ग्रामीण बोले- 24 घंटे लगी रहती है पोकलेन; कलेक्टर बोले- कार्रवाई करने जाते तो भाग जाते है माफिया
हरदा: सूबे के मुख्यमंत्री ने नर्मदा नदी में अवैध उत्खनन पर पूरी तरह रोक लगा दी है। इसके बावजूद जिले में अवैध खनन बंद होने का नाम नहीं ले रहा है। खास बात यह है कि कृषि मंत्री कमल पटेल इसी जिले से आते है। इसके बावजूद वे इस ओर ध्यान नहीं दे रहे है।मंगलवार को जिला पंचायत में जनसुनवाई के दौरान टिमरनी विकासखंड के छीपानेर गांव के ग्रामीणों ने कलेक्टर ऋषि गर्ग को नर्मदा नदी में हो रहे अवैध रेत उत्खनन की शिकायत की है।कलेक्टर ने स्वीकारा, प्रशासन को माफिया देते है चकमाइस दौरान कलेक्टर गर्ग ने कहा कि नर्मदा नदी में होने वाले अवैध रेत खनन की सूचना मिलने पर प्रशासन के अधिकारी जाते है। लेकिन खनन करने वालों को सूचना लगते ही ऐसे लोग पहले ही हट जाते है। इसी को लेकर उनके द्वारा नर्मदा नदी के किनारे वाली खदानों के आसपास के क्षेत्र में CCTV कैमरे लगाने के लिए पत्र लिखा है। ताकि शासन से निर्धारित खदान के अलावा कही पर भी अवैध खनन नहीं हो पाए।मजदूरों ऐसे निकालते है रेतहरदा में नर्मदा में बड़े पैमाने पर रेत का अवैध खनन24 घंटे लगी रहती है पोकलेन मशीनजनसुनवाई में पहुंचे ग्रामीणों ने बताया कि छीपानेर में 24 घंटे पोकलेन मशीन के अलावा मजदूरों के द्वारा नर्मदा नदी में नाव के सहारे रेत निकाली जा रही है। ठेकेदार अपनी सीमा से अधिक हिस्से में रेत निकाल रहा है। अतः प्रशासन को खदान की सीमा निर्धारित करनी चाहिए। रेत निकालने अन्य प्रदेश से आए मजदूरों के द्वारा ग्रामीणों से लड़ाई झगड़ा किया जाता है। वहीं सैकड़ों मजदूरों के प्रतिदिन नर्मदा के बीच में ही दैनिक क्रिया करने से नर्मदा नदी का जल दूषित हो रहा है।ओवरलोड डंपरों से सड़क जर्जरओवर लोडिंग डंफरों से सड़क जर्जर हालत में पहुंच गई है। गांव के सरपंच गुरुदयाल के साथ करीब 2 दर्जन से अधिक ग्रामीणों ने कलेक्टर से नर्मदा में हो रहे अवैध खनन पर रोक लगाने की मांग की है। ग्रामीण अभय राजपूत का कहना है कि यहां पूरी रात रेत माफिया नर्मदा से रेत निकाल कर उसे छलनी कर रहे हैं।
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