मुख्यमंत्री ने समाधान यात्रा के क्रम में बक्सर जिले की जीविका दीदियों के साथ किया संवाद
पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज समाधान यात्रा के क्रम में बक्सर जिले की जीविका दीदियों के साथ संवाद कार्यक्रम में शामिल हुए। विश्वामित्र हॉल (एम०पी० हाई स्कूल), बक्सर में आयोजित कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में जीविका दीदियों ने हिस्सा लिया। संवाद कार्यक्रम में जीविका समूह के माध्यम से उत्कृष्ट कार्य करनेवाली 6 जीविका दीदियों ने अपने-अपने अनुभव साझा किये। सभी ने जीविका समूह से जुड़ने के बाद जीवन स्तर में हुए बदलाव को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा। वहीं मुख्यमंत्री से संवाद के दौरान जीविका दीदी श्रीमती माया देवी ने बताया कि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति काफी दयनीय थी, जिसके कारण वे अपने बेटे का इलाज नहीं करा पाती थीं। वह चलने-फिरने में असमर्थ था। जीविका से जुड़ने के बाद जीविका दीदियों के सहयोग से अपने बच्चे को अस्पताल ले जाकर इलाज कराई। समूह से 10 हजार रुपये आर्थिक मदद मिलने पर परचून की दुकान खोली। धीरे-धीरे पैसे की बचत कर काम को और बढ़ाया। घर खर्च के बाद 4-5 हजार रुपये की बचत होने लगी। जीविका से जुड़ने के बाद उनके जीवन में काफी सुधार आया। वहीं जीविका दीदी श्रीमती रेहाना खातून ने बताया कि वे चार बहन और 2 भाई हैं। पिता के अनपढ़ होने के कारण मजदूरी किया करते थे। जैसे-तैसे परिवार का खर्च चलता था । जीविका दीदियों ने मेरी मां को जीविका समूह से जुड़ने के लिये समझाया और मेरा परिवार जीविका समूह से जुड़ा उसके बाद धीरे-धीरे स्थिति बेहतर होने लगी। मेरा चयन भी अब ग्रामीण बैंक के ग्राहक सेवा केंद्र में हो गया है। ग्राहक सेवा केंद्र का संचालन करने से मुझे 15 से 20 हजार रुपये प्रतिमाह की आमदनी हो रही है। बैंक जाने में जीविका दीदियां काफी हिचकिचाती थीं, मैंने उन सबको समझाकर उनका खाता खोलवाया और बीमा भी किया। जीविका से लोगों की नजरिया में बदलाव आया है। पहले लोग मेरे पिता को ताने मारते थे कि जिसकी चार-चार बेटियां हैं उसकी आर्थिक स्थिति में कभी सुधार नहीं हो सकता लेकिन आज मैं और मेरी मां ने यह साबित कर दिया है कि महिलायें भी परिवार की स्थिति अपने बलबूते बेहतर कर सकती हैं। जीविका समूह के कारण हमने यह कर दिखाया है। मुझ जैसी साधारण महिला को जीविका के कारण ही मुख्यमंत्री जी से मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। वहीं जीविका दीदी श्रीमती तेतरी देवी ने बताया कि मैं और मेरे पति दोनों विकलांग हूँ। भूंजा भूंजकर किसी तरह जीवन यापन कर रहे थे। परिवार के 5 सदस्यों का जैसे-तैसे भरण-पोषण हो रहा था लेकिन जीविका से जुड़ने के बाद स्थिति काफी बेहतर हो गई। जीविका समूह से मिली 10 हजार रुपये की आर्थिक मदद से मैं समोसा की दूकान खोली, जिससे 6 हजार रुपये प्रतिमाह की आमदनी हो रही है। पैसे की बचत कर फिर परचून की दुकान खोली । आज मेरे बच्चे ठीक ढंग से पढ़ रहे हैं। जीविका के कारण मेरे बच्चों को अच्छा भोजन और वस्त्र नसीब हुआ है। वहीं जीविका दीदी श्रीमती वंदना देवी ने बताया कि एक दुर्घटना में उनके पति के सिर में चोट लगने से वे काम करने में असमर्थ थे, जिसके कारण उनके परिवार की माली हालत काफी खराब थी। जीविका समूह से जुड़ने के बाद 15 हजार रुपये मिले आर्थिक मदद से ब्यूटी पार्लर खोली, जिससे 7 से 8 हजार रुपये प्रतिमाह की आमदनी होने लगी। इसके साथ ही वे स्वास्थ्य पोषण के काम से भी जुड़ गई और गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण कराने, उनके खान-पान से संबंधित उचित सुझाव देने का काम शुरू की। जीविका समूह से जुड़ने से पहले 5 महिलाओं के सामने भी अपनी बात कहने में मुझे शर्म महसूस होती थी लेकिन अब मैं 5 हजार लोगों के बीच भी अपनी बात बेहतर तरीके से रख सकती हूं। जीविका समूह से जुड़कर नैतिक जीविन जीने का सीख मिला। मैं मुख्यमंत्री के प्रति अपना आभार प्रकट करती हूँ। इसी प्रकार आपका आशीर्वाद जीविका समूह को मिलता रहे। वहीं जीविका दीदी श्रीमती मीना देवी ने बताया कि मेरे पति की तबीयत खराब रहा करती थी। घर खर्च जैसे-तैसे चलता था, वर्ष 2016 में वे जीविका समूह से जुड़ी। मैट्रिक पास होने के कारण वे वर्ष 2018 में जीविका मित्र बन गईं। दीदियों ने पंचायत चुनाव में खड़ा होने का सुझाव दिया। आज दीदियों के समर्थन से वे चुनाव जीत गईं और आज वह वार्ड सदस्य के रूप में निर्वाचित हुईं। हम महिलाओं को आगे बढ़ाने में माननीय मुख्यमंत्री का अहम योगदान है। वहीं जीविका दीदी श्रीमती गीता कुमारी ने बताया कि मेरे पति के दोनों पैर में दिक्कत था, जिसके कारण काफी आर्थिक तंगी थी। दीदियों ने हमें जीविका समूह से जुड़ने के बारे में समझाया लेकिन उनकी बात मेरी समझ नहीं आई। एक दीदी ने जब गीत गाकर जीविका समूह से जुड़ने के फायदे गिनाई तो बात मेरी समझ में आ गई और मैं जीविका समूह से जुड़ गई। उसके बाद समूह से लोन लेकर दूकान खोली, जिसे मेरे पति चलाने लगे। पैसे की बचत कर मैं सत्तू और बेसन बनाकर बेचने का काम भी करने लगी। आज मैं खुद मालिक बन गई हूं। जीविका ने मुझे जीने का सहारा दिया है। वहीं संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि समाधान यात्रा के दौरान जीविका दीदियों के साथ मिलने और सुनने का मौका मिला है इस दौरान विमर्श होता है उसी सिललिसे में आपके साथ बैठने का मौका मिला है। आपलोगों ने अपने-अपने अनुभव साझा किये, इससे मुझे बहुत खुशी हो रही है। स्वयं सहायता समूह से अपने को जोड़ा और आप जीविका दीदियाँ बनीं। वर्ष 2005 में मुझे काम करने का मौका मिला। हमने अनेक जगहों पर जाकर स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं के कामों को देखा और उनसे बातचीत की। हम स्वयं सहायता समूह की संख्या बढ़ाकर 10 लाख करना चाहते थे। उसी समय हमने स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिला का नामकरण जीविका दीदी किया। हमारा उद्देश्य है कि सभी जगह घूमकर देखें, जो योजनाएं चलाई जा रही हैं उसका लाभ लोगों को कितना मिल रहा है और क्या किये जाने की जरूरत है। लोगों की क्या समस्याएं हैं, उसको जानने निकले है भ्रमण के दौरान जीविका दीदियों से बात होती है। वे अपनी कुछ समस्याएं भी बताती हैं। उसके समाधान के लिए हम अधिकारियों को कहते हैं लेकिन आप से जो संवाद हो रहा है। उससे कई बातों की जानकारी और मुझे मिल रही है। आपलोगों ने जो कई अच्छे कार्य किए हैं उससे आपके परिवार और समाज में जो बदलाव हो रहा है उसकी भी जानकारी मिली है। आपमें से बहुत सारी जीविका दीदियां दूसरे राज्यों में भी ट्रेनिंग देने जाती थीं। उस समय केंद्र सरकार के मंत्री ने मुझ मिलकर कहा कि बहुत अच्छा काम हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने वर्ष 2006 में जीविका समूह का गठन किया। उस समय केंद्र सरकार के मंत्री ने आकर जीविका समूह के कामों को देखा और पूरे देश में इसका नामकरण ‘आजीविका’ किया यानी जीविका पूरे देश में आ जाए। जीविका से ही आजीविका बना है। इसको आपलोग याद रखिएगा। उन्होंने कहा कि जीविका समूह से एक करोड़ 30 लाख से ज्यादा महिलायें जुड़ गई हैं। 10 लाख से अधिक जीविका समूहों का गठन हो गया है। हम इसकी संख्या और बढ़ाने चाहते हैं। हम जगह जाकर जीविका दीदियों के काम को देखते हैं, उनकी बात सुनते हैं। दीदियों की आमदनी बढ़ाने के लिये, उनका और अधिक विकास करने के लिये हर प्रकार से काम किया जा रहा है। पहले महिलाओं के पास बहुत कम काम था। हम महिलाओं के उत्थान के लिये शुरू से ही काम कर रहे हैं। पंचायत चुनाव में बड़ी तादाद में महिलायें जीती हैं। अब महिलायें बेहतर तरीके से अपनी बातें रख रही हैं और परिवार को भी आगे बढ़ा रही हैं। पंचायती राज संस्थाओं और नगर निकाय चुनाव में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया। अब तक चार चुनाव हो चुके इसमें बड़ी तादाद में महिलायें निर्वाचित होकर जनता का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। लड़कियों लड़कों को पढ़ाने और उन्हें आगे बढ़ाने के लिये कई काम किये गये हैं। लड़कियों को सरकारी सेवाओं में 35 प्रतिशत आरक्षण दिया गया। आज बिहार में जितनी महिलाएं पुलिस बल में हैं उतनी महिलाएं देश के किसी दूसरे बड़े राज्य में भी नहीं हैं। हमलोग चाहते हैं कि सभी का उत्थान हो बिहार आगे बढ़े। क्षेत्रफल के मामले में बिहार देश में 12वें स्थान पर है, जबकि आबादी के मामले में तीसरे स्थान पर है। बिहार में परिवार का औसत प्रजनन दर 4.3 था। एक अध्ययन में यह बात सामने आई कि पति-पत्नी में यदि पत्नी मैट्रिक पास है तो देश का प्रजनन दर 2 और बिहार का भी 2 है। यदि पत्नी इंटर पास है तो देश का प्रजनन दर 1.7, जबकि बिहार का 1.6 है। हमने कहा कि लड़कियों को कम से कम इंटर तक पढ़ायेंगे। अब बिहार का प्रजनन दर 4.3 से घटकर 2.9 पर आ गया है। आगे भी धीरे-धीरे जनसंख्या नियंत्रित होगी और अगले 18-20 वर्षों में यह स्थिर हो जायेगी। उन्होंने कहा कि महिलायें विकसित नहीं होंगी तो परिवार विकसित नहीं होगा। महिलाओं को विकसित करने के लिये विशेष काम किया जा रहा है। वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2015 के जुलाई महीने में जीविका समूह की एक बैठक में महिलाओं की मांग पर ही शराबबंदी लागू की गई। जब मुख्यमंत्री यह बात कह रहे थे उसी दौरान जीविका दीदियों ने यह मांग रखी थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि शराब पीना बुरी बात है। आप सबके प्रयास से शराब पीने वालों की संख्या घट गई है। इसके संबंध में हमने बुकलेट भी छपवाई है और घर-घर इसे पहुंचाया गया है। वर्ष 2018 में सर्वे कराया गया तो यह पता चला कि 1 करोड़ 64 लाख लोगों ने शराब पीना छोड़ दिया। हम शुरू से कह रहे हैं कि शराब पीने से सेहत खराब होती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने शराब पीने से होनेवाली बीमारी के बारे में 2018 में सर्वे की रिपोर्ट प्रकाशित की। इसमें बताया कि पूरे एक वर्ष में 30 लाख लोगों की मृत्यु हुई जिसमें 5.3 प्रतिशत मौत शराब पीने से हुई। 20 से 39 आयुवर्ग के लोगों में 13.5 प्रतिशत लोगों की मृत्यु शराब पीने के कारण होती है। जितने आत्महत्या के मामले आते हैं उसमें 18 प्रतिशत आत्महत्या शराब पीने के कारण होती है। शराब पीने के कारण 27 प्रतिशत सड़क दुर्घटना होती है। शराब पीने से 200 प्रकार की गंभीर बीमारी भी होती है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने देश को आजादी दिलाई थी और उस दौरान बापू ने कहा था कि शराब न सिर्फ आदमियों का पैसा छीन लेती है बल्कि बुद्धि भी हर लेती है। शराब पीनेवाला व्यक्ति हैवान हो जाता है। कुछ लोग खुद को काबिल समझते हैं। आजादी दिलाने वाले बापू की बात भी लोग यदि नहीं मानेंगे तो देश कैसे आगे बढ़ेगा? सभी जीविका दीदियां लोगों को समझाएं और जहां भी जाएं सभी लोगों को बुकलेट दें। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने महिलाओं के लिए काफी काम किया है। लड़कियों के लिए साइकिल और पोशाक योजना की शुरुआत की गई। पहले 5वीं कक्षा के आगे लड़कियां नहीं पढ़ पाती थीं। अब सभी लड़कियां पढ़ने लगीं। गरीब-गुरबा के उत्थान के लिए कई काम किए गए हैं। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अति पिछड़ा और अल्पसंख्यकों सहित सभी वर्गों के उत्थान के लिए कई कार्य किए गए हैं। दहेज प्रथा नहीं होनी चाहिये । लड़के वाले को दहेज लेने का कोई औचित्य नहीं है, इसके लिये कानून बना हुआ है। समाज में लड़कियों और महिलाओं का काफी महत्व है। आप सभी दहेज प्रथा के खिलाफ निरंतर अभियान चलाते रहिये । दहेज का लेन-देन करने वालों की शादी में शामिल न हों। उन्होंने कहा कि 18 वर्ष से कम उम्र में लड़की की, जबकि 21 वर्ष से कम उम्र में लड़के की शादी होनी चाहिये। आप सभी अपने काम के साथ-साथ बाल विवाह के विरुद्ध अभियान भी चलाते रहिये। सरकारी विद्यालयों में ठीक ढंग से पढ़ाई हो, शिक्षक उपस्थित रहें, इस पर आप सभी नजर रखिये और जो शिक्षक नहीं पढ़ाएं उसकी जानकारी दें। वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी अपने बच्चों को पढ़ायें। हमें पूरा भरोसा है कि आपके प्रयास और मेहनत से समाज में सुधार होगा, बच्चे शिक्षित होंगे। हमलोग आपलोगों को बढ़ाना चाहते हैं। बिहार की महिलाओं को आगे बढ़ाना चाहते हैं। हम जीविका दीदियों की आमदनी को और बढ़ाना चाहते हैं। आपलोग अच्छे ढंग से काम कीजिए। आपलोगों को आगे बढ़ाने के लिए हमसे जो भी संभव होगा हम करेंगे। किसी जाति, किसी धर्म के हों सभी आपस में मिल-जुलकर रहें। एक-दूसरे के प्रति अच्छी भावना रखें। इससे समाज, परिवार और देश आगे बढ़ेगा। आप सभी अधिक से अधिक महिलाओं को जीविका समूह से जुड़ने के लिये प्रेरित करें। वहीं जीविका दीदियों ने मुख्यमंत्री को प्रतीक चिह्न और पौधा भेंटकर उनका स्वागत किया। वहीं इस अवसर पर वित्त, वाणिज्य कर एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मो० जमा खान, पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री सह बक्सर जिले के प्रभारी मंत्री मो० आफाक आलम, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, जीविका के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी सह मिशन निदेशक जल- जीवन – हरियाली अभियान राहुल कुमार, आयुक्त पटना प्रमंडल कुमार रवि, अपर पुलिस महानिदेशक, विधि व्यवस्था संजय सिंह, जिलाधिकारी बक्सर अमन समीर, पुलिस अधीक्षक बक्सर मनीष कुमार सहित विभिन्न जीविका समूहों से जुड़ी जीविका दीदियां उपस्थित थीं।