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मदरसा जामिया नुरानिया लील बनाथ से तीन बच्चियां बनी आलिमा

सुगौली,पू.च: गुरुवार को ब्लांक रोड़ एनएच मुख्य पथ के समीप मदरसा जामिया नुरानिया लील बनाथ से तीन बच्चियां आलिमा दरसे नेजामी के तहत बच्चियों ने दशतरे फजिलत हासिल करने पर कार्यक्रम रखा गया।मालुम कि इल्म हासिल करने वाले तीन बच्चीयां 1.फातमा नुरानी पिता आबीद हुसैन गांव खैरवा मदरसा थाना छौडादानो,2.सकीना नुरानी पिता कमरुल हक गांव बढ़ईया टोला थाना रामगढ़वा,3.शबाना नुरानी पिता समसुल होदा गांव गाधगमहरियां थाना रामगढ़वा के निवासी हैं जो आलीमा बनी।हर वर्ष के भांति इस वर्ष भी तीन बच्चीयो ने अपने परिवार में इल्म हासिल कर नाम रौशन की।तीनों बच्चीयो ने मुख्यतलिफ तकरीर भी पेश की।आपको बताते चलें कि इस्लाम धर्म में पर्दा बहुत महत्वपूर्ण रखता है,इस्लाम में कुरान, हदीश,रोजे,नमाज बहुत महत्वपूर्ण होती है।खुदा की आंखो का ठंडक होता है नमाज।आलीमा होने के बाद उन्हें कुरान पाक व हदीस की मुकम्मल जानकारी हो जाती है।इस्लाम धर्म मे घर के परिवार में कोई एक बच्चे या बच्चीयां अपने इल्म के बरकत से जन्नत में दाखिल होने का जरिया बन जाता है।इन तीनों बच्चीयो को दस्तार फजिलत से नवाजा गया।मौके पर उनके वालिदेन भी मौजूद रहे और दिगर मेहमाने कराम मौजूद रहे।तमाम लोगो ने खुशी भी इजहार किए और अपने नेक दुआवो से नवाजा।इस बाबत इल्म के मोके पर मौलाना मोहम्मद इरशाद काशमी ने पूर्व मगज खेताब फरमाया अपनी नेक दुआवो से उन तमाम बच्चीयो को जो इस साल फारीक हुई उन्हें कीमती नसीहत से शरफराज फ़रमाया।वहीं इस मदरसे के संचालक नूर आलम ने इस्लाम से जुड़े सभी बातो को आए हुए बच्चे की वालिद लोगों को अपने दिन और इस्लाम की तालीम अपने बच्चों को दिलाने की बात कही गई।इस कार्यक्रम में संचालक नूर आलम,मौलाना जोहर,मौलाना इरशाद काशमी,कारी सैदुल्लाह,शबनम हमीदी, सुमैया हमीदी,शबाना हमीदी,शाजदा हमीदी एवं कई लोग मौजूद रहे।

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