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माघ मेला 2022: नहीं देखी होगी ऐसी साधना…पूजा पाठ का ये अनोखा तरीका, आकर्षण का केंद्र बना शिविर

प्रयागराज: यूपी के प्रयागराज के संगम तट पर आस्था के सबसे बड़े धार्मिक मेले माघ मेला में कई साधु संत अपने अनोखे अंदाज, अनोखी साधना और विशेष संकल्प के साथ-साथ खास गेटअप की वजह से श्रद्धालुओं को अपने ओर आकर्षित कर रहे हैं।

इसी कड़ी में अमेठी से आए शिवयोगी मौनी बाबा का शिविर लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। हर शाम 6 बजे के बाद शिव योगी मौनी बाबा की अनोखी साधना या कहे की पूजा पाठ की शुरुआत होती है।

मौनी बाबा ने संकल्प लिया है कि जिस तरीके से अयोध्या में राम मंदिर का भव्य निर्माण हो रहा है उसी तरीके से काशी और मथुरा में भी मंदिर का निर्माण हो इसके लिए वह अनोखी साधना में लीन रहते हैं। उन्होंने पौष पूर्णिमा से लेकर के माघी पूर्णिमा तक डेढ़ लाख से अधिक दीप दान का भी संकल्प लिया है। इस शिविर में एक बड़ी सी शिवलिंग भी है जिसको दस हज़ार से अधिक रुद्राक्ष की मालाओं से ढका गया है।

इस शिविर में अनोखी और एक और खास बात यह है कि इस शिविर में 4 तरीके के अलग-अलग रंग के त्रिशूल भी हैं जो आकर्षण का केंद्र बने हैं। देश मे आतंकी हमला ना हो, देश में शांति बनी रहे , देश की अर्थव्यवस्था दुरुस्त रहे और  महंगाई और वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से निजात मिले इसके लिए लगाए गए हैं। हर रोज मौनी बाबा पूजा के दौरान अनोखे अंदाज से पूरे शिविर की परिक्रमा लेट करके करते हैं। शिविर में तीन कुंड भी बनाए गए हैं जहां पर मौनी बाबा हर दिन हवन पूजा करते हैं। इस दौरान हर रोज भारी संख्या में कल्पवासी या कहें कि श्रद्धालु उनकी इस साधना के गवाह भी बनते हैं।

श्रद्धालुओं का कहना है कि मौनी बाबा द्वारा की जा रही है इस अनोखी साधना या कहें कि पूजा पाठ से सभी काफी प्रभावित है। प्रतापगढ़ से आई श्रद्धालु लवली तिवारी का कहना है कि उन्होंने पहली बार अपने जीवन में ऐसे पूजा देखी है। उनका यह भी कहना है कि जब तक वह संगम की रेती पर कल्पवास करेगी वह हर दिन मौनी बाबा के शिविर में आकर के इस साधना का हिस्सा बनेगी।

मौनी बाबा उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले के रहने वाले हैं और परमहंस आश्रम के महंत भी हैं। ऐसे ही अलग गेटअप की वजह से शिव योगी मौनी महाराज को रुद्राक्ष वाले बाबा के नाम से जाना जाता है। बाबा अपने शरीर पर 40 किलो की  11 हजार से ज्यादा रुद्राक्ष की माला पहनकर शिविर में  बैठते है ।यह सभी रुद्राक्ष की माला , 101,11, 51 रुद्राक्ष की बनी हुई है। अधिकतर रुद्राक्ष माला कई मुखी वाली है। बाबा के सिर पर 101 से अधिक रुद्राक्ष की माला है।साथ ही मौनी बाबा का शिविर 1 लाख से अधिक रूद्राक्ष से सजाया गया है । मौनी बाबा पिछले 32 सालों से लगातार मेले में आते है और देश मे सुख शांति के लिए हवन पूजन करते है।  मौनी बाबा ने बताया कि इस बार का संकल्प उनका विशेष है उन्होंने कहा कि अयोध्या की तरह काशी और मथुरा में भी मंदिर का निर्माण हो साथ ही साथ देश में सुख शांति बनी रहे और कोरोना महामारी जल्द से जल्द दूर हो इसके लिए वो हर दिन विशेष पूजा पाठ और साधना में लीन रहते है।

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