टीबी के संभावित मरीजों की हो रही है खोज
छिपे हुए टीबी से बचाव को खिलाई जा रही है सुरक्षात्मक दवा
सरकारी अस्पताल में हो रहा नि:शुल्क इलाज
मोतिहारी। जिले को टीबी मुक्त बनाने के लिए 27 प्रखंडों में रोगी खोज अभियान चलाया जा रहा है। स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा गांव व शहरी क्षेत्रों के सामुदायिक इलाकों में जाकर टीबी रोगियों की खोज की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा टीबी के मरीजों को दवाएं मुहैया कराने के साथ ही उनके परिवारजनों की एवं संभावित लोगों की स्क्रीनिंग भी की जा रही है। देवपुर पर्शा, कल्याणपुर प्रखंड, ढ़ाका प्रखंड के चन्दनबारा, पण्डारी में टीबी मरीजों की उनके घर पर स्क्रीनिंग की गई। इससे बचाव के लिए उनके परिवार के लोगों को टीबी के बारे में जागरूक करते हुए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर जाँच कराने की सलाह दी जा रही है। वहीं जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ रंजीत राय ने बताया कि सभी प्रखंडों में घर-घर टीबी मरीजों की खोज अभियान के तहत जिला टीबी नियंत्रण टीम के सदस्यों के साथ ही वर्ल्ड विजन व अन्य संस्थाओं के सहयोग से टीबी की रोकथाम के लिए टीबी मरीजों के परिवार की स्क्रीनिंग की जा रही है। स्क्रीनिंग में टीबी पॉजिटिव पाए जाने पर टीबी की जांच स्वास्थ्य केंद्रों पर कराई जा रही है। टीबी मरीज के परिजनों को आइसोनियाजिड की दवा दी जाती है, ताकि टीबी के संक्रमण से वह मुक्त रहें। अगर उनके किसी परिजन में टीबी के लक्षण पाए जाते हैं तो उनकी जांच की जाती है। वहीं डॉ रंजीत राय ने बताया कि देश सहित राज्य एवं जिले को 2030 तक टीबी मुक्त बनाना है। उन्होंने बताया कि इसके लिए लोगों को जागरूक होने की आवश्यकता है। डॉ राय ने कहा कि टीबी के मरीजों की असावधानी टीबी के रोगियों की संख्या बढ़ाने का काम करती है। टीबी के रोगियों को पूरी तरह से ठीक होने तक नियमित रूप से दवा का सेवन करना चाहिए, ताकि टीबी जड़ से खत्म हो सके। वहीं वर्ल्ड विजन के जिला प्रतिनिधि रामजनम सिंह ने बताया कि जिले के 27 प्रखंडों में जनवरी 2022 से दिसम्बर तक 4 हजार 896 परिवारों के 11 हज़ार 9 सौ 73 लोगों की स्क्रीनिंग की गई, जिसमें 253 लोगों में टीबी के लक्षण पाए गए। जाँच के बाद 25 लोग टीबी संक्रमित पाए गए। वहीं 7 हजार 4 सौ 54 लोगों की एक्सरे की गई। उन्होंने बताया कि 6 हजार 7 सौ 52 लोगों को टीबी प्रिवेंटिव ट्रीटमेंट के तहत दवाएं दी जा रही हैं। वहीं डॉ रंजीत राय ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से टीबी खोजी अभियान में आम लोगों, सामाजिक संस्थाओं से आमलोगों को टीबी के विषय में जागरूक करने की अपील की जा रही है। उन्होंने बताया कि दो सप्ताह से ज्यादा खांसी या बुखार आना, खांसी के साथ मुंह से खून आना, भूख में कमी और वजन कम होना आदि लक्षण दिखने पर फौरन चिकित्सक से संपर्क कर टीबी की जांच करानी चाहिए। ताकि जिले को टीबी मुक्त बनाया जा सके ।