जन सुराज अभियान हर व्यक्ति का दल : प्रशांत किशोर
सिवान। जन सुराज पदयात्रा के 128वें दिन की शुरुआत सीवान जिले के बड़हरिया प्रखंड अंतर्गत कैलगढ़ उच्च विद्यालय स्थित पदयात्रा शिविर में सर्वधर्म प्रार्थना से हुई। उसके बाद प्रशांत किशोर ने बड़हरिया प्रखंड समिति के सदस्यों को संबोधित किया। जन सुराज पदयात्रा पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर और गोपालगंज जिले के बाद अब सीवान जिले में पहुंच चुकी है।प्रशांत किशोर सीवान में 25 से 30 दिन रुकेंगे और इस दौरान वे जिले के अलग अलग गांवों और प्रखंडों में पदयात्रा के माध्यम से जाएंगे। प्रशांत किशोर जन सुराज पदयात्रा के माध्यम से सीवान जिले के गांव-पंचायत तक पहुंचकर जनता की समस्याओं को सुनने, समझने का प्रयास करेंगे और समाज के माध्यम से सभी सही लोगों को एक मंच पर लाकर एक नई राजनीतिक व्यवस्था बनाने का प्रयास करेंगे। वहीं प्रशांत किशोर ने प्रखंड समिति के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि दल बनाने से लेकर दल को सुचारू रूप से चलाने के लिए जो व्यवस्था बनाई गई है, जिसको अंग्रेजी में क्राउडफंडिंग कहते हैं। जिसमें बिहार का कोई भी व्यक्ति या जो इस सोच को समर्थन देने वाला हो, हर वो व्यक्ति जो चाहता है कि कुछ मदद कर सके, वो 100, 500, 1000 रुपए अपनी स्वेक्षा से मोबाइल फोन के माध्यम से योगदान दे सकते हैं। हमारा लक्ष्य है दो साल में जब तक यात्रा खत्म हो, दो करोड़ लोगों से 100-200, 500 रूपया का सहयोग लिया जाए। अगर बिहार के दो करोड़ लोग 100 रुपए का योगदान देते हैं तो 200 करोड़ रूपया हो जाएगा। फिर किसी से पैसा लेने की जरूरत नहीं है। इस व्यवस्था को चलाने के लिए पैसा अपने आप आ जाएगा और इससे किसी एक आदमी का दवाब भी नहीं होगा। यह ऐसी व्यवस्था है, जिसको बिहार के लोग मिलकर चलायें। वहीं प्रखंड समिति के सदस्यों को जन सुराज अभियान का मकसद समझाते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि जन सुराज कोई राजनीतिक दल बनाकर चुनाव लड़ने का अभियान नहीं है। यह एक सामाजिक प्रयास है, जिसके जरिए एक नई राजनीतिक व्यवस्था बनाई जाए। यह कोई सामाजिक आंदोलन नहीं है, इसका विशुद्ध राजनीतिक मकसद है। इसी क्रम में प्रशांत किशोर ने कहा कि दल बनेगा, लेकिन दल कोई एक व्यक्ति या प्रशांत किशोर का नहीं बनाएंगे, इस दल को बिहार के वो सारे लोग मिलकर बनाएंगे जो चाहते हैं कि एक नया दल बने। वहीं प्रशांत किशोर ने कहा ये जो व्यवस्था हम लोग बना रहे हैं, इसमें सब का बराबर का अधिकार होना चाहिए। दल हर उस व्यक्ति का होना चाहिए इसे मिलकर बनाएगा, ऐसी व्यवस्था बनाई जाए कि दल सारे लोग मिलकर बनाएं और वही लोग इसको आगे मिलकर चलाएं। वही लोग तय करें कि दल का नाम क्या होना चाहिए, दल का संविधान क्या होना चाहिए, दल की प्राथमिकता क्या होनी चाहिए या दल में पदाधिकारी किसको होना चाहिए और साथ ही दल में टिकट किस आधार पर दिया जाना चाहिए।