बिहार पुलिस एसोसिएशन सरकार से मान्यता प्राप्त एक कल्याणकारी संस्था अपने सदस्यों की मूलभूत समस्याओं एवं पीड़ित सदस्यों की परेशानियों को पत्राचार के माध्यम से एवं पुलिस मुख्यालय में वरीय अधिकारियों से मिलकर समस्याओं के निदान के लिए सार्थक प्रयास करता है
बिहार पुलिस एसोसिएशन की उचित मांगों का निदान करना पुलिस मुख्यालय का कर्त्तव्य है विहार पुलिस एसोसिएशन के 39 वें महाधिवेशन में कई मांगों को पुलिस मुख्यालय के पास प्रस्ताव पारित कर भेजा गया था
परंतु अभी तक उन मांगों पर विचार एवं निदान नहीं किया गया है नियम विरुद्ध पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय के केन्द्रीय क्षेत्रादेश सं ० 294/21 एवं 295/21 द्वारा किये गये स्थानान्तरण आदेश पर एसोसिएशन आपत्ति व्यक्त करता है
पुलिस मुख्यालय द्वारा 2007 अधिनियम एवं पुलिस आदेश सं 315/20 जो राज्य सरकार द्वारा अनुमोदित आदेश है
एवं पुलिस मैन्युअल के नियमों को नजरअंदाज करते हुए किया गया स्थानान्तरण सही नहीं है उक्त स्थानान्तरण आदेश के तहत वैसे भी पुलिस कर्मियों का स्थानान्तरण किया गया है , जिसकी शेष सेवा अवधि 2 वर्ष के दायरे में आता है
जो पुलिस महानिदेशक का कार्यालय , बिहार , पटना का ज्ञापांक 1077 / पी0-2 , दिनांक 30.03.2012 के आदेश का उल्लंघन है सरकार से अनुमोदित आदेश 315/20 के तहत 5 पांच ऐच्छिक जिला इकाई का विकल्प प्राप्त करने के बावजूद भी स्थानान्तरण किसी एक ऐच्छिक जिला इकाई में नहीं किया गया है
अपनी मर्जी के अनुसार पुलिस अधिनियम सरकार से अनुमोदित पुलिस आदेश एवं पुलिस मैन्युअल के नियमों का उल्लंघन करते हुए कर दिया गया है
पुलिस मुख्यालय गया में एक पुलिस निरीक्षक का स्थानान्तरण करता है फिर लगभग एक माह बाद उसे रद्द करता है स्थानान्तरण संबंधित मामला माननीय पटना उच्च न्यापयालय में चल रहा है
पुलिस मुख्यालय का पत्र सं ० पी०- 1 – सह – पठित ज्ञापांक 75 , दिनांक 01.02.2022 के तहत स्थानान्तरित जिला में 48 घण्टे के अन्दर योगदान करते हुए पुलिस मुख्यालय नियंत्रण कक्ष को भी फलाफल से अवगत कराने का आदेश दिया गया है
ताकि किसी भी तरह से मजोपूर्वक गलत स्थानान्तरण का अनुपालन सुनिश्चित हो सके वेतन धारित के डर से अनुशासित बीमार पीड़ित पुलिस कर्मों जो मेडिकल आधार पर कड़ी कार्यरत थे उन्हें भी स्थानान्तरित जिला नालंदा अन्यन्न योगदान करने के लिए बाध्य हो गये अब मात्र वैसे ही पुलिसकर्मी कुछ शेष बचे हुए हैं , जो अपने स्वयं को या धर्मपत्नी पुत्र पुत्री मां पिता का दोनों किडनी खराब है , डायोलेसिस पर जिन्दा है । किसी का ओपेन हार्ट सर्जरो कर वॉल्च रिप्लेसमेंट करना है या असाध्य रोगों से पीड़ित होकर जीवन एवं मृत्यु से जूझ रहे हैं , वैसे पुलिसकर्मियों को स्वयं को या अपने परिजन के इलाज ऑपरेशन में लाखों – लाख रुपए खर्च है , जिन्हें दिनांक 01.01.2022 से पटना जिला से विरमित करते हुए वेतन पर भी रोक लगा दिया गया है पुलिस महानिरीक्षक वैसे पीड़ित पुलिसकर्मियों के स्थानान्तरण स्थगित करने के लिए स्वयं सक्षम थे , लेकिन पुलिस मुख्यालय सभी पीड़ित पुलिसकर्मियों की विशेष परिस्थिति के गंभीर मामले को निर्णय लेने हेतु भेज दिये जा रहे हैं आर्थिक संकट के चलते इलाज समुचित रूप से कराने में असमर्थ एवं अपने को अति लाचार महसूस कर रहे हैं बिहार पुलिस एसोसिएशन को चिंता है कि हो सकता है कि इस तरह को पारस्थति में कोई अप्रिय घटना , जैसे मृत्यु आत्महत्या न कर लें साथ ही बिहार पुलिस एसोसिएशन के केन्द्रीय
पदधारक उपाध्यक्ष संयुक्त सचिव का स्थानान्तरण नियम विरुद्ध पटना से अन्य जिले में कर दिया गया है । ए.सी.पी. का बोर्ड समय से नहीं हो रहा है । बिहार पुलिस के स.अ.वि. से पु.नि. सम्वर्ग तक का वर्दी भत्ता कि निकासी अभी तक नहीं की गई है जबकि वित्तीय वर्ष 2021-22 सत्र की समाप्ती पर है । बीमारी से पीड़ित पुलिसकर्मियों का चिकित्सकीय आधार पर विगत 2 वर्ष से स्थानांतरण का बोर्ड लम्बित है जो पूर्व में समय – समय पर हुआ करता था । पुलिसकर्मियों कि सेवानिवृत्ति का बोर्ड स्वेच्छिक सेवानिवृत्ति गृह जिला को स्थानांतरण सेवा निकटता के आधार पर वर्षों से बाधित है । जबकि पूर्व में प्रत्येक माह में पुलिस मुख्यालय के द्वारा होता था । पुलिसकर्मियों का चिकित्सीय प्रतिपूर्ति / शिक्षा प्रतिपूर्ति का बोर्ड लंबित है । बिहार के पुलिसकर्मियों के इलाज हेतु चिकित्सकीय कार्ड कैशलेस कार्ड की माँग कई वर्षों से लम्बित है । बिहार पुलिस एसोसिएशन केंद्रीय कार्यालय के जीर्णोद्वार एवं साथ में गेस्ट हाउस का निर्माण हेतु अनेको बार पत्राचार किया गया है उसके बावजूद आजतक लंबित है । पुलिस निरीक्षक पंक्ति के तीन स्टार की मांग वर्षों लंबित है । देश और राज्य संविधान से चलता है । उसी तरह बिहार पुलिस एसोसिएशन का भी अपना संविधान सर्वशक्तिमान है , जिससे संघ संचालित होता है । पिछले 39 वें महाधिवेशन में बिहार पुलिस एसोसिएशन के कार्यकाल को 3 वर्ष से बढ़ाकर 4 वर्ष किया गया है । इस संबंध में भी पुलिस मुख्यालय ने अभी तक कोई पत्र अपने स्तर से निर्गत नहीं किया है । बिहार भर में अनेको पीड़ित कनिय पुलिसकर्मी एस ० पी ० / रेंज आई ० जी ० / पुलिस मुख्यालय से अनेको बार गुहार लगा रहे है परन्तु दुर्भाग्य है कि पीड़ितो के वास्तविक समस्याओं को नही सुना जा रहा है । अनेको पीड़ित पुलिसकर्मी अपनी वास्तविक पीड़ा को लेकर वरिये पुलिस अधिकारीयों के पास भटक रहे है । यह सत्य है कि वर्तमान में कनिये पुलिसकमीयो की पीड़ा को नहीं सुनते हुवे उन्हें परेशान किया जा रहा है । एसोसिएशन की आवाज को पुलिस मुख्यालय अनसुनी कर रही है । मानवता के नाम पर पीड़ित पुलिसकमीयी के अनुरोध पर न्यायसंगत और मानविये आधार पर भी निर्णय लेना चाहिये । क्योंकि कनिये पुलिसकर्मी पुलिस परिवार के अंग है । पुलिस मुख्यालय दमन की नीति पर चलते हुवे पुलिस एसोसिएशन की वास्तविक माँग को भी अनसुनी कर रही है । बिहार के बहुत सारे कनिय पुलिसकर्मी वर्तमान में पुलिस मुख्यालय के तानाशाही रूख से काफी काफी दुखी और निराशा में जी रहे है । काफी पीड़ित पुलिसकर्मी वर्तमान में उचित समस्या का समाधान नहीं होने से गुस्से में है । काफी पीड़ित पुलिसकर्मी न्याय के लिये मजबूरन हाईकोर्ट का सहारा ले रहे है । सरकार से पुलिस एसोसिएशन माँग करती है कि वास्तविक पीड़ित पुलिसकमीयो की समस्या को सुना जाये इस बिंदु पर पुलिस मुख्यालय को उचित दिशा निर्देश दिया जाये । पुलिस एसोसिएशन अपने पीड़ित सदस्यों की आवाज है । अपने पीड़ित सदस्यों की वास्तविक समस्या का समाधान कराना और आवाज उठाना एसोसिएशन का नैतिक कर्तव्य है । एसोसिएशन की उचित माँगो पर विचार निदान नहीं होने पर बिहार के सभी कनिय पुलिसकर्मी कला बिल्ला लगाकर पुलिस मुख्यालय के नियम विरुद्ध आदेशों पर विरोध जताएँगे