गलत जीवनशैली व तनाव मानसिक रोग का मुख्य कारण है: डॉ मुकेश कुमार
विधिक सेवा सप्ताह के अंतर्गत मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता शिविर का हुआ आयोजन
मानसिक स्वास्थ्य के विषय में लोगों को किया गया जागरूक
मानसिक स्वास्थ्य की सेवा के लिए 104 पर कॉल करके भी जानकारी प्राप्त कर सकते
मोतिहारी। विधिक सेवा सप्ताह के अंतर्गत मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता शिविर का आयोजन मोतिहारी के सदर अस्पताल में किया गया। इस अवसर पर सदर अस्पताल में मानसिक स्वास्थ्य के विषय में लोगों को जागरूक किया गया। मौके पर डॉ मुकेश कुमार ने बताया कि गलत जीवनशैली व तनाव के कारण लोगों में मानसिक रोग बढ़ रहे हैं। वहीँ जिला विधिक सेवा प्राधिकार पूर्वी चम्पारण के पैनल अधिवक्ता राजेश कुमार एवं पारा विधिक स्वयं सेवक काली चरण पाठक ने बताया कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकारण नई दिल्ली एवं बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार पटना के निर्देशानुसार मानसिक स्वास्थ्य विषय पर जागरूकता का आयोजन किया गया।पैनल अधिवक्ता ने बताया कि पारिवारिक मतभेद,रोजगार की चिंता आदि तनाव के कारण लोग मानसिक अवसाद के शिकार हो रहे हैं। वहीं मानसिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए इसके प्रति जागरूकता जरूरी है। ताकि अधिक से अधिक लोग मानसिक स्वास्थ्य की जाँच कराकर सुरक्षित हों। सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ एसएन सिंह ने बताया कि मानसिक स्वास्थ्य जाँच में किसी प्रकार की झिझक नहीं करनी चाहिए। उनका कहना है – आज के वर्तमान स्थिति में हर 10 में से 1 व्यक्ति मानसिक रोग से पीड़ित है। मानसिक बीमारी का मतलब सिर्फ़ पागलपन नहीं होता है, बल्कि इसके बहुत सारे लक्षण है जैसे,अत्यधिक तनाव नींद नहीं आना, डिप्रेशन, आत्महत्या का खयाल आदि। मानसिक स्वास्थ्य की सेवा के लिए 104 पर कॉल करके भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। डॉ मुकेश कुमार ने बताया कि मानसिक स्वास्थ्य की गड़बड़ी होने पर इसका इलाज जरूरी होता है। उन्होंने कहा तनाव के कारण आपको माइग्रेन, सरदर्द, उच्च रक्तचाप तथा हृदय से संबंधित बीमारियां हो सकती हैं। जिनसे आपके जीवन पर खतरा बना रहता है। अतः लक्षण महसूस होते ही मानसिक चिकित्सक से सहायता लेनी चाहिए। मौके पर पैनल अधिवक्ता राजेश कुमार,कालीचरण पाठक, सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ एस एन सिंह, डॉ मुकेश कुमार कुशवाहा, दिनेश सत्यार्थी, अवधेश शर्मा, चांदसी कुमार समेत अन्य लोग मौके पर मौजूद रहे।
मानसिक रोग के लक्षण:
– स्पष्ट रूप से सोचने और दैनिक कार्यकलापों को करने में कठिनाई
– बार बार नकारात्मक विचारों का आना
– आदत, इच्छा एवं एकाग्रता में अचानक परिवर्तन का होना
– आत्महत्या का विचार आना अथवा आत्महत्या करने का प्रयास करना
– क्रोध, भय, चिंता, अपराध बोध, उदासी या खुशी की लगातार अनुभूति।