ट्रीय वैक्सीनेशन दर से 12 फीसदी कम है. बताते चलें कि देश में राष्ट्रीय वैक्सीनेशन दर 15 से 18 वर्ष के बच्चों का 52% हो चुका है. प्रदेश में 15 से 18 वर्ष के बच्चों के वैक्सीनेशन के मामले में जमुई टॉप जिला बना हुआ है और यहां 1,34938 एलिजिबल लाभार्थियों में 71,578 वैक्सीनेशन हो गए हैं. यानी कि 53.05%. दूसरे नंबर पर पूर्वी चंपारण है जहां एलिजिबल लाभार्थियों की संख्या 374744 है और यहां 195250 वैक्सीनेशन हो गए हैं यानी कि 52.10%.वैक्सीनेशन के मामले में प्रदेश में बक्सर तीसरे नंबर का जिला है और यहां 1,48508 एलिजिबल लाभार्थियों में 17,480 वैक्सीनेशन हुए हैं. यानी कि वैक्सीनेशन का कुल 47.47%. प्रदेश में 15 से 18 वर्ष के बच्चों के वैक्सीनेशन की स्थिति देखें तो किशनगंज सबसे फिसड्डी जिला है. यहां 1,46524 एलिजिबल लाभार्थियों में 21,995 वैक्सीनेशन हुआ है और यह 21.84% है. किशनगंज के बाद कटिहार जिला है जहां से प्रदेश के डिप्टी सीएम तार किशोर प्रसाद आते हैं.किशनगंज में 25.64% वैक्सीनेशन हुआ है यानी कि 2,44012 एलिजिबल लाभार्थियों में 62,572 का वैक्सीनेशन हुआ है. तीसरा सबसे फिसड्डी जिला औरंगाबाद है और यहां 2,10377 एलिजिबल लाभार्थियों में 66294 का ही वैक्सीनेशन हुआ है और यह 31.51% है.प्रदेश की राजधानी पटना में भी 15 से 18 वर्ष के वैक्सीनेशन के मामले में फिसड्डी है और प्रदेश में वैक्सीनेशन का औसत 38.93% है. वहीं राजधानी पटना का वैक्सीनेशन प्रतिशत 33.22% है