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सीओ को निलंबित करने की अनुशंसा, प्राइवेट अंचल कार्यालय चलाने का आरोप

फतुहा। अवैध रूप से निजी मकान में गोपनीय कार्यालय चलाने के मामले में जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह संपतचक के सीओ नंदकिशोर निराला को निलंबित करने का अनुशंसा कर दिया है। जिलाधिकारी ने कहां है कि साक्ष्यों, बयानों व दस्तावेजों को देखने से स्पष्ट है कि संपतचक के अंचल के राजस्व कर्मचारी कार्यपालक सहायक व सीओ नंदकिशोर प्रसाद निराला की आपसी मिलीभगत से अवैध कार्यालय खोलकर रात में बिचौलियों द्वारा वसूली कर दाखिल खारिज परिमार्जन व अन्य कार्य किए जाते थे इससे आम लोगों की काफी कठिनाई हो रही थी। जिलाधिकारी ने कहा है कि सीओ का स्पष्टीकरण आसंतोषजनक पाया गया है।
संपतचक के सीओ का यह
कृत्य अपराधिक कार्य के श्रेणी में आता है। इस इस मामले में बताया जाता है कि जिलाधिकारी ने संपतचक अंचल के राजस्व कर्मचारी मोहम्मद तौसीफ अहमद ,प्रदीप विश्वकर्मा व विनयशील को निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ ही कार्यपालक सहायक अशोक कुमार आलोक की सेवा समाप्त कर दी गई है। वहीं डाटा एंट्री ऑपरेटर शंकर कुमार और इंतखाब आलम की सेवा बेल्ट्रॉन को वापस करते हुए डीएम ने उन्हें सेवा मुक्त करने की अनुशंसा की है। भाजपा मीडिया प्रभारी डॉ लक्ष्मी नारायण सिंह पटेल ने कहा है कि अधिकांश अंचलाधिकारी ने प्राइवेट कार्यालय खोल रखा है। उन्होंने कहा है कि सरकार सभी अंचलाधिकारी को नारको टेस्ट करा दे। नारको टेस्ट की घोषणा होती ही अधिकांश अंचलाधिकारी एवं उनसे संबंधित कर्मचारी फरार हो जाएंगे ऐसी अवस्था में बेरोजगारों की नौकरी का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि सभी बीडीओ, सीडीपीओ, नरेगा कर्मचारी, कृषि से सम्बन्धित कर्मचारी आदि को साल में एक
बार नारको टेस्ट करवाने का आवश्यकता है। परंतु सरकार नहीं करवाएगी। क्योंकि नारको टेस्ट करवाने से,कर्मचारी से ज्यादा सरकार को डर है। यदि न्यायालय कहीं आदेश न जारी कर दें कि साल में एक बार सभी विधायक ,सांसद, मंत्री को नार्को टेस्ट करवाना ही होगा। भले ही न्यायालय द्वारा ऐसी आदेश से
राजनीति में सिर्फ ईमानदार, संस्कारवान, चरित्रवान ही जायेगें।

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