जिस अनाज योजना पर मोदी जी अपनी पीठ थपथपा रहे, उसी योजना में उनके विधायक भ्रष्टचार में शामिल : प्रशांत किशोर
पूर्वी चंपारण। जन सुराज पदयात्रा के 104वें दिन की शुरुआत पूर्वी पंचायत के संग्रामपुर प्रखंड स्थित निर्मला पांडे हाई स्कूल में सर्वधर्म प्रार्थना से हुई। इसके बाद प्रशांत किशोर ने स्थानीय मीडिया से संवाद किया। प्रशांत किशोर सैकड़ों पदयात्रियों के साथ तिवारी टोला से पदयात्रा के लिए निकले। आज जन सुराज पदयात्रा पूर्वी चंपारण के मधुबनी उत्तरी, भटवलिया, बरवा, सरोतर पश्चिमी होते हुए केसरिया प्रखंड के सेमुआपुर पंचायत के निकट ब्रह्म स्थान ग्राउंड में रात्री विश्राम के लिए पहुंचेगी। वहीं प्रधानमंत्री मोदी पर तंज करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि मोतिहारी में 10 से ज्यादा चीनी की मिल थी, आज वो लगभग बंद हो गई है। आपने सुना होगा कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने मोतिहारी के लोगों से वादा किया था कि वो मोतिहारी चीनी मिल के बने चीनी से चाय पियेंगे। मुझे मोदी जी के वादे का तो नहीं पता मग़र सच्चाई यह है कि उन्हीं के पार्टी के नेता मिल की जमीन का बंदरबांट कर रहें है। उन्होंने कई बीघा जमीन अपने और अपने रिश्तेदारों के नाम खरीदा है। मैं दो दिन पहले उस जमीन के पास से गुजर रहा था, लोगों ने मुझे दिखाया कि कैसे प्रशासन के मिलीभगत से इन जमीनों को औने-पौने दाम पर हड़प लिया गया। प्रधानमंत्री के पार्टी के नेताओं ने मिल के जमीन को हड़प लिया जिसपर आज कोई सवाल नहीं उठा रहा है। वहीं प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में हो रहे भ्रष्टाचार पर बोलते हुए प्रशांत किशोर ने कहा, “ज्यादातर लोगों को पांच किलो अनाज नहीं मिलता है, उन्हें चार या साढ़े चार किलो ही अनाज मिलता है। व्यवस्थित तरीके से 40 रुपया प्रति क्विंटल के हिसाब से विधायक से लेकर अफसर और जनप्रतिनिधि तक गरीब जनता से पीसी काट रहे हैं। मौजूदा समय में सरकार की दो योजनाएं चल रही। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना जिसमें भाजपा विधायक समेत जनप्रतिनिधि और अफसर मिलकर 40 रुपया प्रति क्विंटल पीसी ले रहे है जिसकी वजह से लाभार्थियों को पांच के बजाए 4 या 4.5 किलो ही अनाज मिल रहा है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में भाजपा के ज्यादातर विधायक भी भ्रष्टाचार में शामिल हैं।वहीं प्रशांत किशोर ने कहा की जल संसाधन मंत्रालय बिहार का एक मात्र ऐसा मंत्रालय है, जो गृह विभाग के अलावा कभी किसी सत्ताधारी पार्टी ने एलायंस पार्टी को नहीं दिया है। इसके पीछे एक बड़ा कारण है कि अगर कोई लूट-खसोट करता है, तो उसे पकड़ना बहुत मुश्किल है। क्योंकि नेता अधिकारी कटाव में बह जाने के बहाने बनाते हैं और पैसा हजम कर जाते हैं। बिहार में नेता और अफसर चाहते हैं कि बाढ़ और कटाव की समस्या बनी रहे ताकि इसके जरिए वो भ्रष्टाचार व लूट करते रहें। बिहार में इससे बढ़िया लुट का जरिया और हो नहीं सकता क्योंकि पेपर में ही सबकुछ होना है और पेपर में ही सबकुछ निपट जाना है। बिहार में जल संसाधन एक ऐसा मंत्रालय हैं जहां जो भी लूटना है लूटते रहिये और बाढ़ के नाम पर बहा दीजिए।