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राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम- स्वास्थ्य कर्मियों का हुआ प्रशिक्षण

सभी प्रखंडों के एसटीएस, एसटीएलएस, टीबीएचभी, डॉट प्लस सुपरवाइजरों का हुआ प्रशिक्षण

2025 तक टीबी उन्मूलन का रखा गया है लक्ष्य- डॉ टी एन प्रसाद

बेतिया। राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के तहत मंगलवार को जिला यक्ष्मा केंद्र स्थित सभागार में सभी प्रखंडों के चयनित एसटीएस, एसटीएलएस, टीबीएचभी, डॉट प्लस सुपरवाइजरों के प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम के विषय में अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ टीएन प्रसाद ने बताया कि टीबी उन्मूलन कार्यक्रम 2025 के सफल संचालन हेतु स्वास्थ्य कर्मियों का प्रशिक्षित होना जरूरी है। तभी जागरूकता के साथ सही मायने में टीबी के मरीजों की पहचान, जाँच व इलाज हो पाएगा। उन्होंने बताया कि कोविड से संक्रमित हो चुके लोगों में टीबी का खतरा बना रहता है, ऐसे में लक्षणों वाले लोगों की जांच होगी। यदि इनमें से किसी की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है, तो उसके संपर्क में रह चुके लोगों में टीबी की जांच की जाएगी। यह एक तरह से कोरोना जांच की तरह ही संचालित किया जाएगा। अभियान में चिह्नित गांव के एक-एक घर के सदस्यों की जांच की जानी है। वहीं प्रशिक्षण के दौरान केएचपीटी की जिला प्रतिनिधि मेनका सिंह ने बताया कि सरकार ने वर्ष 2025 तक जिले को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसको लेकर जिला टीबी केंद्र द्वारा जरूरी प्रयास किये जा रहे हैं। सर्वे के दौरान चिह्नित मरीजों की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई, तो उनका निक्षय पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करते हुए इलाज शुरू किया जाएगा। साथ ही, उनके परिवार के सभी सदस्यों में भी टीबी की जांच की जाएगी। ताकि, टीबी के संक्रमण प्रसार को चिह्नित किया जा सके। उन्होंने कहा कि सर्वे के दौरान गांव के लोगों को सरकार द्वारा राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम की जानकारी दी जानी है। ताकि लोगों में जागरूकता आ सके। वहीँ सूरज नारायण, राकेश कुमार वर्मा ने बताया कि जिले में टीबी मरीजों की पहचान से लेकर नि:शुल्क दवा वितरण एवं निक्षय योजना के तहत मरीजों को मिलने वाले लाभ को सुनिश्चित किया जा रहा है। ताकि टीबी को जल्द से जल्द मिटाया जा सके। वहीं जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ टीएन प्रसाद ने बताया कि ओपीडी में पहुंचने वाले सर्दी-खांसी मरीजों के बलगम की सीबीनॉट जांच अवश्य कराएं। जांच के उपरांत पाजिटिव पाए जाने पर तत्काल उपचार शुरू करें। जिले के सभी प्रखंडों के अस्पतालों में यक्ष्मा बीमारी की जाँच व दवा नि:शुल्क उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि सरकार व स्वास्थ्य विभाग ने 2025 तक यक्ष्मा के उन्मूलन का लक्ष्य रखा है। जिसके तहत समय समय पर जागरूकता अभियान भी चलाया जाता है। वहीं मौके पर अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रमेश चंद्रा, जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ टीएन प्रसाद, केएचपीटी की जिला प्रतिनिधि मेनका सिंह, सूरज नारायण, राकेश कुमार वर्मा, एसटीएस जितेंद्र कुमार सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित थे।

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