ज़िले के विभिन्न प्रखंडों में कार्यरत एचडब्ल्यूसी के स्वास्थ्य अधिकारियों को दिया गया प्रशिक्षण
– प्रारंभिक स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना सीएचओ की जिम्मेदारी: एसीएमओ
– प्रशिक्षित सीएचओ की पदस्थापना से ज़िले में बेहतर होंगी स्वास्थ्य सेवाएं: डीपीएम
– बीमारियों का समय से उपचार कर मरीज़ों को रोगमुक्त करना लक्ष्य: डीएमएंडई
कटिहार। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को पहले से बेहतर सुव्यवस्थित तरीके से करने एवं विभागीय स्तर पर मिलने वाली सुख सुविधाएं को धरातल पर उतारने को लेकर सदर अस्पताल परिसर स्थित सभागार में 70 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। इस अवसर पर एसीएमओ डॉ कनक रंजन, डीपीएम भगवान प्रसाद वर्मा, ज़िला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी अखिलेश कुमार सिंह, जिला गुणवत्ता सलाहकार यकीन पदाधिकारी डॉ किसलय कुमार, डीपीसी मज़हर अमीर, जिला सामुदायिक उत्प्रेरक अश्विनी मिश्रा, जिला डेटा सहायक सुरेश कुमार तथा जपाइगो के क्षेत्रीय कार्यक्रम पदाधिकारी विनय कुमार गुप्ता सहित स्वास्थ्य विभाग के कई अन्य अधिकारी एवं कर्मी उपस्थित थे।
प्रारंभिक स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना सीएचओ की जिम्मेदारी: एसीएमओ
अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ कनक रंजन ने कहा कि लोगों की सेहत को संवारने के लिए नवनियुक्त सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) को प्रशिक्षित किया जा रहा है। ताकि ग्रामीण क्षेत्रों के निवासियों को किसी भी तरह की बीमारियों का उपचार एवं परामर्श प्रारंभिक चरण में मिल सके। ज़िले में 254 स्वास्थ्य उपकेंद्र/एचडब्ल्यूसी पर सीएचओ की तैनाती की जानी है लेकिन फिलहाल 102 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) की पदस्थापना की गई है। ताकि प्रशिक्षित सीएचओ अपने-अपने केंद्रों के माध्यम से मरीजों को चिकित्सीय उपचार एवं उचित परामर्श देने का काम करते रहे।
प्रशिक्षित सीएचओ की पदस्थापना से ज़िले में बेहतर होंगी स्वास्थ्य सेवाएं: डीपीएम
स्वास्थ्य विभाग के जिला कार्यक्रम प्रबंधक भगवान प्रसाद वर्मा ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने की दिशा में लगातार सकारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं। ज़िले में तेजी से सीएचओ तैयार किए जा रहे हैं। पहले चरण में 32 तो दूसरे चरण में 70 सीएचओ को जपाइगो के सहयोग से स्वास्थ विभाग द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन कर प्रशिक्षित किया गया है। विभागीय स्तर पर सीएचओ की प्रतिनियुक्ति के बाद उनको प्रशिक्षण दिया जाता है। ताकि अधिक से अधिक सीएचओ प्रशिक्षित होकर किसी भी प्रकार की बीमारियों को गंभीर होने से बचा सकें। अभी जितने सीएचओ की पदस्थापना की गई है वे सभी अपनी अहम भूमिका को निष्ठा के साथ अदा कर रहे हैं।
बीमारियों का समय से उपचार कर मरीज़ों को रोगमुक्त करना लक्ष्य: डीएमएंडई
ज़िला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी अखिलेश कुमार सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर द्वारा स्वास्थ्य कार्यक्रमों को धरातल पर उतार कर संक्रमित बीमारियों से मरीज़ों को अवगत कराना जरूरी होता है। ताकि समय रहते उसका इलाज सुनिश्चित कर रोगमुक्त कराने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें। प्रारंभिक चरण में फाइलेरिया, टीबी की बीमारी, सामान्य प्रसव एवं शिशु जन्म किसी भी तरह की जटिलता के लिए प्राथमिक प्रबंधन, नवजात शिशुओं में खतरे के संभावित लक्षणों की पहचान, रेफर करने की प्रक्रिया, उच्च जोखिम वाले प्रसव की पहचान, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान की जानकारी के अलावा जन्म के समय नवजात शिशुओं को त्वरित देखभाल, जिसमें बच्चे की सांसों का चलना, रक्त संचार, एचडब्ल्यूसी एनसीडी, टेलीमेडिसिन, टीबी, वीडीएमएस आदि पर सभी सीएचओ को प्रशिक्षित किया गया।