समाज में अच्छा व्यक्ति बनने की ली तालीम; हीन भावना से बाहर लाने की कोशिश
इंदौर: तात्कालिक क्रोध, पुरानी रंजिश, जमीन विवाद हत्या, प्राणघातक हमले सहित कई अपराधों में सजा पाए बंदियों को डिप्रेशन से बाहर लाने के लिए अब मेडिटेशन का सहारा लिया जा रहा है। इसी कड़ी में सेंट्रल जेल में बंदियों के लिए मेडिटेशन और नैतिक आचरण को लेकर एक सेशन आयोजित किया गया। इसमें सैकडों कैदियों ने जेल से छूटने के बाद समाज में अच्छा व्यक्ति बननी की तालीम ली।बंदियों को मेडिटेशन के जरिए डिप्रेशन से उबरने के तरीके बताती डॉ. प्रज्ञा।उक्त सेशन इंटरनेशल ख्याति प्राप्त मोटिवेशनल स्पीकर डॉ. प्रज्ञा द्वारा लिया गया। सेशन में महिला कैदी भी बड़ी संख्या में थी। डॉ. प्रज्ञा द्वारा बंदियों की मानसिक स्थिति व जीवन में सुधार लाने के लिए उन्हें मेडिटेशन के िवभिन्न तरीके बताए गए। जेल सुपरिटेंडेंट अलका सोनकर ने बताया कि ऐसे कैदी जो जीवन से दुखी हैं या डिप्रेशन में है, उनके नैतिक विकास व डिप्रेशन से बारह लाने के लिए यह सेशन था। यह सेशन किसी जाति, धर्म या वर्ग को लेकर नहीं है। कैदी अपने आप से कैसे प्यार करें, उन्होंने जो कुछ गलत किया है उससे वह कैसे हीन भावना से आकर अपने आप को समाज में कैसा अच्छा व्यक्ति स्थापित करें, उन्हें जागृृत करने की कोशिश की है। इस तरह के सेशन अब आगे भी आयोजित किए जाएंगे जिसमें विभिन्न मोटिवेशनल स्पीकर्स को आमंत्रित किया जाएगा।
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