चाट की दुकान पर निरीक्षण करने पहुंचा धरा गया, फर्जी FSO फराटे दार बोलता है इंग्लिश
सहारनपुर: सहारनपुर में एक फर्जी फूड इंस्पेक्टर पकड़ा गया है। फेसबुक और अन्य सोशल प्लेटफार्म से वीडियो देखकर युवक ने किसे कमाई का जरिया बनाने की सोच लिया था। विभागीय पिछले 6 महीने से इसके पीछे पड़ा हुआ था, लगातार इसकी शिकायत मिल रही थी। बड़तला यादगार में एक चाट की दुकान पर छापेमारी करने पहुंचा यह युवक गिरफ्तार हो गया।जरिया बनाने की सोच लिया था। विभागीय पिछले 6 महीने से इसके पीछे पड़ा हुआ था, लगातार इसकी शिकायत मिल रही थी। बड़तला यादगार में एक चाट की दुकान पर छापेमारी करने पहुंचा यह युवक गिरफ्तार हो गया।कई महीने से कर रहा था वसूलीफर्जी फूड इंस्पेक्टर का नाम सागर है। वह थाना सदर बाजार के कपिल बिहार में रहता है। उसके पिता मुन्ना लाल डिग्री कॉलेज में चपरासी हैं। और वह बीकॉम पड़ा हुआ है। फराटे दार इंग्लिश बोलता है। युवक ने बताया कि वह फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया पर वीडियो देखता था। चलचरित्र की इस दुनिया में लोगों के चरित्र पर भी सवाल उठ रहे हैं। फिल्मों और नाटकों में दिखाए गए दृश्यों को लोग सच मान लेते हैं और उसी की राह अपनाने निकल पड़ते हैं। यही सागर के साथ भी हुआ। उसके पास कोई काम नहीं था। उसने भी शॉर्टकट तरीका अपनाने का सोचा और जेल की सलाखों के पीछे है।फिल्मी अंदाज में ही पकड़ा गया युवकदरअसल, आरोपी सागर पिछले कई माह से खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के अधिकारियों के लिए चुनौती बना हुआ था। लगातार वह एक के बाद एक छापेमारी प्रतिष्ठान पर कर रकम वसूल रहा था। बुधवार की शाम को वह फर्जी खाद्य सुरक्षा अधिकारी बनकर बड़तला यादगार में मशहूर चाट की दुकान पर पहुंच गया।चाट की दुकान के मालिक से कागजात मांगे। जिसको देखने के बाद उसने रुपए की मांग भी की। हालांकि शुरुआत में दुकान के स्वामी के हाथ पांव की फूल गए थे। लेकिन फिर उसे शक हुआ और उसने पड़ोस के दुकानदारों को बुला लिया। सभी खट्टा हो गए और फर्जी फूड इंस्पेक्टर को बैठा लिया। जिसके बाद व्यापारियों ने विभाग के अधिकारियों को सूचना दी। मौके पर सहायक आयुक्त ने खाद्य सुरक्षा अधिकारी राहुल शुक्ला, संजीव कुमार, रणधीर सिंह यादव को भेजा। पुलिस को इसकी सूचना दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस आरोपी को सिटी कोतवाली ले आई। विभाग की तहरीर पर आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के सहायक आयुक्त (ग्रेड-2) पवन कुमार का कहना है, आरोपी फर्जी स्पेक्टर बंद कर कई माह से व्यापारियों के प्रतिष्ठानों पर पहुंच रहा था और उन्हें ब्लैकमेल कर रहा था। जिसकी तलाश में कई महीने से लगे हुए थे। जो पकड़ा गया है।ग्रेड-2) पवन कुमार का कहना है, आरोपी फर्जी स्पेक्टर बंद कर कई माह से व्यापारियों के प्रतिष्ठानों पर पहुंच रहा था और उन्हें ब्लैकमेल कर रहा था। जिसकी तलाश में कई महीने से लगे हुए थे। जो पकड़ा गया है।
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