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उप विकास आयुक्त की अध्यक्षता में जीविका की समीक्षा बैठक

उप विकास आयुक्त श्री वैभव श्रीवास्तव की अध्यक्षता में आज हरदेव भवन सभागार में जीविका के पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक आहूत की गई।
नीरा उत्पादन एवं बिक्री को सुव्यवस्थित करने के उद्देश्य से जिला में ताड़/ खजूर के पेड़ों एवं नीरा संग्रह करने वाले टैपरों का सर्वे किया जा रहा है। अब तक लगभग 43 हजार लोकेशन का सर्वे किया गया है, जिसमें लगभग 4 लाख 28 हजार ताड़/ खजूर के पेड़ को चिन्हित कर जियो टैगिंग किया गया है। उप विकास आयुक्त ने 3 दिनों के अंतर्गत सर्वे का कार्य पूरा करने का निर्देश सभी बीपीएम को दिया।
नीरा की बिक्री के लिए भी उपयुक्त सेलिंग प्वाइंट स्थल को चिन्हित करने का निर्देश दिया गया। नीरा के कोल्ड चेन सिस्टम के लिए फिलहाल जिला में तीन चिलिंग सेंटर उपलब्ध है। सिलाव प्रखंड के करियन्ना, दीपनगर एवं रहुई के इतासंग में यह केंद्र कार्यरत है। कोल्ड चेन व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए चार अतिरिक्त चिलिंग सेंटर के लिए प्रस्ताव राज्य स्तर पर भेजा गया है। इसके अतिरिक्त उपयुक्त तकनीक के पोर्टेबल कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था हेतु भी प्रस्ताव तैयार करने को कहा गया।
नीरा टैपरों को इंसुलेटेड जार उपलब्ध कराने के लिए आवश्यकता का आकलन कर प्रस्ताव राज्य स्तर पर भेजने का निर्देश दिया गया।
सभी एक्टिव टैपरों को शत प्रतिशत चिन्हित करते हुए सूचीबद्ध करने एवं उनका गहन प्रशिक्षण पूरा कराने का निर्देश दिया गया।
जीविका की अन्य योजनाओं की समीक्षा के क्रम में पाया गया कि वर्तमान में जिला में जीविका के 28 हजार 720 स्वयं सहायता समूह गठित हैं, जिनसे लगभग 3 लाख42 हजार परिवार जुड़े हुए हैं। वर्तमान वित्तीय वर्ष में 390 स्वयं सहायता समूह गठित करने का लक्ष्य निर्धारित है, जिसे पूरा करने का निर्देश दिया गया। साथ ही सभी गठित समूहों को आर्थिक दृष्टिकोण से क्रियाशील रखने को कहा गया।
जिला में गठित समूह में से 27 हजार 422 समूह को रिवाल्विंग फंड जीविका से उपलब्ध कराया गया है। अन्य सभी समूह को भी रिवाल्विंग फंड उपलब्ध कराने तथा उनका बैंक से क्रेडिट लिंकेज सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया गया।
समीक्षा के क्रम में ज्ञात हुआ कि 686 समूहों का बैंक खाता खोलने के लिए आवेदन विभिन्न बैंकों की शाखाओं में लंबित है। उप विकास आयुक्त ने बैंक ब्रांच वार ऐसे आवेदनों सूची तैयार करने को कहा ताकि संबंधित बैंकों के माध्यम से खाता खुलवाने की कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।
जीविका द्वारा संचालित विभिन्न जीविकोपार्जन की योजनाओं की भी समीक्षा की गई।
जीविका के माध्यम से सिलाव, बिहार शरीफ, रहुई एवं नगरनौसा में चार ऑर्गेनिक फार्मिंग क्लस्टर का गठन किया गया है। क्लस्टर से जुड़े हुए सभी लोगों का जल्द से जल्द प्रशिक्षण कराने को कहा गया।
जीविका समूह के माध्यम से 3 कस्टम हायरिंग सेंटर को प्रस्तावित किया गया है। इस सेंटर के माध्यम से किसान लोग खेती से संबंधित यंत्रों को भाड़े पर ले सकेंगे। इस सेंटर को स्थापित करने के लिए आगे की प्रक्रिया को पूरा करने का निर्देश दिया गया।
जीविकोपार्जन से जुड़े लाइव स्टॉक बकरी पालन में इस्लामपुर, गिरियक एवं राजगीर प्रखंडों में 83 उत्पादक समूह के माध्यम से 3176 परिवारों को लाभ दिया गया है। 240 पशु सखी (बकरी पालन से संबंधित सेवा देने के लिए) को प्रशिक्षित किया गया है। इसी प्रकार मुर्गी पालन के लिए 14 इकाइयों को स्थापित किया गया है। जिससे 1234 परिवारों को लाभ दिया गया है।
मत्स्य पालन के लिए सार्वजनिक तालाबों की बंदोबस्ती जीविका समूह को करने की योजना पर भी कार्य किया जा रहा है अब तक 20 ऐसे तालाबों की बंदोबस्ती के लिए जीविका ग्राम संगठन स्तर से आवेदन दिया गया है।
उप विकास आयुक्त ने कहा कि मत्स्य पालन के इच्छुक जीविका से जुड़े सदस्यों को अपनी रैयती जमीन पर तालाब के निर्माण के लिए मनरेगा से सहयोग दिया जा सकता है। इसके लिए सभी बीपीएम को अधिक से अधिक प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया गया।
जीविकोपार्जन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लाइवस्टॉक फार्मिंग के लिए डेरी शेड, बकरी शेड, पोल्ट्री शेड आदि का निर्माण भी मनरेगा के माध्यम से किया जा सकेगा। उप विकास आयुक्त ने डीपीएम जीविका को ऐसे पात्र इच्छुक लोगों की सूची उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।
जीविकोपार्जन से जुड़ी विभिन्न आर्थिक गतिविधियों के लिए नूरसराय स्थित आरसेटी में अधिक से अधिक जीविका समूह के सदस्यों का प्रशिक्षण सुनिश्चित कराने को कहा गया।
सतत जीविकोपार्जन योजना के तहत अत्यंत निर्धन परिवारों को व्यावसायिक गतिविधियों से जोड़ने के लिए 4362 परिवारों को चिन्हित किया गया है, जिसमें से 2934 परिवारों को इसका लाभ दिया गया है। सभी शेष परिवारों को इसका लाभ पहुंचाने के लिए त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया। अब तक लाभ प्राप्त करने वाले सभी परिवारों का भी भौतिक सत्यापन कराने का निर्देश दिया गया।
बैठक में डीपीएम जीविका, जीविका की विभिन्न गतिविधियों से जुड़े प्रबंधक तथा विभिन्न प्रखंडों के बीपीएम उपस्थित थे।

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