परिवार नियोजन मेला का हुआ आयोजन, लोगों को परिवार नियोजन के विभिन्न साधनों की दी गई जानकारी
– 05 से 25 मार्च तक चलेगा मिशन परिवार विकास पखवाड़ा
– परिवार नियोजन के स्थाई व अस्थाई साधनों की जानकारी देने के लिए लगाए गए थे स्टॉल
– शादी के 2 साल के बाद पहले बच्चे के लिए किया जा रहा जागरूक
– अधिक से अधिक लोगों को जागरूक करने का है उद्देश्य
पूर्णिया। मिशन परिवार विकास अभियान पखवाड़ा के तहत पूर्णिया पूर्व प्रखंड के अस्पताल परिसर में परिवार नियोजन मेला का आयोजन किया गया। आयोजित मेले में लोगों को परिवार नियोजन परामर्श के साथ इच्छुक लोगों को निःशुल्क परिवार नियोजन के स्थाई एवं अस्थाई संसाधन उपलब्ध कराया गया । मेला में लोगों द्वारा इन संसाधनों के बारे में और उनकी विधि, इस्तेमाल तथा प्रयोग की जानकारी ली गई। मेले में परिवार नियोजन के विभिन्न संसाधनों की अलग से स्टॉल लगाई गई थी जहाँ प्रशिक्षित नर्स द्वारा लोगों का मार्ग दर्शन किया गया। सभी स्टाल पर परिवार नियोजन के विभिन्न प्रकार के साधनों का प्रदर्शन भी किया गया। मेले का उद्घाटन सिविल सर्जन डॉ. अभय प्रकाश चौधरी द्वारा किया गया। इस दौरान आईसीडीएस डीपीओ रजनी गुप्ता, पूर्णिया पूर्व प्रखंड बीडीओ अमित आनंद, डीपीएम सुरेंद्र कुमार दास, डीसीएम संजय दिनकर, डीसीक्यूए डॉ. अनिल कुमार, एपिडेमियोलॉजिस्ट नीरज कुमार निराला, एमओआईसी डॉ. शरद कुमार, बीसीएम विभव कुमार व अन्य स्वास्थ्य अधिकारी उपस्थित रहे।
05 से 25 मार्च तक चलेगा मिशन परिवार विकास पखवाड़ा :
सिविल सर्जन डॉ. अभय प्रकाश चौधरी ने बताया कि जिले में 05 मार्च से 25 मार्च तक मिशन परिवार विकास पखवाड़ा का आयोजन किया जा रहा है। इसके तहत 05 मार्च से 12 मार्च तक जिले में दंपति संपर्क सप्ताह मनाया गया। इस दौरान आशा कार्यकर्त्ता ने घर-घर जाकर योग्य दंपतियों से भेंट कर उन्हें परिवार नियोजन के साधनों के विषय में जानकारी दी । वहीं, 13 से 25मार्च तक परिवार नियोजन सेवा सप्ताह का आयोजन किया गया है जिससे कि इच्छुक लोगों को परिवार नियोजन के विभिन्न साधनों की सेवा उपलब्ध कराई जाएगी।
शादी के 2 साल के बाद पहले बच्चे के लिए किया जा रहा जागरूक :
डीपीएम सुरेंद्र कुमार दास ने बताया दंपति संपर्क पखवाड़े के दौरान आमजन में जागरूकता लाने के लिए सही उम्र में शादी, शादी के बाद कम से कम 2 साल के बाद पहला बच्चा, दो बच्चों में कम से कम 3 साल का अंतराल एवं प्रसव के बाद या गर्भपात के बाद परिवार नियोजन के स्थायी एवं अस्थायी साधनों पर जोर दिया जा रहा है। इसके प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए जिले में ई-रिक्शा कार्यक्रम भी चलाया गया है। जिसके माध्यम से माइकिंग द्वारा लोगों को परिवार नियोजन के विभिन्न उपलब्धियों की जानकारी दी जा रही है।
अधिक से अधिक लोगों को जागरूक करने का है उद्देश्य :
डीसीएम संजय दिनकर ने कहा कि मिशन परिवार विकास पखवाड़े को संचालित करने का उद्देश्य परिवार नियोजन सेवा का समुदाय स्तर तक पहुंच को बेहतर बनाना है। इससे नवदंपति या एक संतान वाले दंपत्ति जोड़े के बीच गर्भधारण में अंतराल एवं स्वस्थ जीवन को अपनाने के प्रति जागरूकता हो सके। साथ ही, संस्थागत प्रसव व सुरक्षित गर्भपात को ध्यान में रखते हुए प्रसव के बाद महिला नसबंदी एवं कॉपर-टी संस्थापन पर अभियान के दौरान विशेष बल दिया जा रहा है। इसके लिए प्रसव कक्ष में परिवार कल्याण परामर्शी, एएनएम, स्टाफ नर्स के माध्यम से प्रसव एवं गर्भपात के लिए आए हुए इच्छुक महिलाओं को उत्प्रेरित करते हुए सुविधा प्रदान करायी जा रही है।