ब्रेकिंग
जहानाबाद दोहरे हत्याकांड में सात आरोपियों को सश्रम आजीवन कारावास डोनियर ग्रुप ने लॉन्च किया ‘नियो स्ट्रेच # फ़्रीडम टू मूव’: एक ग्रैंड म्यूज़िकल जिसमें दिखेंगे टाइगर श... छात्र-छात्राओं में विज्ञान के प्रति रुचि जागृत करने हेतु मनी राष्ट्रीय विज्ञान दिवस राबड़ी, मीसा, हेमा यादव के खिलाफ ईडी के पास पुख्ता सबूत, कोई बच नहीं सकता “समान नागरिक संहिता” उत्तराखंड में लागू - अब देश में लागू होने की बारी नगरनौसा हाई स्कूल के मैदान में प्रखंड स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता का हुआ आयोजन पुलिस अधिकारियों व पुलिसकर्मियों को दिलाया पांच‌ प्रण बिहार में समावेशी शिक्षा के तहत दिव्यांग बच्चों को नहीं मिल रहा लाभ : राधिका जिला पदाधिकारी ने रोटी बनाने की मशीन एवं अन्य सामग्री उपलब्ध कराया कटिहार में आरपीएफ ने सुरक्षा सम्मेलन किया आयोजित -आरपीएफ अपराध नियंत्रण में जागरूक करने के प्रयास सफ...

सदियों से लग रहे मलमास मेला को अबतक नहीं मिली राष्ट्रीय पहचान

मलमास मेला को राष्ट्रीय मेला का दर्जा दिलाने की मुहिम तेज

पीएम को भेजेंगे लाख पोस्टकार्ड

मुख्यमंत्री से इस बाबत मिलेगा प्रतिनिधिमंडल

बिहारशरीफ। पंच पहाड़ियों और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए सुविख्यात राजगीर में हजारों साल से लग रहे मलमास मेला को राष्ट्रीय मलमास मेला का दर्जा देने की मांग जोर पकड़ने लगी है। इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जन हस्ताक्षरित ज्ञापन सौंपने से लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक लाख एक पोस्टकार्ड भेजने की तैयारी है। मेला के दौरान पहले की तरह नाट्य संस्कृति को फिर से लौटने का प्रस्ताव राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर स्मृति न्यास द्वारा लिया गया है। न्यास अध्यक्ष नीरज कुमार ने यह जानकारी देते हुए यहां कहा कि देश और दुनिया में केवल राजगीर ही सभी धर्मों का संगम की आदि भूमि है। यह साम्प्रदायिक सौहार्द की प्रेरणा भूमि है। मलमास मेला देश और दुनिया का एकलौता मेला है, जहां मेला अवधि में तैतिस कोटि देवी देवता एक महीने तक प्रवास करते हैं। प्रयाग, नासिक, उज्जैन, हरिद्वार जैसे विशाल मेला का आयोजन सदियों से अध्यात्मिक शहर राजगीर में किया जाता है। लेकिन सरकारी उपेक्षा के कारण इसकी राष्ट्रीय पहचान अबतक नहीं बन सकी है।
उन्होंने कहा कि राजगीर के मलमास मेला को राष्ट्रीय पहचान और दर्जा दिलाने के लिए हर संभव किया जायेगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा मलमास मेला को राजकीय मेला का दर्जा प्रदान किया गया है। इसकी खुशी सनातन संस्कृति प्रेमियों में है। लेकिन केन्द्रीय सरकार द्वारा अबतक इसे राष्ट्रीय मेला का पहचान नहीं दिया गया है। नीरज ने कहा कि मलमास मेला में जिला प्रशासन उन्हें नि:शुल्क भूमि और आरआईसीसी उपलब्ध कराये तो एक सौ एक साहित्यिक, सांस्कृतिक नाटकों का मंचन मुंबई के नामचीन रंगकर्मियों द्वारा कराया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मेला की धूमिल हो रही संस्कृति और पहचान फिर से वापस लाने और इसकी राष्ट्रीय पहचान के लिए राष्ट्रीय मेला का दर्जा आवश्यक है। राष्ट्रीय मेला का दर्जा मिलने के बाद केन्द्र सरकार द्वारा प्रयाग, नासिक, उज्जैन, हरिद्वार की तरह सैंकड़ों करोड़ रुपये का आवंटन मिलने से न केवल मेला की व्यवस्था सुधरेगी, बल्कि इसकी पहचान भी बदल जायेगी। प्रकृति के अध्यक्ष एवं पूर्व मुखिया नवेन्दू झा और नगर परिषद, राजगीर के वार्ड पार्षद श्रवण कुमार ने कहा कि राजगीर के ऐतिहासिक मलमास मेला को राष्ट्रीय मेला का दर्जा दिलाने के लिए ज्ञापन तैयार कर हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा है। ज्ञापन को सीएम नीतीश कुमार को सौंपा जायेगा। उनसे राष्ट्रीय मेला का दर्जा देने के लिए केन्द्र सरकार को अनुशंसा भेजने के लिए अनुरोध किया जायेगा।

Leave A Reply

Your email address will not be published.