ब्रेकिंग
जहानाबाद दोहरे हत्याकांड में सात आरोपियों को सश्रम आजीवन कारावास डोनियर ग्रुप ने लॉन्च किया ‘नियो स्ट्रेच # फ़्रीडम टू मूव’: एक ग्रैंड म्यूज़िकल जिसमें दिखेंगे टाइगर श... छात्र-छात्राओं में विज्ञान के प्रति रुचि जागृत करने हेतु मनी राष्ट्रीय विज्ञान दिवस राबड़ी, मीसा, हेमा यादव के खिलाफ ईडी के पास पुख्ता सबूत, कोई बच नहीं सकता “समान नागरिक संहिता” उत्तराखंड में लागू - अब देश में लागू होने की बारी नगरनौसा हाई स्कूल के मैदान में प्रखंड स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता का हुआ आयोजन पुलिस अधिकारियों व पुलिसकर्मियों को दिलाया पांच‌ प्रण बिहार में समावेशी शिक्षा के तहत दिव्यांग बच्चों को नहीं मिल रहा लाभ : राधिका जिला पदाधिकारी ने रोटी बनाने की मशीन एवं अन्य सामग्री उपलब्ध कराया कटिहार में आरपीएफ ने सुरक्षा सम्मेलन किया आयोजित -आरपीएफ अपराध नियंत्रण में जागरूक करने के प्रयास सफ...

नवजात शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के तहत राज्य में स्वास्थ्यकर्मियों का होगा क्षमतावर्धन

पटना। राज्य में नवजात शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए स्वास्थ्यकर्मियों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे. नवजात शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के तहत एक सौ दो ट्रेनिंग सेशन की मदद से तीन हजार से अधिक चिकित्सकों, स्टाफ नर्स और एएनएम का क्षमतावर्धन होगा. इंडियन एकेडमी आॅफ पेडीएट्रिक, पाथ संस्था एवं राज्य स्वास्थ्य समिति के साझा सहयोग के साथ यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करेगी। बुधवार को राज्य स्वास्थ्य समिति के सचिव सह कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने नवजात शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया। आनलाइन के माध्यम से प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कार्यपालक निदेशक ने कहा कि इंडियन एकेडमी आॅफ पेडीएट्रिक तथा पाथ संस्था राज्य स्वास्थ्य समिति के साथ समन्वय स्थापित कर नवजात शिशु सुरक्षा कार्यक्रम को और अधिक मजबूती प्रदान करने के लिए स्वास्थ्यकर्मियों का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर रही है। नवजात शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए यह महत्वपूर्ण प्रशिक्षण कार्यक्रम है। उन्होंने कहा कि प्रसव से जुड़े सभी स्वास्थ्यकर्मियों को हर प्रसव अपने पहले प्रसव के कार्य के रूप में देखना चाहिए। खगड़िया जिला से इस प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरूआत की जा रही है। यह एक चुनौतीपूर्ण जिला है। यहां से प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरूआत के साथ जिला को एक उदाहरण के रूप में प्रस्तूत किया जायेगा। इसके बाद राज्य के सभी 38 जिलों में इस प्रशिक्षण की शुरूआत होगी। पाथ के स्टेट हेड अजीत कुमार सिंह ने कहा कि इंडियन एकेडमी आॅफ पेडीएट्रिक तथा पाथ समन्व्य स्थापित कर राज्य में नवजात शिशु मृत्यु दर को कम करने के सभी प्रयास कर रहा है। इसमें राज्य स्वास्थ्य समिति के साझेदारी के साथ प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित होंगे। राज्य कार्यक्रम अधिकारी, बाल स्वास्थ्य डॉ बीपी राय ने कहा कि नवजात शिशु मृत्यु दर को कम करने में इस प्रकार का प्रशिक्षण बहुत ही महत्वपूर्ण है। स्वास्थ्यकर्मियों के इस प्रकार के प्रशिक्षण से सिक न्यू बॉर्न केयर यूनिट पर दबाव में कमी आयेगी. इससे रेफरल की संख्या घटेगी। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे 5 की रिपोर्ट के अनुसार बिहार में नवजात एवं शिशु मृत्यु दर में काफी कमी आयी है। राज्य में नवजात शिशु मृत्यु से निपटने के लिए प्रसव के उपरांत नवजात में होने वाली जटिलताओं के बेहतर प्रबंधन को लेकर स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जायेगा।

Leave A Reply

Your email address will not be published.