एमडीए अभियान को नेटवर्क सदस्यों का मिल रहा सार्थक सहयोग
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एवं कर्मियों द्वारा पूरी तन्मयता से एमडीए की खिलाई जा रही दवा: सिविल सर्जन
नेटवर्क सदस्यों द्वारा ग्रामीणों को दवा खाने के लिए किया जा रहा है प्रेरित: डीएमओ
नेटवर्क सदस्यों ने दवा खाने से इनकार करने वालों को प्रेरित कर खिलाई दवा: एमओआईसी
फाइलेरिया को बढ़ने में रोकने को दवा सेवन एवं विशेष रूप से सफाई एकमात्र उपाय: नेटवर्क सदस्य
कटिहार। जिले में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान के दौरान नेटवर्क सदस्यों की भूमिका काफ़ी सराहनीय रही है। क्योंकि एमडीए अभियान के तहत कोढ़ा एवं बरारी प्रखंड में दवा खाने से इनकार करने वालों को काफ़ी समझाने के बाद आशा कार्यकर्ता के सहयोग से दवा खिलाने में सफलता हाथ लगी है। सिविल सर्जन डॉ जितेंद्र नाथ सिंह ने बताया कि जिलाधिकारी उदयन मिश्रा के मार्गदर्शन में फाइलेरिया उन्मूलन को जड़ से मिटाने में शत प्रतिशत सफ़लता हासिल करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया था। जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एवं कर्मियों द्वारा पूरी तन्मयता से एमडीए की गोली खिलाई गई। वहीं जिले के सभी प्रखंडों में एमडीए का मॉप अप राउंड का अंतिम दिन होने के कारण सभी स्वास्थ्य कर्मी एक जुट होकर लगे हुए हैं। ताकि शत प्रतिशत लक्ष्य की प्राप्ति हो। जिसमें छूटे हुए लाभार्थियों को चिह्नित कर फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन कराया जाए।
नेटवर्क सदस्यों द्वारा ग्रामीणों को दवा खाने के लिए किया जा रहा है प्रेरित: डीएमओ
ज़िला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ जय प्रकाश सिंह
ने बताया कि भारत सरकार एवं बिहार सरकार लिम्फेटिक फाइलेरिया (हाथीपांव) के उन्मूलन को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है। क्योंकि हाथी पांव एवं हाइड्रोसील फाइलेरिया के संक्रमण से होने वाले दुष्प्रभाव हैं। इस तरह के व्यक्तियों को भी साल में एक बार ही भारत सरकार के गाइडलाइन के आधार पर फाइलेरिया रोधी दवाओं अल्बेंडाजोल, डीईसी और आइवर मैकटिन या अल्बेंडाजोल और डीईसी का सेवन करना पर्याप्त है। विगत 10 फ़रवरी से शुरू हुए एमडीए अभियान के तहत आशा कार्यकर्ताओं के साथ-साथ कोढ़ा एवं बरारी प्रखंड के नेटवर्क सदस्यों द्वारा ग्रामीणों को जागरूक करने और दवा खाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
नेटवर्क सदस्यों ने दवा खाने से इनकार करने वालों को प्रेरित कर खिलाई दवा: एमओआईसी
बरारी प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ मुसर्रफ आलम ने बताया कि स्थानी प्रखंड अंतर्गत रौनियां पंचायत के घुसकी गांव के 30 एवं गौरीडीह गांव के 36 योग्य लाभुकों ने फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन करने से इंकार कर दिया था लेकिन भ्रमणशील टीम में शामिल आशा कार्यकर्ता अनिता देवी एवं तुलसी फाइलेरिया पेशेंट सपोर्ट ग्रुप (पीएसजी) की सदस्य गीता देवी के सहयोग से सभी लाभुकों को प्रेरित कर दवा खिलाई गई। जब तक दवा खिलाई नहीं गई तब तक नेटवर्क सदस्य गीता देवी दवा खाने से इंकार कर रहे लाभार्थियों को प्रेरित करने में जुटी रहीं। दवा का सेवन कराने के दौरान नेटवर्क सदस्य गीता देवी ने स्थानीय लोगों की भीड़ में फाइलेरिया रोधी दवाओं का लाभ एवं नहीं खाने के कारण होने वाले दुष्प्रभावों की जानकारी देती रहीं। जिसकी बदौलत रौनियां पंचायत के घुसरी एवं गौरीडीह गांव के सैकड़ों ग्रामीणों ने दवाओं का सेवन किया।
एमडीए में मिला नेटवर्क सदस्यों का सहयोग: स्वास्थ्य कर्मी
एमडीए कार्यक्रम में लगी आशा कार्यकर्ता मीरा देवी, अनिता देवी एवं सुनैना देवी ने बताया कि इस बार एमडीए अभियान में फाइलेरिया पेशेंट सपोर्ट ग्रुप के सदस्यों का भरपूर सहयोग मिला है। पूर्व के दिनों में जब वो क्षेत्र में दवा खिलाने के लिए जाती थीं, तब कई लोग दवा खाने से मना कर देते थे। लेकिन काफी समझाने के बावजूद भी ग्रामीण दवा खाने के लिए राजी नहीं होते थे। लेकिन इस बार एमडीए अभियान में पीएसजी सदस्यों का साथ अभियान की सफलता का मुख्य कारण रहा है। जहां पर भी लोग दवा खाने में आनाकानी कर रहे थे। वहां पीएसजी के सदस्यों द्वारा किसी तरह प्रेरित कर फाइलेरिया की जानकारी देने के साथ ही ग्रामीणों को दवाओं का सेवन कराया गया है।
फाइलेरिया को बढ़ने में रोकने को दवा सेवन एवं विशेष रूप से सफाई एक मात्र उपाय: नेटवर्क सदस्य
तुलसी पीएसजी की सदस्य गीता देवी ने स्थानीय ग्रामीणों को बताया कि फाइलेरिया बीमारी से ग्रसित लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। क्योंकि जब भी मौसम में बदलाव होता है, उस दौरान उनकी परेशानी काफ़ी बढ़ जाती है। यदि, उन्हें शुरुआती दौर में ही फाइलेरिया की जानकारी होती तो शायद आज उन्हें इस परेशानियों से जूझना नहीं पड़ता। एक बार जब फाइलेरिया बीमारी के कारण हाथी पांव या हाइड्रोसील में सूजन हो जाती, तब उसका कोई मुकम्मल इलाज नहीं है। लेकिन हां, नियमित दवाओं के सेवन और साफ सफाई मात्र से इस बीमारी को बढ़ने से रोका जा सकता है। उन्होंने लाभुकों से अपील करते हुए कहा कि आप सभी को फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन अनिवार्य रूप से करना चाहिए। ताकि माइक्रो फाइलेरिया के परिजीवी होने से उनको नष्ट किया जा सकता है।