जिले के कालाजार प्रभावित 12 प्रखंडों में चलेगा छिड़काव अभियान
17 मार्च से प्रभावित 24 गांवों में होगा कालाजार की दवा का छिड़काव
अभियान की सफलता को लेकर कर्मियों का हुआ प्रशिक्षण
बेतिया। जिले को कालाजार से मुक्त करने को लेकर सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग गंभीर है। जिले के 12 प्रखंड के 24 गांव कालाजार से प्रभावित हैं। उन सभी स्थानों पर कालाजार की दवा छिड़काव कर उस क्षेत्र को कालाजार से मुक्त किया जाएगा। ये जानकारी जिले के सिविल सर्जन डॉ श्रीकांत दुबे ने दी। उन्होंने बताया कि कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम को लेकर विभिन्न प्रखंडों में छिड़काव दल को प्रशिक्षित करने का काम स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है। वहीं जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ हरेन्द्र कुमार ने बताया कि- बालू मक्खी के काटने से कालाजार होता है। इसमें मरीज को लगातार रूक-रूक कर या तेजी के साथ बुखार आता है। वजन में लगातार कमी होना, दुर्बलता, मक्खी के काटे हुए जगह पर घाव होना एवं प्लीहा में नुकसान इसके मुख्य लक्षण हैं। भीबीडीएस सुजीत कुमार व केयर इंडिया प्रतिनिधि श्याम सुंदर कुमार ने बताया प्रथम चक्र का छिड़काव अभियान 60 दिनों तक चलेगा। यह अभियान 17 मार्च से शुरू हो रहा है। इस दौरान इस बात का विशेष ख्याल रखा जाएगा कि एक भी घर छिड़काव से छूटे नहीं और हर हाल में शत-प्रतिशत घरों में छिड़काव सुनिश्चित हो। वहीं भीबीडीएस सुजीत कुमार व श्याम सुंदर कुमार ने बताया कि डीएमओ ऑफिस के प्रांगण में छिड़काव दल को प्रशिक्षित किया गया है। ताकि प्रशिक्षण प्राप्त कर कर्मी विभाग के अनुरूप छिड़काव करें। उन्होंने बताया कि 12 प्रखंडों में यथा- बेतिया, मझौलिया, नौतन, बैरिया, चनपटिया, सिकटा, ठकराहा, मधुबनी, भिठहा, गौनाहा, लौरिया, नरकटियागंज, में कालाजार उन्मूलन अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान मौजूद छिड़काव कर्मियों को घर-घर जाकर कैसे छिड़काव करनी है, छिड़काव के दौरान किन-किन बातों का ख्याल रखना आदि तमाम जानकारियाँ विस्तार पूर्वक दी गई।
छिड़काव के दौरान इन बातों का रखें ख्याल:
– छिड़काव के पूर्व घर की अन्दरूनी दीवार की छेद/दरार बंद कर दें।
– घर के सभी कमरों, रसोई घर, पूजा घर, एवं गोहाल के अन्दरूनी दीवारों पर छः फीट तक छिड़काव अवश्य कराएं। छिड़काव के दो घंटे बाद घर में प्रवेश करें।
– छिड़काव के पूर्व भोजन सामग्री , बर्तन, कपड़े आदि को घर से बाहर रख दें।
– ढाई से तीन माह तक दीवारों पर लिपाई-पोताई ना करें, जिससे कीटनाशक (एस पी) का असर बना रहे।