फतुहा में विश्व स्वास्थ दिवस का आयोजन, रोग एटीएम मशीन बन गया है
फतुहा। मां तारा उत्सव पैलेस गोविंदपुर विश्व स्वास्थ्य दिवस का आयोजन किया गया जिसका अध्यक्षता अनिल कुमार , संचालन राणा राजेंद्र पासवान तथा मुख्य अतिथि डॉ लक्ष्मी नारायण सिंह पटेल, अनामिका पाण्डेय। मुख्य अतिथि डॉ लक्ष्मी नारायण सिंह पटेल ने कहा की आज विश्व स्वास्थ्य दिवस है। आज सबसे बड़ी समस्या है की बढ़ती बीमारियों पर रोक कैसे लगे। अस्पताल में यदि कोई व्यक्ति जाए तो सलाह मिले कि रोग ठीक होने के बाद अपने को स्वस्थ कैसे रख सकता है। ऐसे में डॉक्टर स्वयं भी मानसिक रूप से स्वस्थ हो,ज्ञान की दृष्टि से परिपक्व हो और उसमें लाभकारी ज्ञान देने की इच्छा शक्ति हो। आमतौर पर लोग समझते हैं कि हम बीमार थे, ठीक हो गए, स्वस्थ हो गए पर स्वास्थ्य का मतलब यह नहीं। स्वास्थ का परिभाषा यह है कि शारीरिक ,मानसिक, सामाजिक ,आध्यात्मिक और भावनात्मक कल्याण ही स्वास्थ्य है। चिकित्सा विज्ञान का कहना है कि स्वयं को समानता, संतुलन और समन्वय में रखना चाहिए।
स्वस्थ्य होने का अर्थ है
जिस स्थिति में आप हैं उसी स्थिति में बने रहना है। प्रकृति ने जैसा आपको बनाकर भेजा है, आप उस अवस्था को बरकरार रखें और आवश्यकता होने पर उपचार करें तो सबसे पहले हमें स्वस्थ क में परिभाषा को निर्धारित करना होगा। जब हम स्वस्थ रहेंगे तो हमें अस्पतालों की जरूरत कम होगी। स्वास्थ्य की दृष्टि से हम उसी देश को सफल मानेंगे जहां अस्पतालों की आवश्यकता कम होने लगे।
धनाढ्य लोगों के लिए अस्पताल की कतारें सज रही है। गरीबों के लिए सिर्फ मौत ही मौत ही सहारा बच गया है। चिकित्सकों द्वारा नहीं तो बीमारी का कारण ढूंढा जा रहा है, और नहीं निरोग रहने की सलाह दी जा रही है। स्वास्थ्य के लिए सबसे घातक जर्सी का दूध, रिफाइंड तेल, पौलिस यूक्त चावल, चीनी, फ्रीज एवं प्लास्टिक बोतल का पानी यह स्वास्थ्य के लिए खतरे की घंटी इसे रोकने के लिए चिकित्सकों को ही आना होगा। पानी पचास रोगों से भी ज्यादा को ठीक करती है। बताया जाता है कि जाता (चक्की) से भी पचासों बीमारी को ठीक हो सकती है, इससे गैस्टिक, कब्ज, मोटापा, थायराइड आदि ठीक हो जाता है। चिंतन करने का विषय है जिसके पास पैसे नहीं है तो उसका उपचार कैसे होगा। सत्येन्द्र पासवान, जितेंद्र मिस्त्री, अंकुश कुमार,आशीष कुमार, अमीषा कुमारी, सीमा कुमारी, अनामिका पांडे आदि मौजूद थे।