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मातृ एवं शिशु मृत्यु की सर्विलांस के लिए प्रखंड स्वास्थ्य अधिकारियों को दिया गया एकदिवसीय प्रशिक्षण

– 24 घंटे में पोर्टल पर दर्ज किया जाए मातृ व शिशु मृत्यु रिपोर्ट
– ग्राउंड स्तर पर जाकर मृत्यु के कारणों की होगी जांच
– सभी डाटा समय से जिला में रिपोर्ट करने का सिविल सर्जन ने दिया निर्देश
– 901 शिशुओं की मृत्यु हुई है दिसंबर 2022 तक

 

पूर्णिया। जिले में महिलाओं के गर्भावस्था से लेकर बच्चों के जन्म के बाद तक महिला एवं शिशुओं की मृत्यु सम्बंधित सभी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को समय पर उपलब्ध कराने के लिए जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा सभी प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, बीएचएम व बीसीएम को एकदिवसीय प्रशिक्षण राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल के जिला प्रतिरक्षण सभागार में दिया गया। प्रशिक्षण की अध्यक्षता सिविल सर्जन डॉ. अभय प्रकाश चौधरी ने की जबकि सम्बंधित रिपोर्ट समय से पोर्टल पर अपलोड करने की जानकारी राज्य यूनिसेफ कंसल्टेंट डॉ. सैयद तारिक अनवर ने दी । प्रशिक्षण में डीपीएम सुरेंद्र कु. दास, डीसीएम संजय दिनकर, यूनिसेफ जिला कंसल्टेंट शिवशेखर आनंद, डीआईओ डॉ. विनय मोहन, डीसीक्यूए डॉ अनिल कुमार शर्मा सहित अन्य स्वास्थ्य अधिकारी उपस्थित थे ।

24 घंटे में पोर्टल पर दर्ज किया जाए मातृ व शिशु मृत्यु रिपोर्ट

राज्य यूनिसेफ कंसल्टेंट डॉ. सैयद तारिक अहमद ने कहा कि पहले स्वास्थ्य विभाग द्वारा मातृ एवं शिशु मृत्यु दर का आकलन अलग अलग तरह से किया जाता था। इसमें तेजी लाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक नए पोर्टल एमपीसीडीएसआर इंडिया की शुरुआत की गई है। इसमें मातृ, प्रसवकालीन एवं शिशु मृत्यु की सर्विलांस व रेस्पॉन्स से सम्बंधित रिपोर्ट दर्ज की जाएगी। इससे राज्य स्वास्थ्य विभाग को समय से मातृ एवं शिशु मृत्यु के कारणों की जानकारी मिल सकेगी। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा इसका सर्विलांस किया जाएगा जिससे मृत्यु के करणों को दूर किया जा सके और आगे ऐसे करणों से महिला व शिशुओं की मृत्यु को रोका जा सके।

ग्राउंड स्तर पर जाकर मृत्यु के कारणों की होगी जांच

डीपीएम स्वास्थ्य सुरेंद्र कुमार दास ने बताया कि पोर्टल पर मातृ व शिशु मृत्यु रिपोर्ट दर्ज होने के 14 दिन के भीतर स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा सम्बंधित कारणों की जांच की जाएगी। इसके लिए स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा ग्राउंड स्तर पर जाकर महिला या शिशुओं के रखरखाव एवं स्वास्थ्य जांच सम्बंधित जानकारी प्राप्त किया जाएगा। सम्बंधित जानकारी की रिपोर्ट भी नियत समय से पोर्टल पर दर्ज की जाएगी । इससे स्वास्थ्य विभाग द्वारा सम्बंधित रिपोर्ट के आधार पर स्वास्थ्य सुविधा में सुधार किया जा सकेगा और मातृ व शिशु मृत्यु को कम किया जा सकेगा।

सभी डाटा समय से जिला में रिपोर्ट करने का सिविल सर्जन ने दिया निर्देश

सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी ने सभी प्रखंड अधिकारियों को निर्देश दिया कि सम्बंधित सभी रिपोर्ट प्रखंड द्वारा समय पर जिला में उपलब्ध कराना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सभी कर्मियों द्वारा पिछले तीन महीने में सभी प्रखंडों में हुई मातृ व शिशु मृत्यु का सर्विलांस किया जाए और सम्बंधित रिपोर्ट पोर्टल पर दर्ज किया जाए। इसके साथ ही वर्तमान समय में भी हो रही मृत्यु की एंट्री में कमी नहीं होनी चाहिए।

901 शिशुओं की मृत्यु हुई है दिसंबर 2022 तक :
यूनिसेफ जिला कंसल्टेंट शिवशेखर आनंद ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में पूर्णिया जिले में कुल 1264 शिशुओं की मृत्यु दर्ज किया गया है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में दिसंबर माह तक कुल 901 शिशुओं की मृत्यु दर्ज हुई है। इसमें जन्म के बाद से 24 घंटे के भीतर 187 शिशु, 04 सप्ताह के भीतर 544 शिशु, 1-12 माह के भीतर 107 शिशु एवं 1-5 साल के भीतर 63 शिशुओं की मृत्यु दर्ज हुई है। समय से पोर्टल पर दर्ज होने और सर्विलांस करने से शिशु मृत्यु दर में कमी होगी और बच्चों की जीवन सुरक्षित रखा जा सकता है।

901 शिशुओं की मृत्यु हुई है दिसंबर 2022 तक :
यूनिसेफ जिला कंसल्टेंट शिवशेखर आनंद ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में पूर्णिया जिले में कुल 1264 शिशुओं की मृत्यु दर्ज की गयी है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में दिसंबर माह तक कुल 901 शिशुओं की मृत्यु दर्ज हुई है। इसमें जन्म के बाद से 24 घंटे के भीतर 187 शिशु, 04 सप्ताह के भीतर 544 शिशु, 1-12 माह के भीतर 107 शिशु एवं 1-5 साल के भीतर 63 शिशुओं की मृत्यु दर्ज हुई है। समय से पोर्टल पर दर्ज होने और सर्विलांस करने से शिशु मृत्यु दर में कमी होगी और बच्चों की जीवन सुरक्षित रखा जा सकता है।

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