गया को लेमनग्रास दवा हव के रुप में किया जायेगा विकसित, उत्पादों के लिए महिलाओं को दिया जायेगा प्रशिक्षण
गया। जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन एसएम के पहल पर अफीम उल्मूलन एवं बंजरभूमि के विकास हेतु कृषि विभाग के द्वारा प्रारंम्भ किये गये लेमनग्रास खेती की सफलता को देखते हुये इसकी खेती का विस्तार किया जायेगा। जहाँ बाराचट्टी प्रखंड में लेमनग्रास की खेती मूलतः अफीम उन्मूलन हेतु प्रारंभ की गयी थी। वही बाँके बाजार के कृषि योग्य बंजर भूमि से कुछ आय प्राप्त करने के उद्देष्य से इस फसल का ट्रायल किया गया। दोनों प्रखंडों में यह अपने उद्देश्य में सफल हो रही है।बाराचट्टी प्रखंड के जयगीर पंचायत में लेमनग्रास की खेती अफीम से ज्यादा लाभप्रद साबित हुई है। जयगीर पंचायत में आज कोई भी व्यक्ति अफीम की खेती नही करते है।बाँके बाजार के बेला गाँव के बंजर भूमि में कभी कोई फसल नही हुई थी। इस बंजर भूमि में आज लेमनग्रास की खेती लहलहा रही है तथा किसान अच्छी आय प्राप्त कर रहे है। उदय प्रसाद एवं अन्य आठ व्यक्तियों की निजी भूमि जो बिल्कुल बंजर थी आज आय दे रही है। जिले में 3237 हे० कृषि योग्य बंजर भूमि है। इस भूमि पर लेमनग्रास की खेती कराने का लक्ष्य है। ऐसी ही बंजर भूमि गुरुआ प्रखंड के बलौटी में है यहाँ भी विभिन्न किसानों ने 20 एकड़ के एक कल्स्टर में लेमनग्रास लगाया है। इस प्रकार गया जिला आने दिनों में लेमनग्रास के हब के रुप में विकसित हो जायेगा।जिले में ही लेमनग्रास उत्पादों के निर्माण पर जोर होगा। लेमनग्रास तेल की घरेलु एवं अन्र्तराष्ट्रीय बाजार में भारी मांग है। लेमनग्रास तेल में बहुत सारे शक्तिषाली औषधीय गुण पाये जाते है, जिसको लगाने से हमारी त्वचा को बहुत फायदा मिलता है। लेमनग्रास तेल देखने में चमकीला और हल्के पीले रंग का होता है। लेमनग्रास तेल में एन्टीआॅक्सीडेन्ट, एन्टीइंफ्लेमेट्री और एन्टीफंगल आदि अनेक औषधीय गुणो का भंडार होता है, जिसा उपयोग करके शरीर से तनाव, सुजन, स्ट्रेस, डिप्रेषन, दर्द आदि को कम किया जा सकता है। लेमनग्रास तेल में 70% से भी अधिक सिट्राॅल पाया जाता है। इस सिट्राॅल से विटामिन ए बनता है।लेमनग्रासतेल विभिन्न काॅस्मेटिक उत्पाद, सैनेटाईजर, फिनाईल, टाॅयलेट क्लीनर एवं काॅस्मेटिक साबुन, टेलकम पाउडर, फेष पाउडर, क्रीम आदि बनाये जाते है।आत्मा, गया के माध्यम से बाँके बाजार महिला थ्ब्व् शीघ्र ही लेमनग्रास आधारित इन उत्पादों विषेषकर फिनाईल, सेनेटाईजर एवं काॅस्मेटिक साबुन निर्माण पर प्रषिक्षण दिया जायेगा। जिससे आने वाले दिनों में लेमनग्रास आधारित कुटीर उद्योग गया जिले में इसकी काफी संभावना है।