भाजपा के विधानसभा मार्च में पुलिस बर्बरता से लोकतंत्र शर्मसार हुआ : अशोक अग्रवाल
कटिहार। पटना में विधानसभा मार्च के दौरान पुलिस द्वारा की गई बर्बरता बिहार सरकार की निरंकुशता व तानाशाही का प्रमाण है। पूर्व में जिस तरह से सरकार ने छात्रों, शिक्षक अभ्यर्थियों, युवाओं व किसान सलाहकारों के प्रदर्शन को पुलिसिया आतंक से दबाया था। उससे एक कदम आगे बढ़ते हुए पुलिस ने भाजपा कार्यकर्ताओं पर लाठियां चलाई है।
अनेकों युवा, बुजुर्ग और महिलाएं गम्भीर रूप से घायल हुए हैं। कई लोग अभी भी अस्पताल में हैं।
राजनैतिक प्रतिशोध के लिए सरकार द्वारा राजनैतिक कार्यकर्ताओं के शान्तिपूर्ण प्रदर्शन पर इस तरह का बर्बर पुलिस बल कभी प्रयोग नहीं किया गया।
पुलिस द्वारा जान-बूझकर सिर पर लाठियां बलपूर्वक बरसाई जा रही थी।
घटना का दृश्य देखकर कोई भी बता सकता है कि पुलिस ने किस मानसिकता के साथ अपना वीभत्स रूप प्रदर्शित किया है। आज पुलिस की दमनकारी कार्यवाही के दौरान ही भाजपा जहानाबाद के जिला महामंत्री श्री विजय कुमार सिंह जी का दुःखद निधन हो गया।
बिहार आंदोलन की धरा रही है। आज सत्ता में बैठे लोग भी आंदोलन की ही उपज हैं। फिर भी जिस तरह की घटना आज बिहार में हुई है वह सरकार की निराशा, कुंठा और विफलता को सिद्ध करती है। यह सत्ता के कुंठा और अहंकार का विकृत स्वरूप है। बिहार में लोकतंत्र की हत्या के इस वीभत्स स्वरूप से हृदय विदीर्ण है।