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लंबा मार्च इस्लामाबाद नहीं जाएगा

रावलपिंडी| पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान ने ऐलान किया है कि उनकी पार्टी का ‘हकीकी आजादी’ मार्च इस्लामाबाद की ओर नहीं जाएगा, क्योंकि वह देश में अराजकता नहीं फैलाना चाहते हैं। स्थानीय मीडिया ने यह जानकारी दी।

एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, पीटीआई ने कहा, “वे (सरकार) इस्लामाबाद मार्च का खर्च नहीं उठा सकते.. वे लाखों लोगों को इस्लामाबाद में प्रवेश करने से नहीं रोक सकते। हम श्रीलंका जैसे हालात पैदा कर सकते थे, मगर ऐसा नहीं करेंगे।”

खान ने कहा कि पार्टी ने मौजूदा शासकों को समय से पहले चुनाव की घोषणा करने के लिए मजबूर करने के लिए देश की सभी विधानसभाओं को छोड़ने का फैसला किया है।

उन्होंने कहा, “अगर दंगे होते हैं, तो चीजें सभी के हाथ से निकल जाएंगी। मैं पूरी कोशिश कर रहा हूं कि ऐसा कोई कदम न उठाया जाए, जिससे देश में अराजकता पैदा हो।”

उन्होंने कहा, “आज मैं इस्लामाबाद मार्च के खिलाफ फैसला कर रहा हूं, क्योंकि हम देश में अराजकता नहीं फैलाना चाहते। हम इस भ्रष्ट व्यवस्था का हिस्सा नहीं रहेंगे। हमने सभी विधानसभाओं को छोड़ने का फैसला किया है।”

खान ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्रियों के साथ सभी विधानसभाओं से हटने के मामले पर चर्चा की है और इस संबंध में अंतिम निर्णय पीटीआई की संसदीय दल की बैठक के बाद घोषित किया जाएगा।

एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा, “हमारे देश को नुकसान पहुंचाने के बजाय, इस भ्रष्ट व्यवस्था को छोड़ना बेहतर है।”

अपदस्थ प्रधानमंत्री अपने हकीकी आजादी मार्च को ‘चरमोत्कर्ष’ तक पहुंचाने के लिए रावलपिंडी में एक जनसभा को संबोधित किया। महीने की शुरुआत में एक बंदूक हमले में घायल होने के बाद यह उनकी पहली जनसभा थी।

खान ने अपने संबोधन की शुरुआत में कहा, “जब मैं लाहौर से रावलपिंडी के लिए रवाना हो रहा था, तो सभी ने मुझे मेरे पैर में घाव के कारण यात्रा न करने की सलाह दी।”

उन्होंने कहा कि उनके सहयोगियों ने भी उन्हें रावलपिंडी में जनसभा को संबोधित नहीं करने की चेतावनी दी, क्योंकि शीर्ष पदों पर आसीन तीन अपराधी फिर से उन्हें मारने की कोशिश करेंगे।

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