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जीरो डेथ के संकल्प के साथ  फरवरी तक एईएस वार्ड की तैयारी पूरी करने पर बनी सहमति

मेडिकल एक्सपर्ट कमेटी की बैठक में हुआ फैसला

सदर एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर होगा क्विक रिस्पांस टीम का गठन

 

मुजफ्फरपुर। चमकी की तैयारियों को लेकर जिला स्वास्थ्य समिति के सभागार में बुधवार को एईएस और जेई मेडिकल एक्सपर्ट कमेटी के बैठक का आयोजन हुआ। बैठक की अध्यक्षता सिविल सर्जन डॉ यूसी शर्मा ने की, जिसमें जीरो डेथ के संकल्प के साथ फरवरी तक शत प्रतिशत तैयारियों को पूरा करने का निर्देश दिया गया। मेडिकल एक्सपर्ट टीम ने जेई टीकाकरण में शत प्रतिशत  लक्ष्य पाने की सलाह दी। बैठक में समीक्षा के दौरान मेडिकल एक्सपर्ट सदस्यों ने जिलान्तर्गत चिकित्सकों और पैरामेडिकल कर्मियों के साथ साथ अन्य कार्यक्रम के सदस्यों को भी प्रशिक्षण देने का सुझाव दिया।
जिला भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ सतीश कुमार ने बताया कि प्रशिक्षण की कार्ययोजना पहले से तैयार है। कार्ययोजना के अनुसार, सभी एमओआइसी, चिकित्सा पदाधिकारी, आयुष चिकित्सा पदाधिकारी, आरबीएसके, चिकित्सा पदाधिकारियों  का प्रशिक्षण मार्च 2023 से पहले करा लिया जाएगा। इसके साथ  ही सभी पर्यवेक्षी पदाधिकारी जिसमें सीडीपीओ, भिबीडीसी, एसटीएस, एएनएम, आशा, जीविका, विकास मित्र और आंगनबाड़ी कर्मी सहित अन्य शामिल हैं, उनका  भी प्रशिक्षण 30 मार्च से पहले करा लिया जाएगा। इसके अतिरिक्त सीएस ने सभी एमओआईसी को निर्देश दिया कि सभी तरह के प्रशिक्षण का माइक्रो प्लान तैयार कर 25 फरवरी तक जिला कार्यालय को उपलब्ध कराना भी सुनिश्चित करें। फरवरी के पहले हफ्ते में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला कोर कमेटी की बैठक भी होगी। वहीं बैठक के दौरान निर्णय लिया गया कि इस वर्ष एईएस वार्ड की तैयारी फरवरी तक शत प्रतिशत करा लिया जाए। इसमें एक हफ्ते के अंदर एईएस वार्ड का गैप एसेसमेंट भी करा लिया जाएगा। सिविल सर्जन ने कहा कि सभी जगह सदर एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर एईएस वार्ड एवं आवश्यक दवाओं, उपकरणों एवं बेड आदि की उपलब्धता एसओपी के अनुसार सुनिश्चित की जाए। आवश्यक दवाओं एवं उपकरणों की मांग केंद्रीय दवा भंडार, मुजफ्फरपुर से करते हुए उठाव किया जाए एवं अनुपलब्ध दवाओं एवं उपकरणों की सूची जिला भीबीडीसी कार्यालय को तुरंत भेजी जाए। वहीं सिविल सर्जन डॉ यूसी शर्मा ने केजरीवाल अस्पताल और एसकेएमसीएच के अधीक्षक से अनुरोध किया कि वे भी एसओपी के अनुसार फरवरी माह तक दवाएं और उपकरण की आपूर्ति सुनिश्चित कर लें। इसके अलावा ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल का बोर्ड भी सभी एईएस वार्ड में लगा लिया जाए। वहीं एईएस मरीजों के पैथोलॉजिकल जांच के बारे में एसकेएमसीएच के अधीक्षक ने कहा कि उनके यहां सभी तरह की जांच सुविधा मौजूद है। जेई की जांच के सवाल पर केजरीवाल ने अपने यहां इस जांच को अनुपलब्ध बताया। एसकेएमसीएच के अधीक्षक के आग्रह पर उसे सैंपल एसकेएमसीएच में भिजवाने को कहा गया। इसके अलावा प्रत्येक एईएस मरीज के ब्लड शुगर की जांच के लिए ग्लूकोमीटर के स्ट्रीप की पर्याप्त मात्रा सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर फरवरी तक उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया। वहीं बैठक के दौरान कहा गया कि एएनएम, आशा, आंगनबाड़ी सेविका एएईएस और जेई बीमारी के लक्षण वाले संभावित मरीजों की खोज कर सूची का संधारण करेंगी। संभावित मरीजों पर निगरानी रखने का भी निर्णय लिया गया। इसके अलावा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के तहत कुपोषित बच्चों की खोज कर सूची का संधारण करते हुए संभावित मरीज पर विशेष नजर रखने को कहा गया। प्रत्येक संभावित एईएस मरीज को एसओपी के मुताबिक प्राथमिक उपचार के बाद ही रेफर किया जाएगा। सभी एंबुलेंस एवं आरबीएसके  के वाहनों के द्वारा नियमित रूप से माइकिंग भी कराई जाएगी। पहले से एईएस और जेई से पीड़ित बच्चों पर विशेष निगरानी के साथ दलित एवं महादलित टोलों के बच्चों पर भी विशेष निगरानी रखने का निर्णय लिया गया। वहीं एसकेएमसीएच शिशु रोग के विभागाध्यक्ष डॉ गोपाल शंकर सहनी ने बताया कि एम्स की टीम दिल्ली से आयी थी. इस टीम  ने बताया था कि माइट्रोकॉन्ड्रिीया में बदलाव, माइक्रोन्यूट्रीएंट से कमी होने के कारण बच्चे में बीमारी की संभावना बनी रहती है, इसलिए कुपोषण की कमी को पूरा करने के लिए दो माह पूर्व से ही विटामीन बी 1, विटामीन बी 2, फोलिक एसिड, जिंक इत्यादि शुरू कर देने से बीमारी की संभावना कम की जा सकती है। इस मौके पर वेक्टर बॉर्न डिजीज के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ विनय कुमार शर्मा, सीएस डॉ यूसी शर्मा, एसीएमओ डॉ सुभाष प्रसाद सिंह, एसकेएमसीएच शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ गोपाल शंकर सहनी, डॉ पूनम कुमारी, जिला भीबीडीसी डॉ सतीश कुमार, डीआइओ डॉ एसके पांडेय, डीएस डॉ एनके चौधरी, केयर डीटीएल मुकेश कुमार, यूनिसेफ की डॉ नलनी, डॉ गौतम कुमार, यूनिसेफ से राजेश कुमार, संजय कुमार, डीभीबीडीसी प्रीतिकेश परमार्थी, राजेश कुमार झा, डैम विनोद कुमार, डीसीएम पुष्कार कुमार एवं सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी मौजूद थे।

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