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जाली रजिस्ट्री का धंधा बेनकाब, 9 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज

सुजानपुर: गत अक्तूबर माह में तहसील कार्यालय पठानकोट में चल रहे जाली रजिस्ट्री का धंधा बेनकाब होने के बाद अब मात्र साढे 3 माह बाद एक और जाली रजिस्ट्री का फर्जीवाडा़ सामने आने से जहां लोगों में हड़कंप मचा हुआ है, वहीं लोगों में इस बात का भी खौफ पाया जा रहा है कि यदि तहसील कार्यालय के कर्मचारी ही रजिस्ट्री के नकली कागज तैयार कर लोगों की भूमि की खरीदो-फरोख्त का धंधा करने लगे हैं तो लोगों की जमीनें कैसे सुरक्षित रह सकती है।  पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर आई.जी. बार्डर जोन अमृतसर की ओर से की गई इंक्वायरी के तहत तहसील पठानकोट में हुए जाली रजिस्ट्री के फर्जीवाडा़ मामले में सुजानपुर पुलिस द्वारा कुल 9 लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर किया गया है। वहीं इस मामले में आरोपियों की पहचान मनोज कुमार पुत्र शंभुदत्त, रेनू शर्मा पत्नी मनोज कुमार दोनों निवासी नूरपुर (हिमाचल प्रदेश), रजनी शर्मा पत्नी रमन कुमार निवासी शिवाजी नगर पठानकोट, डेनियल मसीह रजिस्ट्री क्लर्क तहसील कार्यालय पठानकोट, प्रमोद कुमार कंप्यूटर आप्रेटर तहसील कार्यालय पठानकोट, अमरजीत सिंह पुत्र गिरधारी लाल निवासी विष्णु नगर पठानकोट, रजिन्द्र कुमार नंबरदार निवासी मोली पठानकोट, जोगिन्द्र ठाकुर (वसीका नवीस) और नीलम कुमारी पठानिया पत्नी रमेश पठानिया निवासी गांव बासा वजीरा नूरपुर (हिमाचल प्रदेश) के रूप में हुई।

वहीं इस संबंधी पीड़ित सुरेश महाजन पुत्र सत्यपाल निवासी ब्लॉक-ए-2 सैक्टर 17 रोहिणी दिल्ली ने जानकारी देते हुए बताया कि वह दिल्ली में रहते हैं और रकबा मामून में उनकी पत्नी श्वेता महाजन के नाम 17.5 मरले भूमि थी और आरोपियों में से मनोज कुमार ने तहसील कार्यालय पठानकोट के उक्त आरोपियों के से मिली भुगत कर उनकी पत्नी श्वेता महाजन के स्थान पर अपनी पत्नी रेनू शर्मा को मालिक बताकर खरीददार की ओर से रजनी शर्मा पत्नी रमन कुमार को खड़ा कर नीलम कुमारी के नाम कर दी। और आगे फिर इसी जमीन को मनोज कुमार ने नीलम कुमार के माध्यम से किसी अन्य को बिक्री कर दी और इस मामले में मोटी ठग्गी की गई। जिसके चलते जब उन्हें इस बात की जानकारी मिली तो उनकी ओर से भारत सरकार के सीनियर वकील रह चुके ओंकार सिंह बटालवी के माध्यम से पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में रिट डाल इंसाफ की मांग की। जिसके चलते हाईकोर्ट की ओर से मामले की जांच की जिम्मेदारी आई.जी. बार्डर जोन अमृतसर को सौंपी गई, जिसके चलते आज डी.एस.पी. धारकलां मंगल सिंह ने बताया कि उक्त मामले को लेकर आलाधिकारियों की ओर से जांच की गई थी और जांच के दौरान मामले में जो भी आरोपी पाया गया है, उनके खिलाफ पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।

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