सर्वजन दवा सेवन को लेकर प्रखण्ड स्तरीय टास्क फोर्स की समीक्षा बैठक आयोजित
फाइलेरिया उन्मूलन के लिए सरकार व स्वास्थ्य विभाग प्रतिबद्ध: डॉ जयप्रकाश सिंह
स्थानीय स्तर पर फ़ैली भ्रांतियों को लेकर ग्रामीणों को जागरूक करना अति आवश्यक: एमओआईसी
नेटवर्क सदस्यों के द्वारा मरीज़ों के समक्ष आपबीती सुनाकर दवा खाने के लिए की गई अपील
कटिहार। आगामी 10 फ़रवरी से फाइलेरिया से बचाव के लिए सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) कार्यक्रम चलाया जाना है। इसको लेकर ज़िले के कोढ़ा प्रखंड मुख्यालय स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी की अध्यक्षता में प्रखण्ड स्तरीय टास्क फोर्स की त समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस अवसर पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अमित आर्य, चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रौशन कुमार, डॉ अंजय कुमार, बीसीएम सचिन कुमार, भिविडीएस अमरनाथ सिंह, एचआईवी परामर्शी बबिता कुमारी, जीएनएम ब्यूटी कुमारी, सुधा कुमारी, बीईओ प्रतिनिधि, पीसीआई के डीएमसी तपेश कुमार, सिफार के डीपीसी धर्मेंद्र कुमार रस्तोगी एवं एलएफ/वीएल की डीसी पल्लवी कुमारी, बीसी अंशुमन कुमार, आईसीडीएस की ओर से सभी महिला पर्यवेक्षिकाओं में समीक्षा कुमारी, सोनम कश्यप, गायत्री कुमारी के अलावा स्थानीय प्रखंड क्षेत्र के बसगढ़ा गांव निवासी सह नेटवर्क सदस्य सोबिन व्याधा आदि कई अन्य अधिकारी एवं कर्मी उपस्थित थे।
फाइलेरिया उन्मूलन के लिए सरकार व स्वास्थ्य विभाग प्रतिबद्ध: डॉ जयप्रकाश सिंह
वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ जय प्रकाश सिंह ने कहा कि सर्वजन दवा सेवन को लेकर सभी तरह की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। एमडीए अभियान को शत प्रतिशत सफल बनाने के लिए प्रखंड स्तर पर माइक्रोप्लान तैयार करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिया जा चुका है। सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए अन्तर्विभागीय समन्वय स्थापित कर कार्य करने की आवश्यकता है। फाइलेरिया सार्वजनिक स्वास्थ्य की गंभीर समस्या है। यह जान तो नहीं लेती है, लेकिन जीवन को बोझिल एवं कष्टकारी जरूर कर देती है। समान्यत: इसे हाथीपांव के नाम से भी जाना जाता है। सबसे अहम बात यह है कि फ़ाइलेरिया की दवा का सेवन खाली पेट नहीं करना है। यह दवा दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं अति गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को नहीं खिलानी है।
स्थानीय स्तर पर फ़ैली भ्रांतियों को लेकर ग्रामीणों को जागरूक करना अति आवश्यक: एमओआईसी
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अमित आर्य ने कहा कि 10 फरवरी से सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) के तहत आशा कार्यकर्ताओं द्वारा डोर टू डोर भ्रमण कर दवा खिलाई जाएगी। इसको लेकर हम सभी को अपनी एकजुटता का परिचय देते हुए क्षेत्र के सभी नागरिकों को दवा खिलाने के लिए जागरूक करना है और दवा सेवन को लेकर फैली भ्रांतियों के ख़िलाफ़ भी जागरूक करना है। अभी भी ग्रामीण क्षेत्रों में दवा नहीं खाने को लेकर सूचनाएं मिलती रहती है। इसके लिए स्थानीय स्तर पर कई प्रकार की टीम बनाई गई है। किसी भी तरह की कोई सूचना या जानकारी मिलती है तो इसको तत्काल स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंच कर उसका निबटारा करते हुए दवा का सेवन कार्यक्रम को सफ़ल बनाया जाएगा।
नेटवर्क सदस्य के द्वारा मरीज़ों के समक्ष आपबीती सुनाकर दवा खाने के लिए की गई अपील:
स्थानीय प्रखंड क्षेत्र के बसगढ़ा गांव निवासी सह 62 वर्षीय नेटवर्क सदस्य सोबिन व्याधा ने बीएलटीएफ की बैठक के दौरान अधिकारियों एवं अस्पताल में इलाज़ कराने के लिए आए मरीज एवं उनके परिजनों के समक्ष अपनी पीड़ा को बयां कर सभी से अपील की। उन्होंने कहा कि विगत 16 वर्षों से वे इस पीड़ा को झेल रहे हैं लेकिन आपलोग इसको नहीं झेलें। इसके लिए आप सभी अपने घर के सभी सदस्यों सहित आसपास या गांव के लोगों को दवा खिलावायें। आगामी 10 फरवरी से आशा दीदी घर-घर घूम कर एमडीए की दवा खिलाने के लिए आएंगी तो उनके सामने ही आपलोग दवा जरूर खाएं। उन्होंने कहा कि हम तो काफ़ी लंबे समय से हाथीपांव से ग्रसित हैं और मुझे इसका बहुत अफसोस है कि हाथीपांव के कारण अपने जीवन में एक प्रकार की विकलांगता का शिकार होना पड़ गया है। दिव्यांग की तरह मेरा जीवन कट रहा है। लेकिन अब इस बात की खुशी और संतुष्टि है कि अब इस बीमारी की दवा निकल चुकी है। इस दवा का सेवन लगातार पांच वर्षों तक कर लेने मात्र से फाइलेरिया जैसी बीमारी को जड़ से मिटा सकते हैं।