सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ग्रामीणों के लिए चिकित्सीय सुविधाओं की रहती है उपलब्धता: सिविल सर्जन
विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों को संचालित कराने में सहयोगी संस्थाओं की भूमिका सराहनीय: डीआईओ
सफाई से लेकर कचरा प्रबंधन तक में आया बदलाव: डॉ किसलय
कटिहार। जिला मुख्यालय से लगभग 75 किलोमीटर दूर आजम नगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को कायाकल्प योजना से प्रमाणीकरण मिलने के बाद स्थानीय अस्पताल में कार्यरत लगभग 150 से अधिक चिकित्सकों एवं कर्मियों को सम्मानित किया गया। इस दौरान सिविल सर्जन डॉ जितेंद्र नाथ सिंह, डीआईओ डॉ डीएन झा, डीएमओ डॉ जय प्रकाश सिंह, डीपीएम भगवान प्रसाद वर्मा, जिला लेखपाल सत्यम सुंदर, डीसीक्यूए डॉ किसलय कुमार, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ एसडी सिंह, पूर्व एमओआईसी डॉ फ़ैज़ूल रहमान, डॉ जय हिन्द, डॉ प्रगति कुमारी, केयर इंडिया के डीपीएचओ निशांत कुमार, अविनाश कुमार, विकास कुमार, सुभाष चंद्र, रूही कुमारी, दीपेश कुमार सहित कई अन्य उपस्थित थे।
सरकार की ओर से स्थानीय ग्रामीणों के लिए चिकित्सीय सुविधाएं की रहती है उपलब्धता: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ जितेंद्र नाथ सिंह ने चिकित्सा पदाधिकारियों एवं स्वास्थ्य कर्मियों को सम्मानित करने के बाद कहा कि पश्चिम बंगाल की सीमा पर अवस्थित लगभग चार लाख की आबादी वाला आजम नगर स्वास्थ्य केंद्र महानंदा एवं गंगा नदी से घिरा हुआ है। हालांकि स्थानीय निवासी किसी तरह अस्पताल पहुंच अपना उचित परामर्श एवं इलाज कराते हैं। क्योंकि बुनियादी चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्धता सरकार की ओर से कराई गई है। ताकि स्थानीय ग्रामीणों को सभी तरह की स्वास्थ्य सुविधाएं मिलती रहे।
आज़म नगर अस्पताल का कायाकल्प करने के बाद ही अत्याधुनिक सुविधाओं की आपूर्ति होगी। तभी स्थानीय लोगों को बेहतर तरीके से चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध हो सकती हैं।
विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों को संचालित कराने में सहयोगी संस्थाओं की भूमिका सराहनीय: डीआईओ
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ डीएन झा ने कहा कि कायाकल्प योजना से सम्मानित होने के लिए चिकित्सकों, कर्मियों सहित स्वास्थ्य विभाग को सहयोग करने वाली केयर इंडिया टीम ने सबसे अधिक भूमिका का निर्वहन किया है। क्योंकि सरकारी अस्पताल में अत्याधुनिक सुविधाओं की आपूर्ति सहयोगी संस्थाओं के द्वारा की जाती है। इसके अलावा चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों सहित स्टाफ़ नर्स को समय-समय पर उचित प्रबंधन को लेकर प्रशिक्षित भी किया जाता है। जिस कारण किसी भी तरह की समस्याओं से निबटने में कोई दिक्कत नहीं होती है। क्योंकि अस्पताल में आने वाले मरीजों की उचित देखभाल के लिए अस्पताल की साफ-सफाई, बाहरी एवं अंदर की सुंदरता, मरीजों की उचित देखभाल, आउट डोर, प्रसव कक्ष, बच्चा वार्ड, जांच घर, ऑपरेशन थियेटर को मानकों पर खरा उतारना, कचरा का उचित प्रबंधन सहित हर्बल गार्डन बनाने में केयर इंडिया की भूमिका सराहनीय है।
अस्पताल को संचालित करने में कर्मियों की भूमिका काफ़ी महत्वपूर्ण: डॉ जेपी सिंह
जिला वेक्टर बॉर्न पदाधिकारी डॉ जय प्रकाश सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य संस्थान को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए स्थानीय चिकित्सकों एवं कर्मियों की भूमिका काफ़ी महत्वपूर्ण होती है। क्योंकि मरीज़ों के साथ सुगमतापूर्वक व्यवहार, उचित प्रबंधन के अलावा सरकार की ओर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों को संचालित करना अतिआवश्यक होता है। स्थानीय ग्रामीणों के बीच सभी तरह के सरकारी कार्यक्रमों को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए ताकि अधिक से अधिक लोगों को जानकारी मिल सके। पहाड़ी इलाकों में फाइलेरिया या कालाजार जैसी बीमारियों से सुरक्षित एवं बचाव को लेकर भी जागरूक होने की आवश्यकता होनी चाहिए। ताकि जिले से इस प्रकार की बीमारियों को मिटाया जा सके।
सफाई से लेकर कचरा प्रबंधन तक में आया बदलाव: डॉ किसलय
जिला सलाहकार, गुणवत्ता यक़ीन पदाधिकारी डॉ किसलय कुमार ने कहा कि सीएचसी आज़मनगर में पहले की अपेक्षा काफी सुधार हुआ है। हालांकि इससे भी बेहतरीन चिकित्सीय सुविधाएं मुहैया कराए जाने को लेकर लगातार प्रयास किया जाएगा। अस्पताल की साफ़-सफाई से लेकर कचरा निस्तारण तक में बहुत ज्यादा बदलाव आया है। इसके साथ ही सभी प्रकार की अभिलेखों को सुव्यवस्थित तरीक़े से संधारण किया गया है। सबसे अहम बात यह है कि सभी तरह के अस्पतालों को कायाकल्प और एनक्वास प्रमाणीकरण के लिए चयनित होने पर उनके मानकों के अनुरूप सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं।
स्वास्थ्य संस्थानों की छवि में पड़ता है सकारात्मक प्रभाव: एमओआईसी
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अजमनगर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ एसडी सिंह ने कहा कि कायाकल्प कार्यक्रम के तहत से सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों की छवि में काफ़ी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। क्योंकि सभी प्रकार की सुख सुविधाएं मुहैया कराने के बाद ही कायाकल्प से प्रमाणीकरण होता है। हालांकि पहले से ही अस्पताल प्रशासन द्वारा सीमित संसाधनों में स्थानीय लोगों को चिकित्सीय सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। जिसका लाभ स्थानीय निवासियों को मिल भी रहा है।